जोहार शौका साहित्य विमर्श में संस्कृति की गूंज
हल्द्वानी में जोहार शौका केंद्रीय समिति द्वारा प्रथम जोहार शौका साहित्य विमर्श आयोजित किया गया। इसमें काव्य-पाठ, संगीत-गायन और विचार-संवाद के माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास किया गया।...

हल्द्वानी। जोहार शौका केंद्रीय समिति के तत्वावधान में जोहार मिलन केंद्र में प्रथम जोहार शौका साहित्य विमर्श आयोजन किया गया। कार्यक्रम में काव्य-पाठ, संगीत-गायन व विचार-संवाद के माध्यम से समाज की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का प्रयास हुआ। इस आयोजन में डॉ. रघुनंदन सिंह टोलिया, सुरेन्द्र सिंह पांगती, डॉ. शेर सिंह पांगती, गजेंद्र सिंह पांगती, हरीश चंद्र सिंह धर्मशक्तू, भूपेंद्र सिंह बृजवाल, मंजु पांगती व जगदीश बृजवाल ने अपनी रचनात्मक प्रस्तुति से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। आनंदी, भागीरथी, नाथ सिंह जंगपांगी, रमेश जंगपांगी, प्रमोद पांगती व प्रवीण मप्वाल ने गीतों से भावनात्मक समां बांधा। द्वितीय सत्र में शौका साहित्य पर गंभीर परिचर्चा हुई, नई वेबसाइट और त्रैमासिक पत्रिका पर चर्चा हुई।
इस अवसर पर हरीश धर्मशक्तू की "चंदा" व भूपेंद्र बृजवाल की "राजुला" पुस्तकों का विमोचन भी हुआ। संचालन तब्बू मर्तोलिया व धन्यवाद ज्ञापन कैलाश धर्मशक्तू ने किया।
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