Sambhal s Long Wait for Rail Connectivity Local Demands for Gajraula Line रेल लाइन विस्तार की बाट जोहता संभल, कब दौड़ेगीं एक्सप्रेस ट्रेन, Sambhal Hindi News - Hindustan
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रेल लाइन विस्तार की बाट जोहता संभल, कब दौड़ेगीं एक्सप्रेस ट्रेन

Sambhal News - संभल, जो दिल्ली से 165 किलोमीटर दूर है, आज भी मजबूत रेल नेटवर्क के लिए तरस रहा है। यहां के लोग वर्षों से गजरौला तक रेल लाइन की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं हुआ है। रेल कनेक्टिविटी...

Newswrap हिन्दुस्तान, संभलTue, 13 May 2025 04:49 AM
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रेल लाइन विस्तार की बाट जोहता संभल, कब दौड़ेगीं एक्सप्रेस ट्रेन

राजधानी दिल्ली से मात्र 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित संभल, आज भी एक मजबूत रेल नेटवर्क के लिए तरस रहा है। यहां का एकमात्र स्टेशन हातिम सराय नाम मात्र का है। जहां मुरादाबाद से दो बोगियों वाली ट्रेन तो आती है, लेकिन दिल्ली, लखनऊ या अन्य प्रमुख शहरों के लिए कोई सीधी रेल सेवा नहीं है। क्योकि संभल से आगे के लिए रेलवे ट्रैक ही नहीं है। जबकि दशकों से संभल के लोग रेलवे लाइन की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन अभी तक लोगों का सपना पूरा नहीं हुआ है। वर्ष 2017 के रेल बजट में संभल से गजरौला तक नई रेल लाइन का प्रस्ताव पारित हुआ था।

जिससे स्थानीय लोगों में उम्मीद की किरण जगी थी। रेल मंत्रालय ने स्थलीय सर्वे भी कराया, लेकिन आय की संभावनाएं कम बताकर इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। इससे संभल वासियों के सपनों को झटका लगा और दशकों पुराना रेल कनेक्टिविटी का इंतजार आज भी जारी है। हातिम सराय से गजरौला तक रेल लाइन की मांग पुरानी है। यहां से गजरौला जुड़ते ही संभल को दिल्ली, मेरठ, हरिद्वार, लखनऊ जैसे शहरों से सीधी ट्रेन सेवा मिल सकती है। इससे न सिर्फ आम लोगों को यातायात की सहूलियत मिलेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, उद्योग और पर्यटन को भी पंख लगेंगे। स्थानीय संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, व्यापारी और आम नागरिक लगातार इस मुद्दे को उठाते आ रहे हैं। ज्ञापन दिए गए, धरने हुए, पोस्टकार्ड व हस्ताक्षर अभियान भी चलाया गया, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं हो पाया। हर बजट से पहले उम्मीदें बंधती हैं, दिल्ली की ओर निगाहें टिक जाती हैं, पर हाथ आता है सिर्फ इंतजार। बता दें संभल में हैडीक्राफ्ट व मैंथा का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है। जबकि प्रतिदिन लोग दिल्ली व अन्य स्थानों के लिए जाते हैं। रेलवे लाइन न होने की वजह से व्यापारियों व आम लोगों को मंहगा यातायात से दिल्ली जाना पड़ता है। जिससे समय के साथ आर्थिक बोझ भी पड़ता है। उसके बाद भी संभल की वर्षों पुरानी मांग अभी तक पूरी नहीं हो सकी है। लोकसभा में उठता रहा है संभल का यह मुद्दा संभल। संभल जैसे जनसंख्या और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले जिले के लिए ये स्थिति विडंबनापूर्ण है। एक ओर भारत सरकार रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने और बुलेट ट्रेन की बात करती है। वहीं दूसरी ओर संभल जैसे जिले में बुनियादी रेल सेवा भी नहीं है। जबकि इस मुद्दे को संभल के सांसद सदन में उठाते रहे हैं। उसके बाद भी इस समस्या का समाधान नहीं हो सका है। हर बार बजट आता है, उम्मीद बंधती है कि अब हमारी रेल लाइन बनेगी, लेकिन फिर मायूसी ही हाथ लगती है। रेल लाइन बनती है तो कारोबार को नई दिशा मिलेगी। संभल को अगर आगे बढ़ाना है तो रेल कनेक्टिविटी ज़रूरी है। -मुशीर खां तरीन संभल गजरौला रेल लाइन विस्तारीकरण को लेकर हमारी मांग काफी लंबे समय से चली आ रही है। हम लगातार धरना प्रदर्शन, ज्ञापन व एक्स पर ट्वीट करके लगातार अपनी मांग को भारत सरकार तक पहुंचा रहे हैं। जल्द ही रेल सुविधा मिलेगी। - चौधरी रविराज चाहल संभल का नाम तो ऐतिहासिक है, लेकिन आज भी हम रेल जैसी मूलभूत सुविधा से वंचित हैं। छात्र-छात्राओं के लिए ये बड़ी समस्या है। अगर रेल लाइन बनती है तो शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक पहुंच आसान होगी। -मोहम्मद कासिफ हमने कई बार प्रशासन और सांसद महोदय से मांग रखी है। धरने, प्रदर्शन, ज्ञापन सब कुछ किया, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन मिलता है। सरकार को अब ठोस पहल करनी चाहिए। जिससे लोगों को ट्रेन की सुविधा मिल सकें। -डॉ. नाजिम संभल गजरौला रेलवे विस्तारीकरण की मांग मेरे द्वारा मजबूती से सदन में उठाया गया है और पूर्व में मरहूम सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने कई बार सदन में उठाया था। आगे भी इस मुद्दे को उठाया जाता रहेगा। संभल के विकास के हित में संभल गजरौला रेलवे विस्तारीकरण बहुत ही आवश्यक है। सरकार इसे जल्द से जल्द पूरा कराया जाए। - जियाउर्रहमान बर्क, सांसद संभल

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