Swami Maithilisharan Maharaj Begins Ramcharitmanas Discourse at Gita Bhavan शिव के भक्त राम, राम के भक्त शिव:स्वामी मैथिलीशरण, Dehradun Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttarakhand NewsDehradun NewsSwami Maithilisharan Maharaj Begins Ramcharitmanas Discourse at Gita Bhavan

शिव के भक्त राम, राम के भक्त शिव:स्वामी मैथिलीशरण

राजा रोड गीता भवन में प्रवचन के पहले दिन स्वामी मैथिलीशरण ने सुनाई राम कथा देहरादून, वरिष्ठ संवाददाता। श्री सनातन धर्म सभा गीता भवन में सोमवार से रामक

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनMon, 12 May 2025 07:41 PM
share Share
Follow Us on
शिव के भक्त राम, राम के भक्त शिव:स्वामी मैथिलीशरण

श्री सनातन धर्म सभा गीता भवन में सोमवार से रामकिंकर विचार मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी मैथिलीशरण महाराज ने श्रीराम चरित मानस से अपनी सरस व्याख्या का शुभारंभ किया। कथा 18 मई तक नित्य सायं 6 बजे से साढ़े सात बजे तक होगी। पहले दिन कथा सुनाते हुए उन्होंने कहा कि शिव के भक्त राम और राम के भक्त शिव हैं। यदि किसी की इच्छा न हो और विवश होकर भी यदि कोई भगवान के परम पावन राम के नाम का उच्चारण करता है तो वह अनेक पापों से मुक्त हो जाता है। व्यक्ति को अगुण और सगुण को लेकर नाम और रूप को लेकर चित्त में भ्रम को नहीं आने देना चाहिए।

शिव रूप विश्वास की परम पावनी वाणी को सुनकर भगवती पार्वती के मन में जो यह संशय था कि निर्गुण निराकार ब्रह्म सगुण रूप कैसे धारण करता है इसकी निवृत्ति हो गई। भगवान श्रीराम के प्रति अपने परम प्रभु प्रियतम शिव की दिव्य भावना को देखकर पार्वती जी के ह्रदय में श्रीरघुनाथ जी के चरणों में सहज भक्ति हो गई। शंकर जी के उद्देश्य की पूर्ति हो गई। जब तक ह्रदय में भगवान के प्रति विश्वास और प्रेम न हो तब तक भले ही शंकर जी स्वयं कथा करें तो भी मनुष्य के ह्रदय में भगवान का एक गुण भी ह्रदयस्थ नहीं होगा। रामायण में बालकाण्ड में भगवती पार्वती जी को कथा सुनाते समय भगवान श्रीराम के अगुण और सगुण रूप को सुस्पष्ट किया गया है। शंकर जी ने कहते हैं जो वेदों का परम तत्त्व हैं, ज्ञानी जन अपनी मति के अनुसार जिनका प्रतिपादन करके जनमानस में ज्ञान विज्ञान का निरूपण करते हैं, वहीं निर्गुण रूप राम दशरथ जी के पुत्र के रूप में अवतरित होते हैं। काशी में मृत्यु के समय मैं जिन श्रीराम के नाम का अमोघ मंत्र सुनाकर मुक्तिदाता कहलाता हूं। वे यही श्रीराम हैं जिनके बालक रूप की आराधना मेरी साधना का आधार है। चौदह भुवनों और सचराचर के स्वामी यहीं राम हैं, जो सबके ह्रदय में अन्तर्यामी के रूप में निवास करते हैं। मौके पर गीता भवन प्रधान राकेश ओबराय, मंत्री विपिन नागलिया, वरिष्ठ उप प्रधान राजीव बेरी, उप प्रधान अशोक विंडलास, राजु पुरी, जितेन्द्र कपूर, यशवंत दत्ता, देवेन्द्र गोयल मौजूद रहे।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।