नोटिस देने तक ही रह गई स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में सीएमओ के निर्देश पर बीते 10 अप्रैल को

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में सीएमओ के निर्देश पर बीते 10 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने पंजीकृत अस्पतालों के अभिलेखों के साथ निरीक्षण किया था। इसके दौरान जिन चिकित्सकों के नाम से अस्पतालों का पंजीकरण किया गया था वे मौके पर मौजूद नहीं मिले थे। इतना ही नहीं इन नर्सिंग होम पर मरीजों का अप्रशिक्षित कर्मियों द्वारा उपचार किया जा रहा था। जिस पर टीम ने इन अस्पतालों का पंजीकरण निरस्त करने के साथ आयुष्मान का करार रद्द करने के लिए नोटिस दी थी, लेकिन 15 दिन बीत जाने के बाद भी इन अस्पतालों पर विभागीय कारवाई नहीं हो सकी। ऐसे में विभाग की इस कार्यशैली की चर्चा जोरों पर है।
बीते 10 अप्रैल को पंजीकृत अस्पतालों पर डाक्टरों की उपस्थिति के सत्यापन के लिए एसीएमओ डा.राम रतन, डा. शैलेंद्र कुमार सिंह, डा. मुबारक अली, राजेंद्र कुमार व शशिभूषण वर्मा की टीम अवध हास्पिटल पर पहुंची थी। टीम को अस्पताल में एक मरीज भर्ती मिला था। एसीएमओ डा. राम रतन ने जब संचालक से यह पूछा कि आपके डाक्टर कहां हैं तो उसने बताया कि वह अभी बाहर गए हैं। कुछ ही देरी में वे पहुंच जाएंगे। इस पर उक्त हास्पिटल का पंजीकरण निरस्त करने की नोटिस दे दी। इसके बाद टीम मेंहदावल बाईपास स्थित स्टार हास्पिटल पर पहुंची। वहां पर आधा दर्जन मरीज भर्ती किए गए थे किसी के पित्त की थैली का आपरेशन तो किसी की डिलेवरी की गई थी। टीम ने जब संचालक से पूंछा कि इन मरीजों का उपचार किसने किया और डाक्टर कहां है तो संचालक सही जवाब नहीं दे सका। इस पर उसे नोटिस देकर तीन दिन के अंदर अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था। इतना ही नहीं नोटिस में आयुष्मान भारत योजना का पंजीकरण निरस्त करने की भी बात कही गई थी। विभाग के नोटिस पर संबंधित नर्सिंग होम के संचालक सीएमओ कार्यालय में लाइसेंस में लगे डाक्टरों को लेकर पेश भी हुए थे। लेकिन सीएमओ के सवालों का जवाब वे सब नहीं दे सके। इसके बाद भी स्टार व अवध हास्पिटल पर मरीजों के उपचार का क्रम तेजी से चल रहा है। इतना ही नही उक्त नर्सिंग को विभागीय मेहरबानी से आयुष्मान भारत योजना के तहत उपचार करने के लाइसेंस भी दिए जा चुके हैं। ऐसे में जिले की भोली-भाली जनता के साथ स्वास्थ्य माफिया खिलवाड़ कर रहे हैं और विभाग चुप्पी साधे हुआ है।
सीएमओ डा. रामानुज कन्नौजिया ने कहा कि दोनों अस्पताल के संचालक कार्यालय आए हुए थे। वे सब सही जवाब नहीं दे सके थे। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
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