पांच सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे पेंशनर्स
Rampur News - सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन ने वित्त विधेयक 2025 द्वारा पेंशन नियमों में परिवर्तन के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा कि इस विधेयक से पेंशनरों के अधिकारों का उल्लंघन...

सेवानिवृत्त कर्मचारी एवं पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से मंगलवार को शहर के आंबेडकर पार्क में संरक्षक राम मोहन लाल सक्सेना की अध्यक्षता तथा मंत्री उमेश चंद्र यादव के संचालन में वित्त विधेयक 2025 द्वारा पेंशन नियमों में परिवर्तन करने व आठवें वेतन आयोग से दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत कर्मचारी को पृथक कर भेदभाव उत्पन्न करने एवं अन्य मांगों के समर्थन में सरकार के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष एनपी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा परित वित्त विधेयक 2025 द्वारा पेंशनरों के अधिकारों पर कुठाराघात किया गया है साथ ही आठवें वेतन आयोग की सिफारिश से पेंशनरों व 31 दिसंबर 2025 तक सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को पृथक रखने की कुचेष्ठा का विरोध करते हुए अपनी मांगों में 18 माह का डीआर प्रदान करने, राशिकरण की वसूली की अवधि 15 माह से घटाकर 10 वर्ष करने, पुरानी पेंशना योजना लागू करने एवं डीए की बढ़ोतरी का आदेश एक साथ किया जाए। वेद प्रकाश शर्मा, राममोहन लाल सक्सेना, राममोहन चतुर्वेदी, धर्म कीर्ति सक्सेना, जसराज सिंह सागर, ओमवीर सिंह वैदिक, जोगेंद्र पाल, महा सिंह, कृष्ण कुमार, हरद्वारी लाल, राजेंद्र प्रकाश सक्सेना, मनोहर लाल, नरेंद्र सक्सेना, रोशन लाल यादव, रोशन लाल जी, हरिश्चंद्र सक्सेना आदि रहे। धरने को माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष अजय सिंह राठौर व प्रेम सिंह तथा प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष चरण सिंह व जगदीश पटेल, राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष शब्बीर अली खान, सिविल पेंशनर्स परिषद के रोशन लाल व हरिश्चंद्र सक्सेना महामंत्री आदि ने समर्थन दिया तथा धरने पर आकर बैठे।
--संगठन की ये हैं प्रमुख पांच मांगें
1.फाइनेंसियल बिल 2025 के माध्यम से पेंशनरी नियमों में किए गए बदलाव को तत्काल निरस्त कर सेवानिवृत होने की तिथि के आधार पर पेंशनर समूह में भेद न पैदा किया जाए।
2.केंद्रीय आठवें वेतन आयोग के गठन की कार्यवाही पूर्ण कर उसके नियमों एवं शर्तों में पेंशन के पुनरीक्षण का विषय भी संदर्भित किया जाए। कर्मचारियों के वेतन पुनरीक्षण की तिथि एवं वेतन निर्धारण के प्रचलित नियमों के रूप पेंशनरों की पेंशन के परीक्षण की तिथि एवं सिद्धांत में समानता रखी जाए।
3. पेंशनरों की पेंशन राहत का शासनादेश कर्मचारियों के महंगाई भत्ते के शासनादेश की तिथि को ही जारी किया जाए। महंगाई राहत को महंगाई भत्ते से डी लिंक ना किया जाए।
4. देश में एनपीएस और यूपीएस की व्यवस्था के स्थान पर कर्मचारियों एवं शिक्षकों को परिभाषित लाभ योजना ओपीएस ही प्रदान की जाए।
5. पेंशनर्स के राशि कारण की हो रही कटौती 15 वर्ष से घटकर 10 वर्ष की जाए।
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