कबीर नाम का सीधा मतलब है जीवन
Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर में प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद में कबीर जयंती पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ अमरनाथ पाण्डेय ने कबीर को जीवन का प्रतीक बताया। कबीर केवल कवि नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति के...
संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले के प्रभा देवी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद में कबीर जयंती पर गोष्ठी का अयोजन किया गया। इस मौके पर अध्यक्ष हिंदी विभाग डॉ अमरनाथ पाण्डेय ने कहा कि कबीर एक ऐसा नाम जिसका सीधा मतलब है जीवन। आप जिन्दा हो तो आप कबीर हैं, नहीं तो कुछ नहीं हो। कबीर एक व्यक्ति विशेष का नाम ही नहीं है यह उस जीवटता और सजीवता का पर्याय है जिसने कभी हार और रार को नहीं जिया है। उन्होंने बताया कि कबीर मात्र कवि, समाजसेवी या साधु ही नहीं थे बल्कि वह भारतीय संस्कृति के तत्कालीन सबसे सबल संरक्षक रहे हैं।
उन्होंने प्रेम, समर्पण, त्याग और तप का जो आदर्श प्रस्तुत किया है वह आदर्श ही नहीं यथार्थ है। कबीर राम का कुत्ता भी बन जाते हैं और राम को अपना भरतार भी बना लेते हैं। हरि को भजे सो हरि का होई... कहते हुए जब भक्ति की परिभाषा प्रदान करते हैं। वहीं जो घर फूंके आपना चले हमारे साथ... कहकर क्रान्ति धर्मिता का पाठ पढ़ाते हैं। प्राचार्य डॉ. प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कबीर भारतीय संस्कृति और सभ्यता के संरक्षक के साथ ही मध्यकालीन भारतीय जनता के प्रतिनिधि भी रहे हैं। धर्म कर्म में एकता की बात करने वाले कबीर आंखों देखी बातों को महत्व प्रदान करते हैं। डॉ कौशलेंद्र मणि त्रिपाठी ने बताया कि अपनी बात को पूरे बल के साथ निर्भीकता से रखने वाले कबीर आज के भ्रमित और चापलूस युवाओं के लिए एक उज्ज्वल भविष्य की सीख देते हैं। कार्यक्रम का संचालन डॉ. सीमा पाण्डेय ने किया। हिन्दी विभाग की छात्राओं दामिनी श्रीवास्तव, कविता, पूजा, नित्या आदि ने कबीर के भजनों की मनोहारी प्रस्तुति की।
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