एटा में कल्याण सिंह की मूर्ति टूटने पर बवाल, लोधी और जाटवों के बीच चले ईंट-पत्थर, एक दर्जन से अधिक घायल
एटा में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के बाद दो पक्षों में पथराव हो गया। इस मामले में लोधी और जाटव पक्षों के बीच हुए पथराव में एक दर्जन से अधिक लोग चुटैल हो गए। आधा घंटे तक हुए पथराव के बाद गांव में तनाव है।

यूपी के एटा में पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त करने के बाद पथराव हो गया। इस मामले में लोधी और जाटव पक्षों के बीच हुए पथराव में एक दर्जन से अधिक लोग चुटैल हो गए। आधा घंटे तक हुए पथराव के बाद गांव में तनाव है। गांव में फोर्स तैनात कर दिया गया है। मंगलवार की शाम को डीएम प्रेम रंजन सिंह और एसएसपी श्याम नारायण ने पैद मार्च कर गांव में शांति बनाए रखने की अपील की। वहीं प्रतिमा तोड़ने के मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
कोतवाली जलेसर के गांव मोहनपुर में दो वर्ष पहले पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिमा लगाई गई थी। सोमवार की देररात रात्रि असमाजिक तत्वों ने प्रतिमा पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। मंगलवार सुबह क्षतिग्रस्त प्रतिमा देख आक्रोश फैल गया। लोधी समाज से काफी संख्या में लोग एकत्रित हो गए। लोगों को एकत्रित होता देख पुलिस भी पहुंच गई। समाज के लोगों ने आरोप लगाए कि सोमवार रात को डा. भीमराव अंबेडकर का मेला निकला था इसमें शामिल कुछ लोगों ने पत्थर फेंकते हुए पूर्व सीएम की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त किया है। गांव में जातीय तनाव बढ़ने लगा। पुलिस ने समझा बुझाकर मामला रफा दफा कर दिया। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने दोपहर में जाम लगाने का प्रयास किया। दोपहर के समय मोहनपुर में आसपास के गांव के लोगों की भीड़ पहुंच गई।
आरोप है कि इसी समय वार्ता के समय दोनों पक्षों में विवाद शुरू हो गया। पथराव कर दिया गया। करीब आधा घंटे तक दोनों ओर से जमकर पथराव हुआ। इसमें एक दर्जन लोग चुटैल बताए गए है। पथराव की जानकारी मिलने पर पुलिस पहुंच गई। कैसे ही पुलिस ने मामला शांत कराया। जाटव पक्ष का आरोप है कि विपक्ष के लोगों ने मोहल्ले में जाकर पथराव करना शुरू कर दिया। बचाव में जाटव समाज के लोगों ने भी अपनी छतों से पथराव शुरू कर दिया। छतों के तीन शेड आदि क्षतिग्रस्त हो गई। पथराव के लिए घायल पक्ष ने थाना पुलिस के एक दरोगा पर पक्षपात का आरोप लगाया है। तनाव बढ़ता देख अन्य थाने से पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा। दोनों पक्ष के लोगों को हटाया गया।
तनाव बढ़ता देख एएसपी राजकुमार सिंह, एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश, एसडीएम भावना विमल, सीओ सदर संजय कुमार, सीओ ट्रैफिक नीतेश गर्ग सहित कई थानों का पुलिस फोर्स मौके पर पहुंचा। पुलिस का दावा है कि कुछ देर के लिए पथराव हुआ था बाद में स्थिति को काबू में कर लिया गया। मौके पर पूरी तरह से शांति व्यवस्था बनी हुई है। शाम को डीएम और एसएसपी ने फ्लैग मार्च किया है।
प्रतिमा खंडित के मामले में अज्ञात में रिपोर्ट
कोतवाली जलेसर के गांव मोहनपुर निवासी यादराम वर्मा ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें बताया है कि करीब दो साल पहले गांव में सभी लोगों के सहयोग से पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की प्रतिमा लगवाई गई थी। सोमवार रात को कुछ अराजकतत्वों ने पत्थर मारकर प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर दिया गया है। मंगलवार सुबह जब वह मूर्ति की तरफ गए। प्रतिमा क्षतिग्रस्त होने की जानकारी मिली। जलेसर पुलिस ने तत्काल रिपोर्ट दर्ज कर ली थी।
पीएसी ने संभाला मोर्चा, कई थाना का पहुंचा फोर्स
गांव मोहनपुर में जातीय तनाव के बाद अधिकारियों के हाथ-पैर फूल गए गये। गांव में आनन फानन में एएसपी के अलावा, सकरौली, अवागढ़, निधौली कलां, नगर कोतवाली, देहात कोतवाली, पिलुआ, रिजोर सहित अनेक थानों के पुलिस फोर्स को बुलाना पड़ा। तब जाकर स्थिति नियंत्रित में हो सकी। गांव में पीएसी को भी तैनात किया गया है। तनाव को देखते हुए दोनों पक्ष के लोगों को समझाया जा रहा है।
गांव में फ्लैग मार्च किया, पुराने थानेदार भी बुलाएं
मूर्ति क्षतिग्रस्त एवं पथराव की घटना के बाद गांव में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई। एडीएम प्रशासन सत्यप्रकाश, एएसपी राजकुमार सिंह ने एसडीएम, सीओ एवं सभी थानों की पुलिस फ़ोर्स के साथ मिलकर गांव में पैदल मार्च किया। ग्रामीणों को गांव में जाकर समझाया और एकत्रित न होने की बात कही। थाना जलेसर में रह चुके तत्कालीन थानेदार नगर कोतवाली प्रभारी अमित कुमार, देहात कोतवाली प्रभारी आरके सिंह को बुलाया गया। इनके साथ ही अन्य थाना का भी पुलिस फोर्स मौजूद रहा।
लोधी समाज का आरोप रात में तोड़ी प्रतिमा
लोधी समाज के युवाओं का कहना है कि सोमवार रात को वह बाइक से बरात से लौट रहे थे। डा. भीमराव अंबेडकर का मेला निकल रहा था। उन्ही में से कुछ लोगों ने पत्थर मारकर प्रतिमा को तोड़ा। आरोप है कि उन्हे रोकने का प्रयास किया। उनके साथ भी हाथापाई करने उतर आए। जिससे ग्रामीणों में और आक्रोश था।
पुलिस की लापरवाही, बड़े बवाल पर अकेले दरोगा को भेजा
सोमवार को हुए बवाल के बाद भी जलेसर पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। प्रतिमा क्षतिग्रस्त की जानकारी रात में ही पुलिस हो गई थी और पुलिस भी मौके पर पहुंची थी। युवाओं में आक्रोश पनप रहा था उसके बाद भी काफी संख्या में पुलिस फोर्स को नहीं भेजा। बताया जा रहा है कि एक दरोगा, कुछ पुलिसकर्मी भेज दिए। बताया जा रहा है कि प्रतिमा तोड़ने की जानकारी सोमवार रात को ही जलेसर पुलिस को दी गई थी। पुलिस भी पहुंची थी। मंगलवार सुबह काफी संख्या में युवा एकत्रित हो गए। बताया जा रहा है कि जाम लगाने का प्रयास भी किया। काफी संख्या में आक्रोशित युवा एकत्रित थे उसके बाद भी पुलिस ने पूरे मामले को हल्के में लिया है।