Hindustan Special: महाभारतकालीन लीलौर गांव में बनाई गई एक विशेष वाटिका, जानिए क्या है खासियत
- बरेली के आंवला क्षेत्र में स्थित महाभारतकालीन लीलौर झील पर यक्ष ने युधिष्ठिर से सवाल पूछे थे। युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्नों के सही जवाब दिए थे। महाभारत में जिन पेड़ों का जिक्र किया गया है।

बरेली के आंवला क्षेत्र में स्थित महाभारतकालीन लीलौर झील पर यक्ष ने युधिष्ठिर से सवाल पूछे थे। युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्नों के सही जवाब दिए थे। महाभारत में जिन पेड़ों का जिक्र किया गया है, लीलौर में उनमें से ज्यादातर प्रजाति के पौधों से विरासत वाटिका विकसित की जा रही है। 8 हेक्टेयर में फैली विरासत वाटिका में प्रदेश के 25 जिलों से 100 से अधिक देशी प्रजातियों के पौधों को लगाया गया है। प्रशासन-वन विभाग और ग्राम पंचायत मिलकर विरासत वाटिका को विकसित कर रहे हैं।
महाभारतकालीन लीलौर झील से सटी हुई 8 हेक्टेयर जमीन पर विरासत वाटिका विकसित की जा रही है। विरासत वाटिका में 12800 से अधिक पौधे लगाए गए हैं। राज्य जैव विविधता बोर्ड ने 948 पौधों को विरासत वृक्ष घोषित किया है। यहां चित्रकूट-अवध, अंबेडकर नगर और श्रावस्ती से सबसे अधिक पौधे लाकर लगाए गए हैं। कुछ प्रजाति के बीज लगाकर बरेली में पौध तैयार की गई है। विरासत वाटिका में पीपल, बरगद, पाकड़, इमली, कजीं, शीशम, सागौन, गुटेल और आंवला के सबसे अधिक पौधे लगाए गए हैं। इन की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने पुख्ता इंतजाम भी किए हैं। विरासत वाटिका की तारकशी की गई है। ग्राम पंचायत और वन विभाग विरासत वाटिका की मॉनीटरिंग कर रहा है। विरासत वाटिका विकसित होने से लीलौर में पर्यटन और बढेगा। ईको टूरिज्म का आनंद लेने लोग आएंगे।
पर्यावरण को बचाने में निभाएगी अहम भूमिका
आंवला के इस क्षेत्र में भूजल लगातार कम होता जा रहा है। यह सेमी क्रिटिकल स्तर पर पहुंच गया है। उपजाऊ जमीन में नमी की मात्रा कम होती जा रही है। विरासत वाटिका पर्यावरण को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
मुख्यमंत्री कर चुके हैं विरासत वाटिका की तारीफ
विरासत वाटिका की मुख्यमंत्री योगी तारीफ कर चुके हैं। एक अप्रैल को बरेली दौरे के दौरान मुख्यमंत्री को पीपीटी के जरिए विरासत वाटिका का प्रजेंटेशन किया गया था।