फर्जी नसबंदी के आधार पर लिया गया 32 वर्ष पुराना पट्टा निरस्त
Siddhart-nagar News - सिद्धार्थनगर में शोहरतगढ़ क्षेत्र में 32 वर्ष पूर्व फर्जी नसबंदी के आधार पर आवंटित कृषि पट्टा निरस्त कर दिया गया है। सुशीला देवी को 1993 में यह पट्टा दिया गया था, लेकिन उनके फर्जी नसबंदी का आरोप लगा।...

सिद्धार्थनगर, निज संवाददाता। शोहरतगढ़ क्षेत्र में 32 वर्ष पूर्व फर्जी नसबंदी के आधार पर लिया गया लगभग दो बीघा आवंटित कृषि पट्टा डीएम डॉ. राजा गणपति आर ने निरस्त कर दिया है। यह पट्टा कस्बा निवासी सुशीला देवी पत्नी श्याम सुंदर के नाम से आवंटित किया गया था। डीएम ने साक्ष्यों के आकलन के आधार पर जमीन को वापस ग्राम सभा को सौंप दिया है। दरअसल, शोहरतगढ़ कस्बे के सुभाष नगर निवासी श्याम सुंदर की पत्नी सुशीला देवी ने फर्जी नसबंदी को आधार बनाकर 13 जुलाई 1993 को कृषि योग्य भूमि पट्टा आवंटित कराया था। जिसमें इन्हें शोहरतगढ़ उर्फ चादांपार के गाटा संख्या दो मिन रकबा 0.203 हेक्टेयर भूमि व गाटा संख्या 150/530 में 0.039 हेक्टेयर यानी लगभग दो बीघा भूमि कृषि योग्य आवंटित किया गया था।
सुशीला देवी के देहांत के बाद पट्टे का यह भूमि रेवती रमण उर्फ गोपाल आदि के नाम बतौर वारिस खतौनी में अंकित है। इस मामले में कस्बा निवासी वादी सर्वेश कुमार खेतान ने डीएम के पास अपील करते हुए आरोप लगाया कि सुशीला देवी की नसबंदी फर्जी है। इन्होंने नसबंदी के बाद भी दो बच्चों को जन्म दिया है। डीएम ने साक्ष्यों के आधार पर आवंटित लगभग दो बीघा कृषि योग्य पट्टा निरस्त करते हुए आदेश जारी किया है। इसमें उन्होंने उस भूमि को ग्राम सभा को सौंपा है।
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