सपा-कांग्रेस के पीडीए की काट के लिए हिन्दुत्व की अलख जगाएगा संघ, दलित-पिछड़ों में बढ़ाएंगे पैठ
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विपक्षी दलों के पीडीए के जवाब में अब प्रखर हिन्दुत्व की अलख जगाएगा। शताब्दी वर्ष में सालभर तक यह मुहिम चलेगी। इस साल अक्तूबर से लेकर सितंबर 2026 तक विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए हिन्दुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना को उभारा जाएगा।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विपक्षी दलों के पीडीए के जवाब में अब प्रखर हिन्दुत्व की अलख जगाएगा। शताब्दी वर्ष में सालभर तक यह मुहिम चलेगी। इस साल अक्तूबर से लेकर सितंबर 2026 तक विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए हिन्दुत्व और सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की भावना को उभारा जाएगा। प्रदेश भर में हिंदू सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे। दलितों और पिछड़ों के बीच पैठ बढ़ाने की खास मुहिम चलेगी। इस काम को संघ की शाखाओं के साथ ही हर घर संपर्क के जरिए किया जाएगा। लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने केंद्र की भाजपा सरकार पर संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने जैसे आरोप लगाए थे।
उसके बाद से सपा-कांग्रेस जैसे प्रमुख विपक्षी दल जातीय जनगणना सहित विभिन्न मुद्दों के माध्यम से पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का नारा बुलंद कर रहे हैं। हालिया औरंगजेब और राणा सांगा को लेकर बयानबाजी से छिड़े विवाद के जरिए भी जातीय गोलबंदी के प्रयास हो रहे हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों से सबक लेकर भाजपा अब विपक्ष के मुद्दों की धार को कुंद करने को प्रयासरत है।
10 दिन हर इलाके में शाखा लगाएंगे पदाधिकारी
अब यह मोर्चा संघ संभालेगा। शताब्दी वर्ष में सालभर चलने वाले आयोजनों के जरिए हिन्दुत्व के एजेंडे को धार दी जाएगी। सौ साल की यात्रा पूरी करने वाला संघ अब विचार परिवार के सभी सदस्यों के साथ विस्तार के रोडमैप पर आगे बढ़ेगा। शहरों के साथ संघ का फोकस ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क बढ़ाने पर है। इसके लिए अगले साल 10 दिन तक सभी पदाधिकारी हर इलाके में शाखा लगाएंगे। हर घर और व्यक्ति तक पहुंचने का प्रयास होगा। स्वयंसेवक सभी बस्तियों और घरों में संपर्क करेंगे। पत्रक पहुंचाएंगे।
सामाजिक समरसता का संदेश भी देंगे। दलित बस्तियों पर खास फोकस रहेगा। विजयदशमी के दिन प्रदेशभर में पूर्ण गणवेश में पथ संचलन के जरिए भी शक्ति प्रदर्शन होगा। हिंदू सम्मेलनों से भी एकजुटता का प्रयास किया जाएगा। संघ और भाजपा सहित विचार परिवार के 32 से अधिक संगठन इस पूरी कवायद में जुटेंगे। इसे लेकर क्षेत्रवार और प्रांतवार रणनीति बनाई जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ शताब्दी वर्ष में अक्तूबर 2025 से सितंबर 2026 तक मुहिम चलाएगा।