भारतीय संस्कृति में नारी पूज्यनीय है : डॉ. पिंकी
Prayagraj News - राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से इलाहाबाद में एक दिवसीय कार्यशाला हुई। इस कार्यशाला में गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (पीसीपीएनडीटी अधिनियम) के प्रभावी कार्यान्वयन पर...
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तत्वाधान और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से गुरुवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला हुई। विषय गर्भधारण एवं प्रसव पूर्व निदान तकनीक (लिंग चयन प्रतिषेध) अधिनियम (पीसीपीएनडीटी एक्ट)-1994 रहा। चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उप्र की सचिव डॉ. पिंकी जोवल ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारी पूज्यनीय है। वर्तमान परिदृश्य में महिला सशक्तीकरण के लिए इस अधिनियम के प्रभावी क्रियान्वयन की आवश्यकता है। प्रदेश के सभी जिलों में निरीक्षण किए जाने की जरूरत है। भारत सरकार की संयुक्त सचिव मीरा श्रीवास्तव ने कहा कि मोबाइल एप्लीकेशन बेस्ड पोर्टेबल उपकरणों पर प्रभावी अनुश्रवण के लिए ठोस रणनीति विकसित करके प्रभावी कार्रवाई किया जाना चाहिए। राज्य नोडल अधिकारी डॉ. अश्विनी कुमार ने देश व प्रदेश के लिंगानुपात के साथ-साथ उप्र में अधिनियम के क्रियान्वयन की प्रगति पर प्रकाश डाला। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने लिंगानुपात के असंतुलन पर चिंता जाहिर की। कहा कि जिलों में निरीक्षण दलों के माध्यम से इकाइयों के निरीक्षण की आवश्यकता है। संचालन जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी पंकज पांडेय ने किया। कार्यशाला में महानिदेशक परिवार कल्याण डॉ. सुषमा सिंह, संयुक्त निदेशक चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण डॉ. आशु पांडेय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरसी पांडेय, डॉ. पद्मिनी कश्यप, डॉ. इंद्रनील दास, डॉ. रवि दीक्षित, अनुजा गुलाटी, डॉ. सूर्यांश ओझा आदि मौजूद रहे।
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