आगरा में मुस्लिम युवक की हत्या, 2 युवकों ने ली मर्डर की जिम्मेदारी, पुलिस ने बताया भ्रामक
यूपी के आगरा में दो मुस्लिम युवकों को गोली मर दी गई। एक की मौत हो गई। इसके दो युवकों ने वीडियो जारी कर मर्डर की जिम्मेदारी ली। आगरा कमिश्नरेट पुलिस इससे सख्ती से निपट रही है। पुलिस ने इसे भ्रामक बताया है।

यूपी के आगरा में थाना ताजगंज इलाके में बुधवार की रात दो मुस्लिम युवकों को गोली मारी गई। एक युवक की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई, जबकि दूसरे घायल का उपचार जारी है। बिरियानी की दुकान के बाहर हुई इस वारदात को बाइक सवार तीन अज्ञात लोगों ने अंजाम दिया। पुलिस इसे पैसे पर विवाद मानकर चल रही थी। बुधवार देर शाम इंस्टा आईडी से जारी एक वीडियो के माध्यम से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई। वीडियो में दो युवकों की हत्या की जिम्मेदारी ली। आगरा कमिश्नरेट पुलिस इससे सख्ती से निपट रही है। पुलिस कमिश्नरेट के हैंडल से देर रात स्पष्ट किया गया की वीडियो जारी करने वाले संगठन का कोई अस्तित्व नहीं है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हमलावर जल्दी पकड़ में होंगे। गुलफाम के शव को पोस्टमार्टम के बाद दफ़ना दिया गया है। वारदात में घायल सैफ का एक वीडियो पोस्ट साझा किया गया है, जिसमें वह स्पष्ट तौर पर हमलावरों को अज्ञात बता रहा है। वीडियो में कही गई किसी भी बात की पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस ने इसे भ्रामक बताया है।
शिल्पग्राम (ताजगंज) के पास बुधवार रात करीब 12 बजे गुलफाम और उसके चचेरे भाई सैफ अली को गोली मारी गई थी। गुलफाम की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि सैफ जख्मी है। एक इंस्टा आईडी से घटना के करीब एक घंटे बाद एक वीडियो पोस्ट किया गया। जिन युवकों और संस्था की ओर से यह वीडियो जारी किया गया, वह सोशल मीडिया पर खास सक्रिय नहीं थे। इस कारण बुधवार देर शाम यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में कट्टा-चाकू से लैस दो युवक दिख रहे हैं। ताजगंज में दो युवकों की हत्या की जिम्मेदारी ले रहे हैं। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि वीडियो का कमिश्नरेट पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी खंडन किया है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स द्वारा एक झूठी अफवाह फैलाई जा रही है। थाना ताजगंज में 23 अप्रैल को हुई घटना के समय मृतक के तीन साथी मौके पर मौजूद थे। उनमें से किसी एक ने भी कोई ऐसी बात परिजनों तथा पुलिस को नहीं बताई गई है। अतः आप भ्रामक और गैर जिम्मेदाराना पोस्ट कदापि न करें। मौके पर भोजन (खाने) को लेकर विवाद परिलक्षित हुआ है। पुलिस की तफ्तीश में नाम सामने आए हैं। पुलिस की टीमों द्वारा शीघ्र ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस की तफ्तीश में नाम सामने आए हैं। पुलिस की टीमों द्वारा शीघ्र ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
यूपी के आगरा में थाना ताजगंज इलाके में बुधवार की रात दो मुस्लिम युवकों को गोली मारी गई। एक युवक की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत हो गई, जबकि दूसरे घायल का उपचार जारी है। बिरियानी की दुकान के बाहर हुई इस वारदात को बाइक सवार तीन अज्ञात लोगों ने अंजाम दिया। पुलिस इसे पैसे पर विवाद मानकर चल रही थी। बुधवार देर शाम इंस्टा आईडी से जारी एक वीडियो के माध्यम से सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई। वीडियो में दो युवकों की हत्या की जिम्मेदारी ली। आगरा कमिश्नरेट पुलिस इससे सख्ती से निपट रही है। पुलिस कमिश्नरेट के हैंडल से देर रात स्पष्ट किया गया की वीडियो जारी करने वाले संगठन का कोई अस्तित्व नहीं है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हमलावर जल्दी पकड़ में होंगे। गुलफाम के शव को पोस्टमार्टम के बाद दफ़ना दिया गया है। वारदात में घायल सैफ का एक वीडियो पोस्ट साझा किया गया है, जिसमें वह स्पष्ट तौर पर हमलावरों को अज्ञात बता रहा है। वीडियो में कही गई किसी भी बात की पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस ने इसे भ्रामक बताया है।
शिल्पग्राम (ताजगंज) के पास बुधवार रात करीब 12 बजे गुलफाम और उसके चचेरे भाई सैफ अली को गोली मारी गई थी। गुलफाम की गोली लगने से मौत हो गई, जबकि सैफ जख्मी है। एक इंस्टा आईडी से घटना के करीब एक घंटे बाद एक वीडियो पोस्ट किया गया। जिन युवकों और संस्था की ओर से यह वीडियो जारी किया गया, वह सोशल मीडिया पर खास सक्रिय नहीं थे। इस कारण बुधवार देर शाम यह वीडियो तेजी से वायरल हुआ। वीडियो में कट्टा-चाकू से लैस दो युवक दिख रहे हैं। ताजगंज में दो युवकों की हत्या की जिम्मेदारी ले रहे हैं। सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली आपत्तिजनक और भड़काऊ भाषा का प्रयोग कर रहे हैं।
पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि वीडियो का कमिश्नरेट पुलिस ने सोशल मीडिया पर भी खंडन किया है। इसमें कहा गया है कि सोशल मीडिया के विभिन्न माध्यमों से माइक्रोब्लॉगिंग साइट्स द्वारा एक झूठी अफवाह फैलाई जा रही है। थाना ताजगंज में 23 अप्रैल को हुई घटना के समय मृतक के तीन साथी मौके पर मौजूद थे। उनमें से किसी एक ने भी कोई ऐसी बात परिजनों तथा पुलिस को नहीं बताई गई है। अतः आप भ्रामक और गैर जिम्मेदाराना पोस्ट कदापि न करें। मौके पर भोजन (खाने) को लेकर विवाद परिलक्षित हुआ है। पुलिस की तफ्तीश में नाम सामने आए हैं। पुलिस की टीमों द्वारा शीघ्र ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाएगी। पुलिस की तफ्तीश में नाम सामने आए हैं। पुलिस की टीमों द्वारा शीघ्र ही अभियुक्तों की गिरफ्तारी कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।
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खंगाले जा रहे सीसीटीवी कैमरे
पुलिस इलाके में लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाल रही है। हमलावर सीसीटीवी में कैद हैं। पुलिस उनकी पहचान के प्रयास कर रही है। गुलफाम की कॉल डिटेल भी खंगाली जा रही है। पुलिस ने सीसीटीवी खंगाले तो जानकारी हुर्ह कि बाइक सवार हत्यारोपी फतेहाबाद मार्ग की तरफ भागे हैं। कहने को यह इलाका ताजमहल के पास है, मगर इस इलाके में लगे सीसीटीवी की क्वालिटी ज्यादा अच्छी नहीं है। पुलिस को फुटेज तो मिले मगर वह ज्यादा साफ नहीं है। सूत्रों की मानें तो हत्यारोपी बसई चौकी के सामने से होते हुए तोरा चौकी की तरफ गए थे।