Uttar Pradesh Board to Remove Limit on External Student Admissions in Schools यूपी बोर्ड: दस बाहरी छात्रों के प्रवेश की शर्त खत्म करने की तैयारी, Prayagraj Hindi News - Hindustan
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यूपी बोर्ड: दस बाहरी छात्रों के प्रवेश की शर्त खत्म करने की तैयारी

Prayagraj News - यूपी बोर्ड ने 28799 स्कूलों में बाहरी छात्रों के प्रवेश की सीमा को खत्म करने की योजना बनाई है। प्रधानाचार्यों से फीडबैक के बाद, यह निर्णय लिया गया है कि कक्षा 10 और 12 में दूसरे बोर्ड के छात्रों को...

Newswrap हिन्दुस्तान, प्रयागराजFri, 18 April 2025 11:09 AM
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यूपी बोर्ड: दस बाहरी छात्रों के प्रवेश की शर्त खत्म करने की तैयारी

प्रयागराज। यूपी बोर्ड से जुड़े 28799 स्कूलों में दस बाहरी छात्र-छात्राओं के प्रवेश की शर्त खत्म करने की तैयारी है। शासन के निर्देश पर यूपी बोर्ड ने पिछले दिनों मुख्यालय में कार्यशाला आयोजित की गई जिसमें प्रयागराज, प्रतापगढ़ और कौशाम्बी के राजकीय, सहायता प्राप्त और निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों से इस पर फीडबैक लिया गया है। इसके अलावा चुनिंदा जिला विद्यालय निरीक्षकों से भी रिपोर्ट मांगी गई है। 20 जुलाई 2010 के शासनादेश में यह व्यवस्था दी गई थी कि दूसरे बोर्ड या राज्यों के अधिकतम दस बाहरी छात्र-छात्राओं को कक्षा दस और 12 में सीधे प्रवेश दिया जा सकता है। पिछले दिनों हुई कार्यशाला में कई प्रधानाचार्यों ने अधिकतम दस बाहरी छात्रों की सीमा को बढ़ाकर 15 से 20 करने की सिफारिश की है। उनका तर्क है कि कई ऐसे अभिभावक आते हैं जिनका तबादला दूसरे शहर या राज्य से होता है।

उनके बच्चे सीबीएसई या सीआईएससीई बोर्ड में पढ़ रहे होते हैं लेकिन प्रयागराज में इन बोर्ड के स्कूलों की संख्या सीमित होने के कारण सभी का प्रवेश नहीं हो पाता। अंत में यूपी बोर्ड के स्कूलों में इन बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। इससे यह संदेश भी जाता है कि यूपी बोर्ड के स्कूलों के दरवाजे दूसरे बोर्ड के बच्चों के लिए भी खुले हैं बशर्ते वह न्यूनतम योग्यता पूरी करते हों।

बोर्ड सचिव ने डीआईओएस से मांगी रिपोर्ट

यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, सहारनपुर, बिजनौर, मथुरा, चंदौली, प्रयागराज, गाजीपुर, सोनभद्र और महराजगंज के जिला विद्यालय निरीक्षकों से भी रिपोर्ट मांगी है। तीन अप्रैल को भेजे पत्र में सचिव ने अन्य बोर्ड या विद्यालयों से आए हुए बच्चों के सीधे प्रवेश के लिए कक्षा दस व 12 में अलग-अलग निर्धारित संख्या दस से वृद्धि किया जाना औचित्यपूर्ण है या नहीं। यदि हां तो कितनी वृद्धि किया जाना उचित हैं और औचित्य का उल्लेख करें। यदि निर्धारित संख्या को यथावत रखना उचित तो उसके कारण/आधार का भी उल्लेख करने को कहा है।

सीबीएसई-सीआईएससीई में नहीं है नियम

यूपी बोर्ड से उलट सीबीएसई और सीआईएससीई के स्कूलों में दूसरे बोर्ड या राज्य के विद्यार्थियों का कक्षा दस या 12 में सीधे प्रवेश का कोई नियम नहीं है। ये स्कूल अपने ही बोर्ड के दूसरे स्कूल के बच्चों का तो सीधे प्रवेश लेते हैं लेकिन दूसरे बोर्ड के बच्चों को दाखिला नहीं देते।

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