श्रीमद्भागवत पुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक: आचार्य रजनीश
Saharanpur News - सरसावा में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन आचार्य रजनीश ने कहा कि यह पुराण आत्मिक शांति और मन की शुद्धि देता है। उन्होंने भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करते हुए कहा कि कलियुग में भागवत कथा...

सरसावा श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन कथा व्यास ने कहा कि श्रीमद्भागवत पुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक है। इसके श्रवण से मन का शुद्धिकरण होता है, संशय दूर होता है तथा मनुष्य को आत्मिक शांति मिलती है। अंबाला रोड स्थित वीर सेवा मंदिर श्री दुर्गा संकीर्तन मंडल द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के दौरान प्रवचन करते हुए आचार्य रजनीश ने कहा की कथा की सार्थकता तभी सिद्ध होती है जब हम इसे अपने जीवन एवं व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि नाम का स्मरण करें। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की माखन चोरी, गोपियों संग रास लीला, कालिया नाग दमन और गोवर्धन पर्वत उठाने जैसी लीलाओं का मार्मिक चित्रण किया।उन्होंने
कहा कि भगवान श्री कृष्ण की प्रत्येक लीला मानव जीवन के लिए कोई न कोई गूढ़ संदेश देती है।उन्होंने कहा कि जहां दूसरे युगों में मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते थे वहीं कलयुग में भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य भवसागर से पार हो जाता है।
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