पंचायत चुनाव : बसपा के गढ़ को भेदना भाजपा के लिए कड़ी चुनौती
Saharanpur News - सहारनपुर बसपा का गढ़ रहा है। पिछले ढ़ाई दशक से जिला पंचायत की कुर्सी पर बसपा का ही कब्जा है। वहीं, भाजपा सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक...

सहारनपुर बसपा का गढ़ रहा है। पिछले ढ़ाई दशक से जिला पंचायत की कुर्सी पर बसपा का ही कब्जा है। वहीं, भाजपा सहारनपुर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक कभी भी नहीं पहुंच पाई। इस बार भाजपा ने बसपा का किला भेदने को पूरी ताकत झोंक दी है।
जिला पंचायत चुनाव को विधानसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है। यही कारण है कि सभी राजनीतिक दल जिला पंचायत चुनाव के बहाने अपनी सियासी जमीन की तलाश कर रहे हैं। सत्ताधारी दल भाजपा के सामने पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंचने की चुनौती है। जिस कारण भाजपा ने पहली बार जिला पंचायत के चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ा। सभी बड़े दिग्गज नेताओं को पार्टी ने चुनाव प्रचार में उतारा था। लेकिन, सहारनपुर बसपा का पूराना गढ़ रहा है। बसपा ने 1995 में पहली बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर कब्जा किया था। जिसके बाद से ही बसपा जिला पंचायत चुनाव में अजय रही है। इस बार भी बसपा ने अपने गढ़ को बचाने के लिए हर संभव सियासी समीकरण बैठाए।
बहराल, मतदाताओं ने अपना फैसला मत पेटियों में बंद कर दिया। अब दो मई को तय होगा किस दल के कितने सदस्य जीत दर्ज कर पाए हैं, लेकिन, अध्यक्ष की कुर्सी पर पहुंचने के लिए लिए बसपा और भाजपा में खासी कांटे की टक्कर होगी। भाजपा के सामने बसपा का किलो भेदने की बड़ी चुनौती होगी।
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