अब गुरुद्वारों का सौंदर्यीकरण कराएगी प्रदेश सरकार
Prayagraj News - प्रयागराज में सरकार ने पर्यटन विकास के तहत गुरुद्वारों के सौंदर्यीकरण की योजना बनाई है। इसके अंतर्गत लाल पत्थरों से गुरुद्वारों का निर्माण किया जाएगा और पर्यटकों के लिए बैठने की व्यवस्था की जाएगी।...

प्रयागराज। प्रदेश सरकार की ओर से पूरी दुनिया से महाकुम्भ में आने वाले पर्यटकों को प्रयागराज के नागवासुकि मंदिर, मनकामेश्वर, दशाश्वमेध मंदिर व अलोपशंकरी मंदिर सहित कई पौराणिक महत्व के स्थलों का सौंदर्यीकरण कराकर उसे और भव्य बनाया गया था। अब ठीक उसी तर्ज पर मंदिरों के बाद शहर के गुरुद्वारों को भी पर्यटन विकास के नजरिए से सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। सरकार ने पर्यटन विकास के पैमाने पर गुरुद्वारों का सौंदर्यीकरण कराने की योजना बनाई है। जिसके अंतर्गत लाल पत्थरों से गुरुद्वारों का निर्माण कराया जाएगा, पर्यटकों को बैठने के लिए शेड व बेंच लगाई जाएगी। इसके लिए सबसे पहले गुरुद्वारा पक्की संगत को सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा।
जिसे सबसे प्राचीन गुरुद्वारा माना जाता है, जहां वर्ष 1660 में सिख धर्म के नौवें गुरु गुरु तेग बहादुर छह महीने से अधिक समय तक अपने शिष्यों के साथ प्रवास किया था। इस सिलसिले में क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह इसी महीने पक्की संगत के मुख्य सेवादार महंत ज्ञान सिंह से मिलकर आगे की योजना को मूर्त रूप देंगी। उसके बाद गुरुद्वारा खुल्दाबाद में कार्य कराने की योजना है। इतना ही नहीं भविष्य में अलोपीबाग, मीरापुर, सदियापुर, बमरौली व नैनी स्थित गुरुद्वारों में भी सौंदर्यीकरण कराया जाएगा। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी ने बताया कि शासन की मंशा के अनुसार गुरुद्वारों को पर्यटन विकास के केंद्र के रूप में संवारने का कार्य कराया जाएगा। सबसे पहले गुरुद्वारा पक्की संगत की प्रस्तावित कार्ययोजना बनाकर पर्यटन विभाग के लखनऊ मुख्यालय को भेजी जाएगी।
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