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नोटिस के बाद व्यापारियों ने दिया धरना, प्रशासन से मांगी इच्छा मृत्यु

Rampur News - पीडब्ल्यूडी द्वारा दुकानों के ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद, व्यापारियों ने बाजार बंद कर धरना प्रदर्शन किया और इच्छा मृत्यु की मांग की। धरना स्थल पर कोई अधिकारी नहीं पहुंचा, जिससे व्यापारियों में नाराजगी...

Newswrap हिन्दुस्तान, रामपुरSat, 31 May 2025 05:15 AM
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नोटिस के बाद व्यापारियों ने दिया धरना, प्रशासन से मांगी इच्छा मृत्यु

पीडब्ल्यूडी द्वारा दिए गए दुकानों को ध्वस्तीकरण के आदेश के बाद नगर के व्यापारियों ने बाजार को बंद कर दी और शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन करते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की। वही व्यापारियों के धरने प्रदर्शन पर कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा। जिसको लेकर व्यापारियों में नाराजगी है। शुक्रवार को दुकानों के ध्वस्तीकरण के नोटिस जारी होने के बाद व्यापारियों ने सुबह से ही नगर के सभी दुकानदारों को एकत्रित कर बाजार बंद का ऐलान कर दिया गया। जिसके बाद सभी दुकानदारों ने अपनी दुकान बंद कर नगर के तीन बत्ती चौराहे स्थित टेट लगाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और जिला अधिकारी से इच्छा मृत्यु की मांग की।

धरना स्थल पर मौजूद व्यापारियों ने अपनी व्यथा बताते हुए नगर पालिका परिषद पर भी गंभीर आरोप लगाए। व्यापारियों ने अपने ऊपर दुकान टूटने के बाद आर्थिक संकट आने की बात को लेकर शिकायती पत्र व्यापार मंडल द्वारा मुख्यमंत्री को भी भेजे गए। धरने के दौरान पहुंचे नेताओं पर आरोप लगाए गए कि अगर दुकानों का ध्वस्तीकरण कराना था तो कुछ दिन पूर्व रिन्यूएबल क्यों कराया गया। उन्होंने मुख्यमंत्री को भेजे गए प्रार्थना पत्रों में व्यापारियों को ऊपर हो रहे उत्पीड़न की बात कहते हुए इच्छा मृत्यु की मांग की। कुछ व्यापारीयों ने पूर्व विधायक बीना भारद्वाज के साथ एकत्रित होकर प्रभारी मंत्री जेपीएस राठौर से लखनऊ में मिलकर कार्यवाही को रोकने की मांग की है। विदित हो कि धरने पर बैठे व्यापारी एवं पीड़ित दुकानदारों को समझाने या उनसे वार्ता करने के लिए कोई भी उच्च अधिकारी धरना स्थल पर नहीं पहुंचा। जिससे व्यापारी और आक्रोशित हो गए। व्यापारियों एवं दुकानदारों का कहना है कि यह दुकानें उनको 40 से 50 साल पूर्व आवंटित की गई थी जिसका वह नियमित रूप से नगर पालिका को किराया भी देते आ रहे हैं और समय-समय पर दुकानों का नवीनीकरण भी विभागीय मानकों के द्वारा करते आ रहे हैं । कुछ दुकानदार उच्च न्यायालय की शरण में गए हुए हैं। वहीं कुछ दुकानदारों ने जनप्रतिनिधि एवं विभागीय उच्च अधिकारियों से वार्ता की है।

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