प्रस्ताव में अटकी साइफन की सफाई, किसान परेशान
Sultanpur News - सुलतानपुर के किसानों को बघइला तालाब के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। तालाब में गंदा पानी भरने से फसलें डूब जाती हैं। साइफन की सफाई के लिए प्रस्ताव लम्बित होने से समस्या बढ़ रही है। किसान...

सुलतानपुर। ब्लॉक मोतिगरपुर क्षेत्र के खड़सरा, अहदा और बबरही गांव की सीमा को को छूकर जाने वाला बघइला तालाब किसानों के लिए मुसीबत बना हुआ है। आम दिनों में इस तालाब में एक दर्जन से अधिक गांवों का गंदा पानी आकर गिरता है। अधिक पानी होने पर तालाब के पानी की निकासी के लिए नाले का निर्माण किया गया था। नाले से पानी जाकर गोमती नदी में गिरता है। लेकिन नाले के रास्ते में पड़ने वाली समानान्तर शारदा सहायक-16 के नीचे से पानी गुजारने के बनाए गए साइफन के जाम रहने से तालाब का पानी बह नहीं पाता है। ऐसी स्थितियों में किसानों को इसका खामियाजा भुगताना पड़ता है।
पानी न निकलने से तालाब का पानी उफनाकर खेतों में लगी फसलों को डुबों देता है। इसे लेकर कई वर्षों से विभाग द्वारा कहा जाता है कि साइफन की सफाई के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव शासन स्तर पर लम्बित होने के कारण किसान कई वर्षों से इसका खामियाजा भुगत रहें हैं। समस्या से निजात दिलाने के लिए किसान शारदा सहायक नहर खंड-16 के अधीशासी अभियंता से लेकर उच्चाधिकारियों से गुहार लगा चुकें हैं, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जबकि नहर का निर्माण प्रथम पंच वर्षीय योजना के तहत किया गया है। नहर के निर्माण के बीच तालाब से पानी को निकालने के लिए बनाया गया नाला आड़े आ रहा है। इस समस्या के निदान के लिए उस स्थान पर साइफन का निर्माण कराया गया। जानकारों की मानें तो सफाई के अभाव में साइफन जाम हो गया। इसके चलते जब कभी तालाब ओवर फ्लों करता, तो पानी गोमती नदी में न जाकर किसानों के खेतों में घुसने लगता है। यह समस्या बरसात के दिनों में ज्यादा होती हैं। इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए किसानों ने डीएम से लेकर जनप्रतिनिधियों तक से गुहार लगाई। लेकिन किसानों की समस्या की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। इसका परिणाम हुआ कि किसानों की खेतों में तैयार फसले तालाब की पानी में डूब जातीं हैं।
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