प्रेमचंद की कहानियां भावना प्रधान और आदर्शवादी
Varanasi News - वाराणसी में प्रेमचंद की कहानियों की भावना प्रधानता और आदर्शवादिता पर चर्चा हुई। प्रो. श्रद्धानंद ने कहा कि प्रेमचंद की कहानियाँ उच्च आदर्शों पर समाप्त होती हैं। कार्यक्रम में प्रो महेंद्र प्रताप सिंह...

वाराणसी। प्रेमचंद की कहानियां भावना प्रधान और आदर्शवादी हैं। वे प्रत्येक स्थिति में किसी ऊंचे आदर्श पर जाकर समाप्त होती है। उनका प्रभाव भावुकतापूर्ण और उपदेशात्मक सा प्रतीत होता है। ये बातें प्रो. श्रद्धानंद ने रविवार को प्रेमचंद स्मारकस्थल पर प्रेमचंद मार्गदर्शन केंद्र ट्रस्ट की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहीं। प्रेमचंद की कहानी बोध का पाठन प्रसिद्ध आलोचक और साहित्यकार प्रो महेंद्र प्रताप सिंह ने किया। जिनका सम्मान ट्रस्ट के संरक्षक रामसुधार सिंह, प्रो. श्रद्धानंद, अशोक सिंह, कंचन सिंह परिहार, निदेशक राजीव गोंड एवं संजय ने किया। इस अवसर पर डॉ. रामसुधार सिंह के जन्म दिवस पर उनका सम्मान किया गया।
कार्यक्रम में मनोहर, रोहित गुप्ता, अशोक सिंह, कुमार महेंद्र, विनोद वर्मा, शुभा श्रीवास्तव, बुद्धनाथ, आलोक अस्थाना, राहुल यादव, देव बाबू, पंकज सिंह, विदेश सिंह, हिमांशु, व्योमेश चित्रांश, डॉ. जगदीश, सूर्यभान सिंह आदि रहे। संचालन आयुषी दुबे, स्वागत मनोज विश्वकर्मा और धन्यवाद आलोक शिवाजी ने दिया।
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