बोले बेल्हा : ओवरब्रिज निर्माण के लिए नाले का रोका बहाव, मोहल्ले में बिन बारिश जलभराव
Pratapgarh-kunda News - भंगवा चुंगी चौराहे से सहोदरपुर मोहल्ले को जोड़ने के लिए बने ओवरब्रिज ने मोहल्ले के करीब 400 परिवारों की समस्याओं को बढ़ा दिया है। नाले का गंदा पानी भरने से लोग दुर्गंध और जलभराव से परेशान हैं।...
शहर के भंगवा चुंगी चौराहे से सहोदरपुर मोहल्ले को जोड़ने और शहरवालों का आवागमन सुलभ बनाने के लिए बनाया जा रहर आवेरब्रिज फिलहाल तो रेलवे लाइन के उस पर बसे सहोदरपुर मोहल्ले के करीब 400 परिवारों के लिए मुसीबत साबित हो रहा है। भंगवा गांव से सहोदरपुर होते हुए बड़े तालाब में गिरने वाला मुख्य नाला कार्यदाई संस्था के जिम्मेदारों ने रेलवे लाइन के करीब बांध दिया। नतीजा नाले का गंदा पानी डंप होने लगा और नाला ओवरफ्लो होकर गंदा पानी पूरे मोहल्ले में भरने लगा। करीब चार महीने पहले बांधे नाले से लगातार गंदा पानी मोहल्ले में भरता रहा, नतीजा वर्तमान में मोहल्ले के मुख्य रास्ते के साथ अधिकतर सड़कों के किनारे गंदा पानी भरा रहता है।
दूर से देखकर ऐसा लगता है कि मोहल्ले वाले तालाब में बसे हैं। खास बात यह कि ओवरब्रिज का निर्माण भी बीच में ठप हो चुका है लेकिन मोहल्ले वालों को बिन बारिश जलभराव से जूझना पड़ रहा है। मोहल्ले वालों की समस्या यहीं खत्म नहीं होती, मोहल्ले के जिन परिवारों तक बिजली के पोल और तार नही पहुंचे हैं, उन्होंने बांस-बल्ली लगाकर बिजली का केबल दूर तक खींच लिया है। वर्तमान में बांस बल्लियों के आसपास भी नाले का गंदा पानी भरा है। ऐसे में यदि बिजली की एक भी केबल टूटा तो सैकड़ों लोग करंट की चपेट में आएंगे। मोहल्ले में भरे नाले के पानी की दूर तक दुर्गंध फैली है, जिससे पूरे मोहल्ले में संक्रामक रोग फैलने का अंदेशा बढ़ गया है लेकिन पालिका के जिम्मेदार इसे लेकर गंभीर नही हैं। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने मोहल्ले वालों की समस्याएं जानने का प्रयास किया तो लोगों का गुबार फूट पड़ा। नगरपालिका परिषद बेल्हा का सहोदरपुर मोहल्ला रेलवे स्टेशन के पीछे स्थित है। शहर से इस मोहल्ले में जाने के लिए एकमात्र रास्ता भंगवा चुंगी से होकर जाता है लेकिन इस रास्ते से जाने वालों को प्रयागराज और वाराणसी जाने वाली रेल लाइन पार करना पड़ता है। रेलवे क्रॉसिंग अधिकतर समय बंद मिलती है, इससे यातयात प्रभावित होना स्वाभाविक है। इसी रेलवे लाइन के कारण सहोदरपुर मोहल्ले के साथ उस पर बसे भंगवा गांव का भी विकास प्रभावित होता है। यही नहीं यदि शॉर्ट कट रास्ते से पृथ्वीगंज जाना हो तो भी इसी रेलवे क्रॉसिंग से होकर गुजरना पड़ता है। इस रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने की मांग लंबे अर्से से चल रही थी। जिसे गंभीरता से लेकर केंद्र सरकार ओर से रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाने के लिए बजट आवंटित कर दिया। करीब चार महीने पहले ओवरब्रिज का निर्माण कार्यदायी संस्था की ओर से शुरू कराया गया। पिलर आदि बनाने के लिए कार्यदायी संस्था की ओर से मोहल्ले की जलनिकासी के लिए बनाया गया मुख्य नाला रेलवे लाइन के पास बांध दिया। जिससे भंगवा गांव और सहोदरपुर मोहल्ले के करीब 400 परिवारों की जलनिकासी ठप हो गई। नाला बांध देने से मकानों से निकलने वाला गंदा पानी नाले में भरता गया और ओवरफ्लो होकर मोहल्ले में फैलने लगा। शुरुआत में किसी ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया लेकिन धीरे-धीरे नाले का गंदा पानी मोहल्ले के मुख्य रास्ते के साथ गलियों में भरने लगा। वर्तमान में पूरे मोहल्ले में नाले का गंदा पानी भर गया है और दूर से देखने पर ऐसा लगता है कि मोहल्ले के मकान तालाब में बनाए गए हैं। मोहल्ले वालों के मकान के आसपास और रास्तों पर गंदा पानी भर जाने से लोग दुर्गंध के बीच रहने को मजबूर हैं। खास बात यह कि करीब महीने भर से ओवरब्रिज का निर्माण भी ठप है लेकिन मोहल्ले वाले बिन बारिश जलभराव से जूझ रहे हैं। नाले के गंदे पानी से होकर लोग आते हैं और लौटकर घर जाते हैं। कारण यदि रास्ता बदलकर शहर आना हो तो मोहल्ले वालों को करीब चार किमी का चक्कर काटना पड़ेगा। इसके लिए मोहल्ले वाले रेलवे कॉलोनी और जेल के रास्ते शहर से दिलीपुर जाने वाली सड़क पर अचलपुर पहुंचेंगे, इसके बाद रेलवे क्रॉसिंग पार कर चौक घंटाघर पहुंचेंगे। मोहल्ले वाले बताते हैं कि मोहल्ले में फैले नाले का गंदा पानी निकलवाने के लिए सभासद से कई बार कहा गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। जबकि बारिश का मौसम शुरू होने वाला है, यदि बारिश शुरू हुई तो यही गंदा पानी सैकड़ों लोगों के घर में भी जाएगा। बांस-बल्ली पर खींचे गए केबल हो सकते हैं जानलेवा नगरपालिका के सहोदरपुर मोहल्ले में ही रेलवे कॉलोनी का निर्माण कराया गया है। कॉलोनियों से सटकर तमाम परिवारों के रिहायशी मकान हैं। इसके अलावा कुछ लोगों ने बैनामे की जमीन लेकर मकान बनवा लिया है। नए मकानों को बिजली का कनेक्शन बिजली निगम के जिम्मेदारों ने मनमाने तरीके से दे दिया। इन परिवारों को न पोल दिए गए और न तार। ऐसे में लोगों ने दूर स्थित बिजली के पोल से बांस-बल्ली लगाकर केबल खींच लिया है और बिजली का उपभोग कर रहे हैं। जिस तरह से बिजली के केबल खींचे गए हैं, उन्हें देखकर डर लगता है। कारण यदि किसी दिन यह केबल में लोड बढ़ने पर शॉर्ट सर्किट हुए तो पानी में गिरेंगे और सैकड़ों लोग करंट की चपेट में आ सकते हैं। कारण वर्तमान में मोहल्ले के अधिकतर मकानों के आसपास नाले का गंदा पानी भरा है। मुख्य रास्ते पर जलभराव, आने जाने में दिक्कत पालिका के सहोदरपुर मोहल्ले को जोड़ने वाले एकमात्र रास्ते पर वर्तमान में लबालब पानी भरा है। पानी के बचकर मुख्य सड़क तक पहुंचने के लिए मोहल्ले वालों ने कुछ दिन पहले बिजली का टूटा सीमेंटेड पोल रख दिया था लेकिन वर्तमान में गंदा पानी पोल के ऊपर से बह रहा है। नतीजा इस रास्ते से गुजरने वाले को हर हाल में गंदे पानी से होकर ही जाना पड़ रहा है। चार पहिया वाहन से चलने वाले आसानी से बचकर निकल जाते हैं लेकिन बाइक सवार दोनों पैर ऊपर उठाकर गंदा पानी पार करते हैं, बावजूद इसके उन्हें गंदे पानी के छीटें झेलने पड़ जाते हैं। कई बार बाइक सवार फंसकर गंदे पानी गिर जाते हैं। गंदे पानी में तैरते कूड़ा करकट खोल रहे सफाई की पोल शहर के सहोदरपुर मोहल्ले के लोग बताते हैं कि सफाई की व्यवस्था यहां पहले ही ध्वस्त थी लेकिन जलभराव हो जाने के बाद से स्थिति और बदतर हो गई। जिसकी हकीकत जानने के लिए मोहल्ले में फैले नाले के गंदे पानी को देखा जा सकता है। मोहल्ले में दूर तक फैले गंदे पानी में तैरते कूड़ा करकट नगरपालिका की सफाई व्यवस्था पर सवाल खड़े करने के लिए पर्याप्त हैं। खास बात यह कि करीब दो महीने से गंदे पानी से गुजर रहे मोहल्ले वालों की समस्या को लेकर जिम्मेदार तनिक भी गंभीर नही हैं। पालिका प्रशासन के जिम्मेदार यदि जरा भी सक्रियता दिखाते तो मोहल्ले वालों को ऐसी दुर्गति न झेलनी पड़ती। शिकायतें 1. ओवरब्रिज निर्माण कराने के नाम पर मोहल्ले का मुख्य नाला बांध दिया गया है। इससे पूरे मोहल्ले में नाले का गंदा पानी भर गया है। 2. ओवरब्रिज का निर्माण करीब महीने भर से ठप है लेकिन जिम्मेदारों की ओर से नाला खोलने की पहल नहीं की गई। 3. मोहल्ले में बांस-बल्ली के सहारे खींचे गए बिजली के केबल किसी दिन मोहल्ले में रहने वालों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकते हैं। 4. मोहल्ले में सफाई के लिए नियुक्त किए गए सफाई कर्मचारियों की लापरवाही से गंदे पानी में कूड़ा करकट तैर रहे हैं जो सड़कर दुर्गंध का कारण बन रहे हैं। 5. मोहल्ले वालों के मकान के आसपास गंदा पानी भरा होने के कारण दुर्गंध तो फैल ही रही है, इसके साथ ही संक्रामक रोग फैलने का अंदेशा बना है। सुझाव 1. ओवरब्रिज का निर्माण कराने वाली कार्यदायी संस्था से बातचीत कर जिम्मेदारों को बांधा गया नाला प्राथमिकता से खुलवाना चाहिए। 2. पालिका प्रशासन के जिम्मेदारों को आगे आकर सहोदरपुर मोहल्ले में फैला गंदा पानी निकलवाने की व्यवस्था करना चाहिए। 3. बिजली निगम के अफसरों को मोहल्ले का सर्वे कर बांस-बल्ली पर खींचे गए केबल हटाकर पोल और तार लगाना चाहिए। 4. मोहल्ले में नियुक्त किए गए सफाई कर्मी और सुपरवाइजर की जिम्मेदारी तय करते हुए सफाई की रिपोर्ट मांगनी चाहिए। 5. मोहल्ले में भरा नाले का गंदा पानी संक्रामक रोग का कारण न बने, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से दवाओं का छिड़काव कराया जाना चाहिए। जरा हमारी भी सुनिए.... मोहल्ले में सफाई की व्यवस्था बेहद लचर है। नामित किए गए सफाई कर्मचारी नियमित नहीं आते। यही नहीं डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए नामित संस्था का वाहन नहीं आने से घरों से निकलने वाला कूड़ा लोग सड़क किनारे छोड़ देते हैं। यही कूड़ा नाले के गंदे पानी में सड़ कर बदबू कर रहा है। मो. कैफ मुख्य नाला बांध दिए जाने से पूरे मोहल्ले में नाले का गंदा पानी भर गया है। इससे उठने वाली दुर्गंध से आसपास रहने वाले परिवार के लोग परेशान हैं। शहर जाने के लिए लोग इसी गंदे पानी से होकर गुजर रहे हैं। नाले का गंदा पानी संक्रामक रोगों का कारण बन सकता है। तौफीक मोहल्ले में बिजली निगम की ओर से लगाए गए कई पोल बेहद जर्जर दशा में हैं, तार लटके हैं। यही नहीं बिजली के तारों का ऐसा मकड़जाल है कि उससे कभी भी शॉर्ट-सर्किट हो सकता है। इससे हादसे की संभावना बनी रहती है। शिकायत के बाद भी जिम्मेदार इसकी अनदेखी कर रहे हैं। राजा मोहल्ले में बिखरी गंदगी नगर पालिका की सफाई व्यवस्था को मुंह चिढ़ा रही है लेकिन जिम्मेदारों पर इसका कोई असर नहीं हो रहा है। सफाई कर्मचारी और सुपरवाइजर नियमित मोहल्ले में नहीं आते। इसके लिए अफसरों को स्वयं मोहल्ले का भ्रमण कर सफाई व्यवस्था की हकीकत जाननी चाहिए। गुलजार मोहल्ले को शहर से जोड़ने वाली मुख्य सड़क पर ही नाले का गंदा पानी लबालब भरा है। यही नहीं मोहल्ले के अन्य कई रास्तों पर पानी भर जाने के कारण यह पता ही नहीं चल रहा कि रास्ता किधर से है। जिम्मेदारों को रास्ते पर भरा गंदा पानी प्राथमिकता से निकलवाना चाहिए, जिससे आवागमन सुलभ हो सके। दिलीप कुमार मोहल्ले में रहने वालों को मच्छर जनित बीमारियों से बचाने के लिए नियमित फॉगिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं लेकिन फॉगिंग फाइलों में ही कराई जाती है। इससे मोहल्ले वालों को मच्छरों का प्रकोप झेलना पड़ रहा है। जिम्मेदारों को फॉगिंग कराने की व्यवस्था करनी चाहिए। सेबू मोहल्ले में तमाम परिवारों ने बांस-बल्ली के सहारे बिली का कबल खींच रखा है। इसी केबल से पूरे मकान की बिजली उपभोग की जा रही है। भीषण गर्मी में लोड बढ़ने पर यदि केबल भ्रस्ट हो गया तो वह पानी में गिरेगा जिससे सैकड़ों लोग करंट की चपेट में आ सकते हैं। सुनील कुमार मोहल्ले में पेयजल की सुविधा के लिए लगाए गए आधा दर्जन इंडिया मार्का हैंडपंप खराब चल रहे हैं। इससे भीषण गर्मी में आसपास वाले परिवारों में पेयजल का संकट है। पालिका की ओर से आपूर्ति किया जाने वाला पानी खारा होने के कारण पीने योग्य नहीं रहता। खराब इंडिया मार्का हैंडपंप की मरम्मत होनी चाहिए। आमिना मोहल्ले में जलनिकासी के लिए बनाए गए सभी नाले नालियां खुले हैं और गंदगी से बजबजा रहे हैं। ऊपर से मुख्य नाला बांधने से लोगों को दुर्गंध का सामना करना पड़ता है। नाला बांधने से पहले मोहल्ले की जलनिकासी के लिए कोई विकल्प तैयार किया जाना चाहिए था। आमिर गर्मी में वैसे तो पूरे नगर में बिजली की अघोषित कटौती की जा रही है लेकिन लोकल फॉल्ट का बहाना बताकर इस मोहल्ले की आपूर्ति मनमाने तरीके से बाधित कर दी जाती है। नतीजा पूरी रात लोग गर्मी और उमस से बेहाल रहते हैं। बिजली निगम के जिम्मेदारों को लोकल फाल्ट से निपटने का ठोस तरीका निकालना चाहिए। राजकुमारी बोले जिम्मेदार पालिका के सभी मोहल्लों में नाले-नालियों की सफाई अभियान के तहत कराई जा रही है। इसके लिए मोहल्लावार टीम बनाई गई है। सहोदरपुर भी रोस्टर में शामिल है। शीघ्र ही मोहल्ले में भरा पानी निकलवा कर सफाई कराई जाएगी। मोहल्ले की अन्य समस्याओं का निरीक्षण कर समाधान किया जाएगा। राकेश कुमार, ईओ नगरपालिका
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