बढ़ा डायरिया का प्रकोप, जिला अस्पताल में रोजाना आ रहे 100 से 120 मरीज
Shamli News - भीषण गर्मी के कारण जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ गया है। जिला अस्पताल में रोजाना 1200 से अधिक मरीज आते हैं, जिनमें से 120 मरीज उल्टी दस्त से पीड़ित होते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान शुरू...

भीषण गर्मी के कारण जिले में डायरिया का प्रकोप बढ़ने लगा है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिला अस्पताल में रोजाना करीब 1200 से अधिक मरीजों की ओपीडी हो रही है। इसमें से करीब 120 ऐसे मरीज होते है, जो उल्टी दस्त से पीड़ित मिलते है। ज्यादातर का इलाज कर उन्हें घर भेज दिया गया, लेकिन हालत गंभीर होने पर लगभग मरीजों को भर्ती किया जाता है। डायरिया के प्रकोप से बचने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने जागरूकता अभियान भी शुरू किया है। दिन प्रतिदिन तापमान में वृद्धि हो रही है। आसमान से बरसती आग व गर्म हवा के थपेड़ों से आम जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है।
इन सबके बीच जिले में डायरिया का प्रकोप भी बढ़ने लगा है। तापमान बढ़ने के बीच जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में भी वृद्धि होने लगी है। बच्चें बुढो और जवान सभी को डायरिया ने अपनी चपेट में ले रखा है। जिसका मुख्य कारण भीषण गर्मी को माना जा रहा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि लगभग एक माह पहले जिला अस्पताल में जहां लगभग औसतन 1000 मरीजों की ओपीडी होती थी, तो वहीं मौजूदा समय में मरीजों की संख्या 1200 से ऊपर हो गई है। जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई। गुरूवार सुबह से ही मरीजों का जिला अस्पताल पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। देखते ही देखते पर्ची व दवा काउंटर पर मरीजों की लंबी लाइन लग गई। मरीजों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक दिन में लगभग 1221 मरीजों की ओपीडी हुई। इसमें 120 से अधिक मरीज उल्टी दस्त से पीड़ित थे। कैराना से आए हरसलाम अहमद ने बताया कि उनके बच्चें को दो दिन से उल्टी दस्त की शिकायत है। जिसके इलाज के लिए जला अस्तपल पहुचे है। चिकित्सक का कहना है की बच्चें को भर्ती करना पडेगा। चिकित्सको ने मरीजों को भीषण गर्मी में बाहरी खानपान व धूप में निकलने से माना करते हुए तरल पदार्थो का अधिक प्रयोग करने की सला दी है। डायरिया के लक्षण: बार-बार पतला, पानी जैसा मल त्याग। पेट में ऐंठन और दर्द का होना। बार-बार उल्टी आना बुखार होना -------------- खाना बनाने और खाने से पहले और बाद में हाथ धोएं। टॉयलेट के बाद हाथों को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोएं। उबला हुआ पानी पीना भी सुरक्षित होता है। ताजे और साफ-सुथरे फल और सब्जियों का सेवन करें। खाना बनाने से पहले सभी खाद्य पदार्थों को अच्छी तरह से धो लें। बाहर के खाने से बचें, खासकर उन जगहों से जहां स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाता। बासी और खराब हो चुके खाद्य पदार्थों का सेवन न करें। तेज धूप में छाता या सिर पर कपडा रख कर ही घर से बाहर निकले। कोट जिला अस्पताल में सामान्य दिनों की अपेक्षा गुरूवार को उल्टी दस्त के मरीजों की संख्या बढी है। जिसके चलते 120 मरीजों को उल्टी दस्त व पेट दर्द की शिकायत पाई गई, जिनमें से दो मरीजों को भर्ती किया गया है। और बाकी को दवाई देकर घर भेज दिया गया है। जनरल फिजिशियन - डा. समद अली
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