Residents Demand Relocation of Illegal Vegetable Market in Krishna Puram बोले उन्नाव : यहां लगता है अतिक्रमण का जंजाल, Unnao Hindi News - Hindustan
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बोले उन्नाव : यहां लगता है अतिक्रमण का जंजाल

Unnao News - साल 2021 में चुनावी माहौल के दौरान कृष्णापुरम में नहर पुल के लोकार्पण के समय बाशिंदों से वादा किया गया था कि अवैध सब्जी मंडी को दो बीघा सरकारी जमीन पर स्थानांतरित किया जाएगा। लेकिन समय बीतने के बावजूद...

Newswrap हिन्दुस्तान, उन्नावFri, 30 May 2025 02:26 AM
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बोले उन्नाव : यहां लगता है अतिक्रमण का जंजाल

साल 2021 में चुनावी माहौल के दौरान कृष्णापुरम में नहर पुल के लोकार्पण के वक्त यहां के बाशिंदों से एक वादा हुआ कि उन्हें अवैध बाजार के रूप में सड़क पर सजने वाली सब्जी मंडी से निजात मिलेगी। दो बीघा खाली पड़ी सरकारी जमीन पर इसका स्थानांतरण कराया जाएगा। समय बीतते ही जिम्मेदार अपना वादा भूल गए और अफसरों ने भी ध्यान नहीं दिया। ताज्जुब देखिए, सड़क सुरक्षा अभियान में करोड़ों का बजट खपाने वाले जिम्मेदार भी इस निगहबानी में फेल नजर आए। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान शेखपुर नहर के आसपास बसे आदर्श नगर, कृष्णापुरम, मॉडल विहार के वाशिंदों ने अपनी पीड़ा साझा की।

सभी ने एकसुर में कहा कि यहां से अवैध सब्जी बाजार स्थानांतरित की जाए ताकि अतिक्रमण से राहत मिल सके। शेखपुर नहर पुलिया से लेकर मॉडल विहार कॉलोनी और सड़क के दोनों छोर पर सप्ताह में तीन दिन यानी रविवार- गुरुवार-मंगलवार को सड़क पर सब्जी का बाजार सजता है। ताज्जुब देखिए कि इससे नगर पालिका का कोई लेना-देना नहीं है। दोनों साप्ताहिक बाजारों को लेकर पूर्व के सभासद भी कई बार नगर पालिका की कार्यकारिणी और बोर्ड की बैठक में सवाल उठा चुके हैं। इसके बाद भी इस पर नकेल नहीं कसी जा सकी है। ये बाजार कृष्णापुरम, मॉडल विहार जाने वाली सड़क पर पड़ने वाले मकानों के सामने लगते हैं, जो सड़क तक आ जाते हैं। यहां के कई बाशिंदों का दावा भी है कि कुछ भूमि स्वामी अपना मुनाफा देख दुकानदारों से वसूली भी करते हैं। तत्कालीन डीएम रहे देवेंद्र पांडेय ने भी एक बैठक में इसे सीधे तौर पर अतिक्रमण करार देते हुए कहा कि इसको हटवाना हमारी प्राथमिकता है। बाजार किसी की निजी जमीन पर लग रहा है तो कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन अगर वह सड़क पर लग रहा है तो अतिक्रमण की श्रेणी में आएगा। इसके बाद प्रशासन, पालिका, पुलिस और एआरटीओ की संयुक्त टीम भी बनी पर कुछ समय बाद सब भूल गए। यहां के बाशिंदे जनसूचना से लेकर ऑनलाइन फैक्स के माध्यम से सीएम तक इस दर्द को बता चुके हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से चर्चा के दौरान चंद्रकांत बताते हैं कि अब तो यहां से पलायन का मन करता है। बाजार के दिन इन मोहल्लों में भ्रमण करके देखिए हकीकत सामने आ जाएगी। हाल ही में सदर विधायक से मिलकर एक बार बाजार की वजह से जाम की समस्याओं, अव्यवस्था और अराजकता से अवगत कराया था। जिलाधिकारी, एसडीएम, सीओ सिटी, ईओ, सिटी मजिस्ट्रेट रही विजेता और पूर्व में रहे कई शहर कोतवाल को भी इस समस्या से अवगत कराया था। बाजार को हटाने का आदेश भी पारित हुआ था। लेकिन, स्थिति अभी भी जस की तस है। कहीं कोई देखने तक नहीं आया कि क्या परेशानी से ये लोग गुजर रहे हैं। टोकने पर अभद्रता पर उतारू हो जाते विक्रेता : रामकुमार, सोनू, शिवम निगम और अभय ने बताया कि यहां घर लेना मानो किसी नई लड़ाई को दस्तक देने जैसा है। कई बार सड़क पर निकलने की जगह नहीं मिलती तो टोकना पड़ता है। इसका हर्जाना लोगों को अभद्रता झेलकर देना पड़ता है। यह शहर का एक ऐसा मोहल्ला है, जहां बाजार कोढ़ बनकर समस्या बढ़ाती जा रही है। स्कूल वैन नहीं आने देते लोगों ने बताया कि स्कूल से बच्चों को लेकर आने वाली वैन को भी व्यापारी अंदर आने से रोक देते हैं। इस वजह से भीषण गर्मी में उन्हें पैदल ही घर तक दूरी तय करनी पड़ती है। अगर व्यापारियों से अनुरोध किया जाता है तो अभद्रता पर उतारू हो जाते हैं। सुझाव 1. बाजार स्थानांतरित करने के लिए पालिका या तहसील प्रशासन सरकारी जमीन चिह्नित करें। 2. सब्जी विक्रेताओं को सब्जी मंडी या नवीन मंडी में जगह दी जानी चाहिए। 3. साप्ताहिक बाजार जब तक शिफ्ट नहीं होती, तब तक के लिए चार यातायात या पुलिस कर्मचारी की तैनाती होनी चाहिए। 4. पीने के पानी के लिए इंडियामार्का हैंडपंप की मरम्मत कराई जाए। पाइपलाइन भी दुरुस्त कराई जाए। 5. मोहल्लेवासियों के साथ बाजार में विक्रेताओं द्वारा अभद्रतापूर्ण व्यवहार करने पर पुलिस कार्रवाई करे। 6. पुराने आईजीआरएस, शिकायत पत्र को देखकर जिम्मेदार अब हम सभी को न्याय दिलाएं। शिकायतें 1. सड़क पर सब्जी बेचने वालों का कब्जा रहता है। टोकने पर लड़ाई पर उतारू हो जाते हैं। 2. नालियों की सफाई नहीं हुई है। इस कारण नालियां से पानी उफनाकर सड़क पर भरता है। 3. मेडिकल इमरजेंसी के दौरान निकलना दूभर हो जाता है। बाइक तक नहीं जा पाती है। 4. स्थानीय निवासी अभद्रता भी झेलते हैं। फिर भी मुकदमे की कार्रवाई हम पर होती है। 5. बाजार के लिए जगह कई बार चिह्नित हुई। शिफ्टिंग पर भी चर्चा हुई, लेकिन जमीनी स्तर पर अब तक कुछ नहीं हुआ। 6. यहां पुलिसकर्मी तैनात नहीं रहते हैं। अराजकतत्व महिलाओं पर फब्तियां कसते हैं। बोले बाशिंदे अवैध बाजार लगने से तमाम दिक्कतें होती हैं। कई बार शिकायत के बावजूद सुनवाई नहीं हो रही है। - रामचन्द्र शुक्ल शेखपुर बाजार स्थानांतरित करने के लिए कई बार नीति बनाई गई, लेकिन कुछ नहीं हुआ। समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है। -बबलू मेडिकल इमरजेंसी पड़ने पर मोटर साइकिल से सड़क तक आना मुश्किल पड़ जाता है। यहां पर सड़कें पक्की बनवाई जाएं। - अशोक बाजार सड़क पर लगती है। इस कारण अतिक्रमण की गिरफ्त में घर का सहन रहता है। कब्जे हटाए जाने चाहिए। - नरेश सचान बोले जिम्मेदार डीएम से वार्ता कर जल्द रणनीति बनाई जाएगी शेखपुर बाजार के संभ्रांत नागरिकों ने कई बार मिलकर इस समस्या से अवगत कराया है। जिलाधिकारी से जल्द वार्ता कर कोई ठोस रणनीति बनाएंगे। वाकई में सड़क पर बाजार से कई बार हादसे की भी आशंका रहती है। - श्वेता मिश्रा, अध्यक्ष पालिका परिषद

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