30 हजार का नया हैंडपंप और 52 हजार में हुआ रीबोर
Prayagraj News - मऊआइमा के छाता गांव में हैंडपंपों की रीबोरिंग में बड़ा घोटाला सामने आया है। ग्राम प्रधान पर आरोप है कि एक हैंडपंप की रीबोरिंग पर 52 हजार रुपये खर्च किए गए, जबकि नया हैंडपंप केवल 30 हजार रुपये में...

तिलई बाजार, संवाददाता। मऊआइमा के छाता गांव में हैंड पंपों की रीबोरिंग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है। इसकी शिकायत मंडलायुक्त कार्यालय में हुई तो अपर आयुक्त ने जांच की। गांव में पाया गया कि एक हैंडपंप की रीबोरिंग पर 52 हजार रुपये खर्च किए गए हैं। जबकि नया हैंडपंप ही 30 हजार रुपये में लग जाता है।
मऊआइमा थाना क्षेत्र के ग्राम छाता निवासी एडवोकेट सुधाकर मिश्रा ने ग्राम प्रधान पर तमाम घोटाले का आरोप लगाया था। शिकायत मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत से की गई तो उन्होंने अपर आयुक्त को जांच सौंपी। अपर आयुक्त प्रशासन पुष्पराज सिंह व जेईएमआई हौसला प्रसाद मिश्र ने जांच किया तो वित्तीय वर्ष 2024 व 2025 में आठ में एक हैंडपंप पर 58 हजार रुपये ग्राम प्रधान ने खर्च दिखाया है। रीबोर में भी 52 हजार रुपये का भुगतान दिखाया गया है। अफसरों का कहना है कि प्रथम दृष्टय: जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिन संस्थाओं को भुगतान हुआ है वो पंजीकृत नहीं है। इसके लिए डीपीआरओ से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। अपर आयुक्त प्रशासन पुष्पराज सिंह ने ग्राम प्रधान को जमकर फटकार लगाई और कहा कि नया हैंडपंप लगाने में तीस हजार खर्च आता है। बता दें कि इसके पूर्व अपर आयुक्त प्रशासन पुष्पराज सिंह ने रीबोर के नाम पर तीस लाख का गबन पकड़ा था। सभी प्रधानों से वसूली की बात कही थी।
इंटरलॉकिंग में भी मिली थी धांधली
प्रयागराज। इसके पूर्व भी अधिकारी ने यहां जांच की थी। वहां इंटरलॉकिंग के काम की सड़क खुदवाकर जांच की थी। जिसमें बेस में मिट्टी सही नहीं पाई थी।
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