यूपी के प्राइमरी शिक्षकों के लिए दूसरे जिले में ट्रांसफर का मौका, 12 जून से कर सकेंगे अप्लाई; जानें डिटेल
शिक्षक-शिक्षिकाएं नौ से 13 जून तक ऑनलाइन आवेदन की छायाप्रति संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारी के ऑफिस में जमा करेंगे। बीएसए के स्तर से 14 जून को ऑनलाइन सत्यापन एवं डाटा लॉक किया जाएगा। एनआईसी लखनऊ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से 16 जून को स्थानांतरण करते हुए लिस्ट जारी होगी।

Primary Teacher's Transfer: यूपी के परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के अंतर जनपदीय स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन नौ से 12 जून तक होंगे। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र तिवारी ने गुरुवार को सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी किए। इस स्थानांतरण के लिए छह से सात जून तक आरटीई मानकों के आधार पर छात्र-शिक्षक अनुपात गणना कर शिक्षक-शिक्षिकाओं की जरूरत वाले और अधिक शिक्षक वाले जिलों को चिन्हित करते हुए सूची ऑनलाइन प्रदर्शित की जाएगी।
शिक्षक-शिक्षिकाएं नौ से 13 जून तक ऑनलाइन आवेदन की छायाप्रति संबंधित बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करेंगे। बीएसए के स्तर से 14 जून को ऑनलाइन सत्यापन एवं डाटा लॉक किया जाएगा। एनआईसी लखनऊ द्वारा विकसित सॉफ्टवेयर के माध्यम से 16 जून को स्थानांतरण करते हुए सूची जारी होगी। अंतर जनपदीय स्थानांतरण के लिए सेवा अवधि की बाध्यता नहीं है।
आवश्यकता से अधिक अध्यापक वाले जिलों में कार्यरत शिक्षक-शिक्षिकाओं से स्वेच्छा से अध्यापक की आवश्यकता वाले जिलों का ऑनलाइन विकल्प वरीयता क्रम में लिया जाएगा। पोर्टल पर प्रदर्शित जिलों में से कम से कम एक जिले का विकल्प देना अनिवार्य होगा। ऐसे ऑनलाइन आवेदन जिनमें विकल्प नहीं होगा निरस्त माने जाएंगे। जिले से बाहर और जिले में आने वाले शिक्षक-शिक्षिकाओं की संख्या वैकेंसी मैट्रिस से अधिक नहीं होगी।
पीसीएस से 20 गुना महंगी शिक्षक भर्ती आवेदन फीस
यूपी में अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए आवेदन फीस आईएएस-पीसीएस बनने की भर्ती परीक्षा से भी 20 गुना महंगी है। नवगठित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग ने विज्ञापन संख्या 51 के तहत बीएड के 107 पदों पर भर्ती के लिए 13 जून तक ऑनलाइन आवेदन मांगे हैं। इसके लिए अनारक्षित, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग की फीस 2000 रुपये जबकि एससी/एसटी के लिए फीस 1000 रुपये रखी गई है। दूसरे भर्ती आयोगों से तुलना की जाए तो नवगठित आयोग की फीस 20 गुना अधिक है।