संरक्षण की अनदेखी से बावड़ी में गिरा बछड़ा, मौत
Sambhal News - शहर के मोहल्ला लक्ष्मणगंज स्थित ऐतिहासिक बावड़ी में एक गाय के बछड़े की दर्दनाक मौत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है। खुली बावड़ी में सुरक्षा के कोई...

शहर के मोहल्ला लक्ष्मणगंज स्थित ऐतिहासिक बावड़ी में शुक्रवार रात एक गाय के बछड़े की दर्दनाक मौत ने एक बार फिर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही की पोल खोल दी है। खुली बावड़ी में सुरक्षा के कोई इंतज़ाम नहीं किए गए हैं, जिसके चलते यह ऐतिहासिक धरोहर अब जनजीवन और पशुओं के लिए जानलेवा खतरा बनती जा रही है। अगर घटना के बाद भी एएसआई के कान में जूं नहीं रेंगी तो बावड़ी में और हादसे तो होंगे ही, इससे बावड़ी की संरचना को भी नुकसान पहुंच सकता है। बावड़ी को संरक्षित व सुरक्षित रखने के लिए डीएम कई बार एएसआई को पत्र लिख चुके हैं।
मोहल्लेवासियों ने शनिवार सुबह बावड़ी में मृत बछड़े को देखा तो हड़कंप मच गया। देखते ही देखते मौके पर भीड़ जुट गई और लोगों ने प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी ज़ाहिर की। लोगों का कहना है कि इस बावड़ी में पहले भी दो आवारा कुत्तों की मौत हो चुकी है, लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। डीएम के आदेश भी हुए अनसुने यह बावड़ी हाल ही में चर्चा में तब आई थी जब शहर निवासी कौशल किशोर वंदेमातरम ने 20 दिसंबर 2024 को जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पेंसिया को इसकी खुदाई और संरक्षण के लिए पत्र सौंपा था। डीएम ने आदेश भी दिया और 21 दिसंबर से खुदाई शुरू की गई, लेकिन दूसरे तल की क्षति और भारी कूड़े के चलते जनवरी में एएसआई ने काम बंद करा दिया। उस समय भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पीएसी तैनात की गई थी, लेकिन अब न कोई सुरक्षा घेरा है, न ही कोई पहरा। तिरपाल जो पानी रोकने के लिए डाली गई थी, वह अब फट चुकी है और बेकार हो चुकी है। इससे साफ है कि बावड़ी की देखरेख की जिम्मेदारी कहीं नहीं निभाई जा रही। पुलिस ने पहुंचकर बछड़े को निकाला, लेकिन सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं सूचना पर प्रभारी निरीक्षक मोहित चौधरी पहुंचे और बताया कि पीएसी हटा दी गई है, लेकिन कोतवाली पुलिस के जवान मौके पर आते-जाते रहते हैं। पुलिस ने किसी तरह बावड़ी में गिरे बछड़े को बाहर निकाला, लेकिन सवाल उठता है कि ऐसी घटनाओं से पहले क्यों नहीं सतर्कता बरती जाती? जन और धरोहर दोनों खतरे में बावड़ी एक ऐतिहासिक धरोहर है, जिसकी खुदाई और संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। लेकिन जिस तरह से एएसआई और नगरपालिका की निष्क्रियता सामने आई है, उससे साफ है कि एक ओर जनजीवन खतरे में है, और दूसरी ओर सांस्कृतिक विरासत भी क्षतिग्रस्त हो रही है। लोगों ने बावड़ी को तुरंत लोहे की ग्रिल या दीवार से घेरने, खुदाई कार्य दोबारा शुरू कराने, स्थायी सुरक्षा गार्ड तैनात करने, एएसआई को जवाबदेह बनाया जाए।
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