Traffic Congestion Water Crisis and Pollution Key Issues in Prayagraj Revealed by AI and Citizens एआई ने कहा जाम, जलसंकट बड़ी समस्या, शहरियों ने लगाई मुहर, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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एआई ने कहा जाम, जलसंकट बड़ी समस्या, शहरियों ने लगाई मुहर

Prayagraj News - प्रयागराज शहर की तीन बड़ी समस्याएं जाम, पेयजल संकट और स्वच्छता हैं। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और शहरियों की राय में जाम सबसे बड़ी समस्या है, जबकि पेयजल संकट और सफाई की कमी भी महत्वपूर्ण हैं। शहर में...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजSun, 13 April 2025 10:28 AM
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एआई ने कहा जाम, जलसंकट बड़ी समस्या, शहरियों ने लगाई मुहर

प्रयागराज। प्रयागराज शहर की तीन बड़ी समस्याएं क्या हैं? इस सवाल पर आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और शहरियों की राय लगभग मिलती जुलती है। आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने एआई के चार प्लेटफॉर्म और 90 शहरियों से ये सवाल पूछा। चार में तीन एआई प्लेटफॉर्म ने जाम और अनियंत्रित यातायात तो एक ने पेयजल संकट को सबसे बड़ी समस्या बताया। शेष तीन एआई प्लेटफॉर्म में से दो ने पेयजल संकट का जिक्र किया पर दोनों ने इसे तीसरे स्थान पर रखा। ज्यादातर शहरियों ने भी इन्हीं दोनों को शहर की बड़ी समस्या बताया। एआई प्लेटफॉर्म ने महाकुम्भ से जोड़ते हुए जाम को बड़ी समस्या माना जबकि शहरियों से बातचीत में सामने आया कि शहर में ई-रिक्शा की बढ़ी संख्या और इसका अनियंत्रित संचालन जाम का सबसे बड़ा कारण है। शहरियों ने जाम की दूसरी बड़ी वजह पार्किंग और अतिक्रमण को बताया, लोगों का कहना है कि प्रमुख बाजारों में पार्किंग की कमी के कारण जाम लगता है, खास तौर से पुराने शहर के मोहल्ले में।

चार में दो एआई प्लेटफॉर्म ने स्वच्छता और सफाई को तो दो ने सीवर और जल निकासी के साथ ही जलभराव को शहर की तीन प्रमुख समस्याओं में से एक बताया। शहरियों ने भी इस पर मुहर लगाते हुए कहा है कि शहर में प्रमुख मार्गों की सफाई होती है, लेकिन गलियों में गंदगी रहती है। कूड़ा निस्तारण सही तरीके से नहीं हो रहा है। घर-घर कूड़ा कलेक्शन पर एआई ने कहा कि गलियों में कचरा पड़ा होने से पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। एक एआई प्लेटफॉर्म में शहर की समस्या में पानी के साथ बिजली का भी जिक्र किया, वहीं शहरियों से बातचीत में बिजली की समस्या तीसरे नंबर पर रही।

ग्रोक

यातायात जाम और अव्यवस्थित परिवहन: शहर में ट्रैफिक जाम एक प्रमुख समस्या है, खासकर व्यस्त क्षेत्रों और कुम्भ मेले के दौरान। सड़कों की स्थिति, अतिक्रमण और अपर्याप्त सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था इस समस्या को बढ़ाती है।

सीवर और जल निकासी : कई इलाकों में सीवर लाइनों का जाम होना और बारिश के दौरान जलभराव आम है। यह न केवल असुविधा पैदा करता है, बल्कि स्वास्थ्य समस्याओं को भी जन्म देता है।

पानी और बिजली की अनियमित आपूर्ति : कुछ क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की कमी और बार-बार बिजली कटौती शहरवासियों के लिए परेशानी का कारण बनती है, विशेष रूप से गर्मियों में।

चैट जीपीटी

ट्रैफिक जाम और अव्यवस्थित यातायात: शहर में सड़कों की चौड़ाई कम है और वाहन लगातार बढ़ रहे हैं, जिससे ट्रैफिक जाम एक बड़ी समस्या बन गया है। खासकर त्योहार या कुम्भ जैसे आयोजन के समय हालात और बिगड़ जाते हैं।

कूड़ा प्रबंधन और स्वच्छता की कमी: कई इलाकों में कूड़ा-कचरा खुले में पड़ा रहता है और उसका सही निस्तारण नहीं हो पाता। इससे गंदगी और बीमारियों का खतरा बढ़ता है। नगर निगम की सफाई व्यवस्था सभी क्षेत्रों में समान रूप से प्रभावी नहीं है।

जलभराव और ड्रेनेज की समस्या : बरसात में कई इलाकों में जलभराव हो जाता है, क्योंकि नालियों की सफाई समय पर नहीं होती और ड्रेनेज सिस्टम पुराना और जर्जर हो चुका है।

जेमिनी

यातायात जाम: प्रयागराज में यातायात जाम एक बड़ी समस्या है। शहर की संकरी सड़कें और वाहनों की बढ़ती संख्या के कारण अक्सर जाम लग जाता है, जिससे लोगों को आने-जाने में परेशानी होती है। विशेष रूप से महाकुंभ के दौरान, शहर में यातायात का दबाव बहुत बढ़ जाता है, जिससे स्थिति और भी खराब हो जाती है।

जलभराव: बारिश के मौसम में प्रयागराज के कई इलाकों में जलभराव की समस्या होती है। खराब जल निकासी व्यवस्था के कारण सड़कों और घरों में पानी भर जाता है, जिससे लोगों को काफी परेशानी होती है।

पानी की समस्या: प्रयागराज के कई क्षेत्रों में पीने के पानी की कमी है। लोगों को पानी के लिए दूर-दूर तक जाना पड़ता है या पानी खरीदना पड़ता है।

मेटा एआई

जलसंकट: शहर में पानी की कमी एक बड़ी समस्या है, खासकर गर्मियों में। महाकुंभ जैसे आयोजनों के दौरान पानी की खपत और भी बढ़ जाती है।

यातायात और भीड़: शहर की सड़कें अक्सर जाम रहती हैं, जिससे यातायात और लोगों का आवागमन प्रभावित होता है। स्वच्छता और सफाई: शहर की स्वच्छता और सफाई एक बड़ी चुनौती है, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

जाम

14 लाख से अधिक वाहन शहर में हैं पंजीकृत। हाईकोर्ट और बोर्ड, एजी सहित अन्य मुख्यालयों के कारण 50 हजार वाहन बाहर से आते हैं।

45 हजार से अधिक ई-रिक्शा शहर में हैं पंजीकृत। इनका रूट निर्धारित नहीं है। रुट निर्धारण को कवायद हुई पर कामयाबी नहीं मिली।

पेयजल

402 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) होती है शहर में जलापूर्ति। इसमें 102 एमएलडी जल यमुना से लिया जाता है।

700 नलकूपों से 300 एमएलडी जलापूर्ति शहर में की जाती है।

25 फीसदी पानी हो जाता है बर्बाद, गर्मियों में भूजल स्तर नीचे जाने से नलकूपों से आपूर्ति घट जाती है।

सफाई

700 टन तक कूड़ा प्रतिदिन शहर से निकलता है। शहर में 2.36 लाख घर लेकिन घर-घर कूड़ा कलेक्शन मात्र 1.75 लाख से ही होता है

5500 सड़कों और गलियों की सफाई के लिए नगर निगम में हैं 5500 मजदूर। छोटे-बड़े छह सौ वाहन से किया जाता है कूड़ा का निस्तारण

बिजली ने बढ़ाया पानी का संकट

एआई प्लेटफॉर्म ग्रोक ने पानी और बिजली की अनियमित आपूर्ति को चार में एक बड़ा कारण माना है। खासकर गर्मी के दिनों में यह समस्या विकराल हो जाती है। गर्मी में बिजली की खपत बढ़ने से बेतहाशा कटौती होती है। बिजली कटौती का सीधा प्रभाव जलापूर्ति पर पड़ता है। सुबह-शाम किसी इलाके में बिजली कटौती से वहां के नलकूपों से जलापूर्ति बाधित हो जाती है। गर्मी के दौरान शहर के अधिकतर मोहल्लों में शाम को ही बिजली कटौती होती है। दोपहर की बिजली कटौती से शहर के उन इलाकों में पानी संकट होता है, जहां शिरोपरि और भूमिगत जलाशय से जलापूर्ति होती है। दोपहर और रात की कटौती से जलाशय में पानी नहीं भर पाता है।

शिक्षाविदों की नजर में

जाम और सफाई की समस्या एक चुनौती भरी है। ऐसा आमजनों में जागरूकता न होने के कारण हो रहा है। व्यक्ति को सफर में अपने साइड (अपने बाएं) से चलना चाहिए। वह विपरीत दिशा से चलता है, जिससे जाम लग जाता है। लोगों को उचित स्थान पर कूड़ा फेंकना चाहिए।

- प्रो. अखिलेश कुमार सिंह, कुलपति, प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विवि।

बढ़ते औद्योगिकीकरण और सुंदरीकरण से पर्यावरण प्रदूषित हो रहा है। इससे शहरियों के जीवन में संकट पैदा हो रहा है। इसकी वजह से समय-समय पर संचारी व गैर संचारी रोगों का प्रकोप बढ़ रहा है। शहर में पर्यावरण प्रदूषण को रोकने की सबसे बड़ी चुनौती है।

- प्रो. केएन उत्तम, विभागाध्यक्ष भौतिक विज्ञान, इविवि।

कटरा स्थित नेतराम चौराहे से इलाहाबाद विश्वविद्यालय की ओर से जाने वाली सड़क पर कारों का प्रवेश होने से घंटों जाम लग जाता है। आएदिन लोंगों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अतिक्रमण इसका बड़ा कारण है।

प्रो. बसंत कुमार, इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग विभाग, एमएनएनआईटी।

शहर में निजी वाहनों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। बाजारों में पार्किंग के लिए जगह कम पड़ जा रही है, जिससे पैदल चलने के लिए जगह कम पड़ रही है। चौक में सामान खरीदने के लिए वाहन को काफी दूर खड़ा करना पड़ता है। कोई वाहन बाजार में आ गया तो घंटों परेशान होना पड़ता है।

प्रो. बृजेंद्र सिंह, आईटी विभाग, ट्रिपलआईटी।

प्रयागराज में पेयजल संकट

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