Sambhal historical Kartik Mahadev temple opened after 46 year Devotees gathered worshiped throughout the day संभल में 46 साल बाद खुले ऐतिहासिक कार्तिक महादेव मंदिर में उमड़े भक्त, दिनभर पूजा-अर्चना, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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संभल में 46 साल बाद खुले ऐतिहासिक कार्तिक महादेव मंदिर में उमड़े भक्त, दिनभर पूजा-अर्चना

संभल के हिंसा वाले मुस्लिम इलाके में 46 साल बाद कार्तिक महादेव मंदिर के कपाट खुलने से लोगों में खुशी का माहौल है। रविवार को मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया तो दिन में हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 Dec 2024 10:59 PM
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संभल में 46 साल बाद खुले ऐतिहासिक कार्तिक महादेव मंदिर में उमड़े भक्त, दिनभर पूजा-अर्चना

संभल के हिंसा वाले मुस्लिम इलाके में 46 साल बाद कार्तिक महादेव मंदिर के कपाट खुलने से लोगों में खुशी का माहौल है। रविवार को मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। सुबह श्रद्धालुओं ने भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया तो दिन में हनुमान जी को चोला चढ़ाया गया। शाम को हनुमान चालीसा और सुंदरकांड पाठ के साथ ही भगवान को भोग लगाया गया और फिर भंडारे का आयोजन किया गया। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया, एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई समेत कई प्रमुख अधिकारी भी मंदिर में पहुंचे और पूजा-अर्चना की। दूसरी तरफ मंदिर के पास पटे पड़े कुएं की खुदाई कर उसे दस फीट गहरा कर दिया गया। मंदिर पर हुए अतिक्रमण को हटाने का काम भी चल रहा है।

शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल के बाद संभल में प्रशासन-पुलिस का सर्च अभियान हर रोज नए खुलासे कर रहा है। शनिवार को अभियान के दौरान खग्गुसराय इलाके में टीम पहुंची थी। जहां टीम को एक मंदिर दिखाई दिया था। जिसकी पड़ताल की तो पता चला कि यह मंदिर 1978 में हुए दंगे के बाद से बंद है। डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया ने मंदिर के कपाट खुलवाए तो एएसपी श्रीश्चंद्र व सीओ अनुज चौधरी अंदर घुसे। मंदिर के बाहर कुआं भी था। जिसे खुदाई कर खुलवा दिया गया।

इस मंदिर में भगवान शिव और हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित मिली थी। 46 साल बाद मंदिर के कपाट खुलने के बाद हिंदू समुदाय के लोगों में खुशी का माहौल है। रविवार को सुबह से ही मंदिर पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई। दिनभर पूजा-अर्चना का दौर चला।

भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया, वहीं भगवान हनुमान को चोला चढ़ाया गया। मंदिर परिसर में हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ किया गया, साथ ही भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस दौरान मंदिर और आसपास के इलाकों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही। वहीं, मंदिर की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए गए।

कार्तिक महादेव के नाम से जाना जाता है ये ऐतिहासिक मंदिर

संभल। डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने बताया कि पंडितों के मुताबिक यह ऐतिहासिक मंदिर कार्तिक महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है, जो शास्त्रों में वर्णित संभल के 52 सराय, 68 तीर्थ और 19 कूप का हिस्सा है। पास में अमृत कूप भी स्थित है, जिसकी खासियत के बारे में पुरातत्व विभाग से पता करवाया जाएगा। इसके लिए हमने पुरातत्तव विभाग को पत्र लिखकर कार्बन डेटिंग कराने को कहा है। मंदिर पर कुछ हिस्सों में अतिक्रमण किया गया था, जिन्हें हटाया जा रहा है। डीएम ने स्पष्ट रूप से कहा कि कुछ अतिक्रमण हटाने के लिए अनुरोध किया जा रहा है, यदि ऐसा नहीं होता है तो नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।

मंदिर का बदल रहा स्वरूप

मंदिर की साफ-सफाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, और कुएं की खुदाई कर उसको गहरा किया जा रहा है। मंदिर का सुरक्षा तंत्र भी मजबूत किया गया है, क्योंकि अब मंदिर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और रोशनी से इसे जगमगाया जा रहा है। इसके अलावा, मंदिर के बाहर बनी चहारदीवारी को भी हटा दिया गया है। सुरक्षा के लिए गार्ड भी तैनात किया गया है।

इतिहास और श्रद्धा का संगम

मंदिर का पुनरुद्धार श्रद्धालुओं के लिए एक ऐतिहासिक पल है। इस मंदिर पर देवेंद्र रस्तोगी का परिवार 2006 तक पूजा करता था। अन्य हिंदू परिवार के जाने के कारण वह भी अंत में छोड़कर चले गए। देवेंद्र के बेटे मुदित ने बताया कि वह जब भी बाहर से आते हैं तो मंदिर जरूर आते हैं। मंदिर की सुरक्षा के लिए ही वहां पर कमरा बनाकर बंद किया गया था। जिसकी चाबी उनके पास थी। 1978 तक मंदिर के पास करीब 40 हिंदू परिवार रहते थे, जिनमें से 95 वोटर थे। अब एक बार फिर यह पवित्र स्थल श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया है। जिससे हिंदू समाज के लोगों में खुशी का माहौल है।