Surge in Stomach Pain Patients at Sant Kabir Nagar Hospital Amid Heat and Humidity दिखाने में आधे घंटे तो दवा लेने में लग रहे दो से तीन घंटे, Santkabir-nagar Hindi News - Hindustan
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दिखाने में आधे घंटे तो दवा लेने में लग रहे दो से तीन घंटे

Santkabir-nagar News - संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में अचानक गर्मी व नमी के उतार चढ़ाव के

Newswrap हिन्दुस्तान, संतकबीरनगरSat, 3 May 2025 10:51 AM
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दिखाने में आधे घंटे तो दवा लेने में लग रहे दो से तीन घंटे

संतकबीरनगर, हिन्दुस्तान टीम। संतकबीरनगर जिले में अचानक गर्मी व नमी के उतार चढ़ाव के कारण जिला संयुक्त चिकित्सालय में पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। ऐसे में इस विभाग के डाक्टरों के कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतार लग रही है। आधे घंटे के इंतजार के बाद डाक्टर कक्ष में पहुंचने पर चिकित्सक ऐसे मरीजों को देखने व जांच कराने में दो से तीन मिनट तक का समय लगा रहे हैं। वहीं ब्लड जांच कराने व दवा लेने में भी मरीजों को परेशान होना पड़ रहा है। प्रतिदिन अस्पताल में एक हजार से अधिक मरीज फिजीशियन चिकित्सकों के पास पहुंच रहे हैं।

जिससे चिकित्सक भी परेशान हो जा रहे हैं। जिला संयुक्त चिकित्सालय में पांच फिजीशियन डाक्टर हैं। लेकिन अधिकांश मरीज डा. रमाशंकर सिंह, डा. कुमार सिद्धार्थ व डा. मॉज फारूकी को दिखाने के लिए परेशान रहते हैं। इन चिकित्सकों के कक्ष के बाहर भीड़ लगी रहती है। ऐसे में इन चिकित्सकों मरीजों की ओपीडी करने में पसीने छूट जा रहे हैं। गर्मी व नमी के कारण लोग पेट की बीमारी के शिकार हो रहे हैं। चिकित्सक सभी मरीजों को देखने के प्रयास में हर मरीज दो से तीन मिनट तक का ही समय दे पा रहे हैं। इन मरीजों में सबसे अधिक तो डायरिया के मरीज उपचार कराने के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं। ऐसे मरीजों को डाक्टर प्रारंभिक तौर पर तो सबसे पहले तो ब्लड जांच, अल्ट्रसाउंड व एक्सरे कराने के लिए ओपीडी पर्ची पर लिख कर संबंधित विभाग में भेज देते हैं। ऐसे में मरीजों को इन जगहों पर कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। नहीं मिल रही मरीजों को समय से जांच रिपोर्ट अस्पताल में आने वाले मरीजों को ब्लड जांच कराने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। एक तरफ मरीज सैंपल देने के लिए संबंधित काउंटर पर बार कोड लेने के लिए घंटों खड़े रहते हैं। किसी तरह से यदि उन्हें बार कोड मिल तो ब्लड कलक्शन कक्ष में भी मारा-मारी होती रहती है। ब्लड सैंपल देने के बाद घंटों मरीज फर्श पर बैठकर अपनी जांच रिपोर्ट लेने की प्रतीक्षा करता है। लेकिन कांउटर से एक बजे के बाद जांच रिपोर्ट मिलनी शुरू की जाती है। जब तक मरीज के हाथ में जांच रिपेार्ट आती है तब तक डाक्टर अपने कक्ष से उठकर चले जाते हैं। जिससे मरीजों को दूसरे दिन जांच रिपोर्ट दिखाने के लिए आना पड़ता है। दवा लेने में लग जा रहा दो से तीन घंटे तक का समय अस्पताल में चिकित्सक को दिखाना तो आसान है लेकिन यदि आप को सरकारी दवा लेनी है तो वह मुश्किल भरा काम है। दवा वितरण कक्ष के बाहर मरीजों की लंबी कतार लग रही है। महिला व पुरुष मरीजों की अलग-अलग कतार लग रही है। फिर भी दवा लेने में मरीजों को दो घंटे से अधिक का समय लग जा रहा है। आए दिन मरीजों में आगे व पीछे होने को लेकर कहासुनी तक होती रहती है। इतना ही नहीं कभी-कभी तो मारपीट भी हो जा रही है। लेकिन अस्पताल प्रशासन सब कुछ जानकारी होने के बाद भी हाथ पर हाथ रखकर चुप्पी साधे हुए रहता है। मरीजों को देखने में दो बार देना पड़ रहा है समय फिजीशियन विभाग में चिकित्सकों को मरीजों के उपचार करने में दो बार समय देना पड़ रहा है। एक तो मरीज को ओपीडी पर्ची मिलने के बाद मरीज के द्वारा बताए गए लक्षण के आधार पर दवा व जांच कराने के लिए। दूसरी बार जांच रिपोर्ट आने के बाद मरीज को दवा लेने के लिए पर्ची पर लिखने के लिए। ऐसे में गर्मी के कारण अब अस्पताल में मरीजों की भरमार हो गई है।

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