मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने को ग्रीष्मकालीन जुताई करें किसान
Saharanpur News - सहारनपुर के जिला कृषि रक्षा अधिकारी सतीश चौहान ने किसानों को ग्रीष्मकालीन जुताई करने की सलाह दी है। उन्होंने बताया कि यह प्रक्रिया मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने, खरपतवार और कीटों को नियंत्रित करने में...

सहारनपुर। जिला कृषि रक्षा अधिकारी सतीश चौहान ने एडवाइजरी जारी करते हुए कहा कि मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने को किसान भाई खेतों की ग्रीष्मकालीन जुताई अवश्य करें। उन्होंने कहा कि ग्रीष्मकालीन जुताई एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है, जो फसल के लिए मिट्टी को तैयार करने में मदद करती है। यह प्रक्रिया मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाने, खरपतवार को नियंत्रित करने, कीटों और बीमारियों को नष्ट करने में मदद करती है। ग्रीष्मकालीन जुताई के लिए रबी फसल की कटाई के समय से लेकर जून माह तक सबसे उचित समय होता है। अधिकांश किसान यह जुताई 6 से 7 इंच तक ही करते हैं परंतु ग्रीष्मकालीन जुताई 9 इंच से लेकर 12 इंच तक होनी चाहिए जिससे वर्षा के समय भूमिगत जल में वृद्धि हो।
गर्मी के समय खेत की जुताई खेत में ढाल के विपरीत दिशा में करें। फसल की कटाई के बाद खेत में जुताई के लिए पर्याप्त नमी होनी चाहिए अर्थात फसल की कटाई के तुरंत बाद जुताई करें इससे जुताई अच्छी तरह से होती है। इस प्रक्रिया से कृषि उपकरण भी अच्छी दशा में रखने में मदद मिलती है। अधिक जानकारी के लिये ब्लॉक स्थित कृषि रक्षा इकाईयों व विकास भवन जिला कृषि रक्षा अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं।
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