बोले मुजफ्फरनगर : राज्यकर्मियों को पुरानी पेंशन की दरकार
Muzaffar-nagar News - बोले मुजफ्फरनगर : राज्यकर्मियों को पुरानी पेंशन की दरकार
जनपद के विभिन्न विभागों में करीब 520 राज्य कर्मचारी हैं, जो लंबे समय से पुरानी पेंशन बहाली के साथ ही कोरोना काल में खत्म किए गए भत्तों के साथ ही पेय कमीशन व मेडिकल कैश लैस समेत अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे हैं। एनसीआर में होने के बावजूद जनपद के राज्य कर्मचारियों को एनसीआर में मिलने वाली अन्य सुविधाओं की भी दरकार है। वहीं, राज्य कर्मचारी एनसीआर क्षेत्र होने के बावजूद जनपद के सरकारी विभागों में 20-20 साल पुराने वाहन संचालित किए जाने का भी आरोप लगाते हुए नए वाहन चलाने की मांग कर रहे हैं। ----------
जनपद के विभिन्न विभागों में करीब 520 राज्य कर्मचारी हैं, जो लंबे समय से अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर परेशान हैं। उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष राहुल चौधरी का कहना है कि राज्य कर्मचारियों को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। विभिन्न समस्याओं को लेकर कई बार वार्ता हो चुकी है, लेकिन समाधान नहीं निकल पा रहे हैं। राज्य कर्मचारियों की सबसे बड़ी समस्या पुरानी पेंशन बहाली है, जिसे सरकार ने वर्ष 2004 के बाद सरकारी विभागों में नियुक्ति पाने वाले कर्मचारियों के लिए बंद कर दिया था, लेकिन एमपी-एमएलए को अभी भी पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ दिया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य कर्मचारियों को पेय कमीशन और मेडिकल कैश लैस सुविधा का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है। मेडिकल कैश लैस सुविधाओं का लाभ कर्मचारियों को केवल कागजों में ही दिया जा रहा है, जबकि वास्तविकता में इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसके अलावा, कोरोना काल में सरकार ने राज्य कर्मचारियों को मिलने वाले कई भत्तों को रोक दिया था, जिन्हें कोरोना काल खत्म होने के बावजूद अब तक नहीं बहाल किया गया है। वहीं, सरकार ने पूर्व में एक पॉलिसी बनाई थी, जिसके तहत दो बच्चों वाले राज्य कर्मचारियों को अन्य कर्मचारियों की अपेक्षा एक अतिरिक्त प्रोन्नति का लाभ मिलता था, लेकिन सरकार ने अब यह पॉलिसी भी बंद कर दी है। इसके चलते राज्य कर्मचारियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राहुल चौधरी ने कहा कि सरकार को कर्मचारियों की वार्षिक ईएल व सीएल अवकाश में भी बढ़ोत्तरी करनी चाहिए। उन्होंने शासन से कर्मचारियों की उक्त समस्याओं का सुनियोजित तरीके और समय से समाधान किए जाने की मांग की है।
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एनसीआर में नहीं मिलती सुविधाएं
मुजफ्फरनगर। जनपद मुजफ्फरनगर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में शामिल है, लेकिन जनपद के राज्य कर्मचारियों को एनसीआर में मिलने वाली सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। राहुल चौधरी का कहना है कि जनपद काफी समय से एनसीआर में शामिल है, लेकिन यहां के कर्मचारियों को एनसीआर में कार्यरत कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्तों के साथ ही अन्य भत्तों में बढोत्तरी का लाभ नहीं मिल पा रहा है। वहीं, राजकीय वाहन चालक संघ के अध्यक्ष प्रमोद राठी ने कहा कि एनसीआर में वाहनों को चलाने की समयसीमा केवल दस व 15 साल ही है, जिसके बाद इन वाहनों को सेवा व संचालन से हटा दिया जाता है। इसके बावजूद जनपद के कई विभागों में 20-20 साल पुराने वाहनों का अब भी संचालन किया जा रहा है। पुराने वाहन सेवा व संचालन से नहीं हटाए जाने के कारण राजकीय कार्य सुचारू रूप से नहीं किए जा रहे हैं। जनपद में शासन को नए वाहन आवंटित किए जाने चाहिए, ताकि राजकीय कार्य बेहतर तरीके से संचालित किए जा सके। इसके अलावा, चालक संघ की एक ओर समस्या है कि जनपद के कई विभागों में चालक का पद स्वीकृत है, जिन पर चालक के रूप में कर्मचारी भी नियुक्त हैं। इसके बावजूद विभागाध्यक्षों द्वारा चालकों को नजरअंदाज कर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से सरकारी वाहनों का संचालन कराया जा रहा है, जो पूरी तरह नियम विरुद्ध है। इससे जहां चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का काम बाधित हो रहा है, वहीं कोई हादसा होने की स्थिति में इसकी जिम्मेदारी चालक पर डाल दी जाती है। इस स्थिति से बचने के लिए सरकारी वाहन संबंधित चालक से ही चलवाए जाने चाहिए।
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--- शिकायतें और सुझाव ---
शिकायतें ---
- वर्ष 2004 के बाद भर्ती हुए राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ नहीं मिलने से उन्हें भविष्य में परेशानियां उठानी पड़ेंगी।
- कर्मचारियों को पेय कमीशन के साथ ही मेडिकल कैश लैस सुविधाओं का भी लाभ नहीं मिल पा रहा है, जिससे परेशानी हो रही है।
- कोरोना काल में सरकार ने कुछ भत्ते रोक दिए थे, जो कोरोना काल समाप्त होने के बावजूद आज तक पुन: शुरू नहीं किए गए हैं।
- एनसीआर में होने के बावजूद कर्मचारियों को एनसीआर की तर्ज पर महंगाई भत्तों में बढोत्तरी व अन्य सुविधाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
- एनसीआर में होने पर भी जनपद के सरकारी विभागों में अभी भी 20-20 साल पुराने वाहनों का धड़ल्ले से संचालन किया जा रहा है।
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सुझाव ---
- सरकार को सभी नए-पुराने कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ देना चाहिए, ताकि कर्मचारी भविष्य में परेशानी से बच सकें।
- राज्य कर्मचारियों को पेय कमीशन के साथ ही मेडिकल कैश लैस सुविधाओं का भी पूरी तरह वास्तविक लाभ दिया जाना चाहिए।
- सरकार द्वारा कोरोना काल में रोके गए भत्ते फिर से शुरू कर राज्य कर्मचारियों का उनका पूर्ण लाभ दिया जाना चाहिए।
- राज्य कर्मचारियों को एनसीआर क्षेत्र में होने के चलते उसी तर्ज पर महंगाई भत्तों में बढोत्तरी समेत अन्य सुविधाओं का लाभ देना चाहिए।
- एनसीआर के तहत आने वाले जनपद के सरकारी विभागों में पुराने वाहनों का संचालन बंद कर नए वाहन आवंटित किए जाने चाहिए।
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इन्होंने कहा ---
- राज्य कर्मचारियों को पुरानी पेंशन व्यवस्था के साथ ही पेय कमीशन का भी लाभ मिलना चाहिए। मेडिकल कैश लैस सुविधा कागजों में तो चल रही है, लेकिन वास्तविकता में कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है।
राहुल कुमार, अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी महासंघ
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- एनसीआर में होने के बावजूद जनपद के विभागों में अभी भी 20-20 साल पुराने वाहनों का संचालन किया जा रहा है, जबकि एनसीआर में दस व 15 साल में वाहनों को कार्यमुक्त कर दिया जाता है। जनपद में भी इसी तर्ज पर नए वाहनों का आवंटन किया जाना चाहिए।
प्रमोद राठी, अध्यक्ष, राजकीय वाहन चालक संघ
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राज्य कर्मचारियों का दर्द
- कर्मचारियों की मेडिकल कैश लैस सुविधा केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है। कैश लैस सुविधा को धरातल पर उतारने के लिए सरकार को उचित निर्णय लेने चाहिए।
लियाकत अली
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- वर्ष 2004 के बाद भर्ती हुए कर्मचारियों की पेंशन बंद कर दी गई है। सरकार को राज्य कर्मचारियों के हित में पुरानी पेंशन बहाल करनी चाहिए।
लक्ष्य भाटिया
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- दो बच्चों वाले कर्मचारियों को सरकार द्वारा उनके सेवाकाल में एक अतिरिक्त प्रोन्नति दी जाती थी, लेकिन वर्तमान में कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अर्चना शर्मा
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- जिला एनसीआर में होने के बाद भी राज्य कर्मचारियों को महंगाई भत्तों का लाभ नहीं मिलता है, जबकि एनसीआर में होने के कारण महंगाई भत्ते बढ़कर मिलने चाहिए।
अशरफ अली
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- कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि एमपी-एमएलए को अभी भी पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जा रहा है।
कुलवंत सिंह
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- सरकार द्वारा वर्ष 2004 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों के हित में निर्णय लेते हुए पुरानी पेंशन योजना बहाल करनी चाहिए।
सचिन कुमार
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- कर्मचारियों की वार्षिक ईएल और सीएल में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल की जानी चाहिए।
हुकुम सिंह
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- राज्य कर्मचारियों की मेडिकल कैश लैस सुविधा का लाभ धरातल पर नहीं मिल रहा है। कैश लैस सुविधा केवल कागजों तक सीमित रह गई है।
मयंक सिंगवाल
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- कोरोना काल में रोके गए भत्तों का लाभ कर्मचारियों को नहीं मिल पा रहा है, जिस कारण काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
गौरव कुमार
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- कर्मचारियों को पेय कमीशन का लाभ नहीं मिल रहा है। मेडिकल कैश लैस सुविधा का लाभ प्राथमिकता के साथ दिया जाना चाहिए।
सतेंद्र कुमार
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- राज्य कर्मचारी पुरानी पेंशन बहाली को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं। सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में निर्णय लेकर पुरानी पेंशन बहाल की जानी चाहिए।
सुमित कुमार
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- जनपद के एनसीआर में होने के बाद भी कर्मचारियों को महंगाई भत्तों का पर्याप्त लाभ नहीं मिल पा रहा है। कर्मचारी पेय कमीशन के लाभ से भी वंचित है।
प्रवीण कुमार
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