संक्रमण से आंखों की नसों में आ रही सूजन, हो रही लाल
Pratapgarh-kunda News - प्रतापगढ़ के मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में 40 फीसदी मरीज एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित हैं। मड़ाई के धूलकणों के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में यह समस्या तेजी से बढ़ी है। डॉक्टरों ने मरीजों को एहतियात...
प्रतापगढ़, संवाददाता। मेडिकल कॉलेज के राजा प्रताप बहादुर चिकित्सालय स्थित नेत्र विभाग में आने वाले कुल मरीजों में 40 फीसदी मरीज एलर्जिक कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित मिल रहे हैं। इस संक्रमण से आंखों की रक्त नलिकाओं में सूजन आ जाती है और वे लाल हो जाती हैं। इससे आंखे गुलाबी दिखने लगती हैं। फसल मड़ाई में उड़ रहे धूलकणों की वजह से ग्रामीण इलाकों से कंजक्टिवाइटिस के पीड़ितों की संख्या तेजी से बढ़ गई है।
डॉक्टर इसे संक्रामक बताकर मरीजों को एहतियात बरतते हुए सफाई बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं।
नेत्र विभाग की ओपीडी में गुलाबी आंखों वाले (कंजंक्टिवाइटिस पीड़ित) मरीज बढ़ने लगे हैं। डॉ. विवेक त्रिपाठी ने बताया कि लगभग 150 की ओपीडी में 60 से अधिक मरीज कंजक्टिवाइटिस से पीड़ित मिल रहे हैं। आंख में कंजंक्टिवा नाम की पतली पारदर्शी झिल्ली होती है। मड़ाई की धूल, वायरस, बैक्टीरिया अथवा एलर्जी से जब इस झिल्ली पर संक्रमण होता है तो इसकी रक्त नलिकाओं में सूजन आ जाती है। इससे आंखें गुलाबी दिखने लगती हैं और उनमें खुजली व चुभन होने लगती है। जो मरीज ओपीडी में आ रहे हैं पूछताछ में उनसे पता चल रहा है कि पहले आंख में कुछ चले जाने पर दर्द से शुरुआत हुई। उसके बाद आंखें लाल (गुलाबी) हो गईं। ऐसे मरीजों को दवा के साथ सफाई व एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है।
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कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण
1-आंख में चुभन, खुजली व दर्द होना
2-आंखों से अधिक आंसू निकलना
3-आंखों से तरल पदार्थ निकलना
4-आंख में सूजन होना
5-आंख लाल या गुलाबी होना
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बचाव के उपाय
1-संक्रामक है, दूसरों के सम्पर्क से बचें
2-हाथ बार-बार धुलें और आंखों को छूने से बचें
3-आंखें स्वस्थ होने तक कांटेक्ट लेंस न पहनें
4-एलर्जी, वायरस, बैक्टीरिया से आंखें बचाएं
5-आंखों को रगड़ने से बचें।
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इनका कहना है
इस समय एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ गई है। लोगों को समझाया जा रहा है कि इससे बचना है तो आंखों को धूल, प्रदूषण, पराग, वायरस, बैक्टीरिया से बचाने की जरूरत है। सफाई व एहतियात बरतकर इससे बचा जा सकता है।
-डॉ. विवेक त्रिपाठी, नेत्र विभाग मेडिकल कॉलेज
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