Traffic Police Implements QR Code System for E-Rickshaws in Varanasi Amid Rising Tourist Numbers बोले काशी : सुगम यातायात को हम तैयार हैं हर वक्त, दूर कराएं पार्किंग-अवैध वसूली की दिक्कत, Varanasi Hindi News - Hindustan
Hindi NewsUttar-pradesh NewsVaranasi NewsTraffic Police Implements QR Code System for E-Rickshaws in Varanasi Amid Rising Tourist Numbers

बोले काशी : सुगम यातायात को हम तैयार हैं हर वक्त, दूर कराएं पार्किंग-अवैध वसूली की दिक्कत

Varanasi News - वाराणसी में पर्यटकों की बढ़ती संख्या के साथ ई-रिक्शा चालकों की समस्याएं भी बढ़ रही हैं। ट्रैफिक पुलिस ने बिना पंजीकरण वाले ई-रिक्शा की संख्या को नियंत्रित करने के लिए कलर बार कोड लागू किया। चालकों ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, वाराणसीSat, 24 May 2025 08:16 PM
share Share
Follow Us on
बोले काशी : सुगम यातायात को हम तैयार हैं हर वक्त, दूर कराएं पार्किंग-अवैध वसूली की दिक्कत

वाराणसी। दिव्य-भव्य काशी में पर्यटकों की संख्या दिनोंदिन बढ़ रही है। बेरोजगारों के रोजगार की तलाश यहां पूरी हो रही है। उनमें ई-रिक्शा चालक भी हैं। जाम की वजह बन रही उनकी बेलगाम संख्या पर रोक लगाने को ट्रैफिक पुलिस ने कलर बार कोड का प्रतिबंध लगाया। तब ये चालक आजीविका पर चोट न करने की गुहार लगाने लगे। पार्किंग स्थलों के अभाव और जगह-जगह की अवैध वसूली से भी वे तंग हैं। उनका कहना है कि अफसर हमारी रोजी का ध्यान रखें, हम स्मूद ट्रैफिक के लिए हर फरमान मानेंगे। शहर में पंजीकृत ई-रिक्शा की संख्या नौ हजार के आसपास है जबकि अपंजीकृत संख्या 27 हजार के पार जा चुकी है।

उनका पंजीकरण इस उद्देश्य से हुआ कि वे तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के सुगम काशी दर्शन में मददगार बनेंगे। उन्होंने अपना एसोसिएशन भी बनाया है। उसके पदाधिकारियों और सदस्यों ने ‘हिन्दुस्तान के जगतगंज स्थित कार्यालय में अपनी समस्याओं का पिटारा खोला। इस चर्चा में ई-रिक्शा के डीलरों ने भी ट्रैफिक पुलिस के जिम्मेदार अफसरों के सामने अपनी दिक्कतें बयां कीं। अखिल भारतीय ई-रिक्शा चालक यूनियन से जुड़े बबलू अग्रहरि, जितेंद्र श्रीवास्तव, गौतम कुमार सैनी आदि ने मुख्य रूप से काशी जोन में हरा, नीला-दो कलर कोड पर पुनर्विचार के साथ पार्किंग स्थलों के इंतजाम और जहां-तहां अवैध स्टैंड संचालकों की ओर से हो रही अवैध वसूली की ओर ध्यान दिलाया। वहीं ऑटो यूनियन के अध्यक्ष ईश्वर सिंह ने ई-ऑटो के संचालन का मुद्दा उठाया। कलर कोड से घटी संख्या बीते साल सितंबर के पहले तक जिलेभर के ई-रिक्शा केवल काशी जोन यानी शहरी क्षेत्र में चल रहे थे। शहर की गलियों से लेकर मुख्य सड़कों तक दौड़ रहे लगभग 27 हजार ई-रिक्शों के चलते यातायात व्यवस्था बेपटरी होने लगी तो ट्रैफिक पुलिस ने पिछले वर्ष 10 सितंबर से नई व्यवस्था शुरू की। काशी जोन को थानाक्षेत्रों के अनुसार चार जोन-लाल, पीला, नीला और हरा में बांटकर क्यूआर कोड आवंटित किए गए। केवल काशी जोन के ई-रिक्शों को ही शहर के निर्धारित रूटों पर चलने की अनुमति है, वरुणा और गोमती जोन के ई-रिक्शों का प्रवेश वर्जित है। चार कलर जोन के अनुसार ई-रिक्शा का संचालन शुरू हुआ तो 25 हजार से घटकर ई-रिक्शा की संख्या 8300 पर आ गई है। वाहन कर रहे सरेंडर ई-रिक्शा चालक यूनियन के मनीष कुमार गोंड, प्रेम गुप्ता, अशोक सेठ, विजय जायसवाल, देवेंद्र कुमार दुबे, रामजनम सिंह, सपना सिंह ने कहा कि हम बार कोड के चलते सवारी की कमी झेल रहे हैं। कहीं पार्किंग न होने से हर समय चालान की तलवार लटकती है। बोले कि बिना पार्किंग स्थल के भी शुल्क वसूली हो रही है। इसके चलते कई ई-रिक्शा चालकों ने फाइनेंस कराया सवारी वाहन सरेंडर करना शुरू कर दिया है। ध्यान से सुनीं समस्याएं एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय ने ई-रिक्शा चालकों से कहा कि पार्किंग स्थल के लिए कार्ययोजना और नई जगह पार्किंग स्थल बनाने पर गंभीर प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा कि काशी जोन के रूट पुन: बदलेंगे, ताकि ई-रिक्शा चालकों की रोजी-रोटी चलती रहे। नवागत एडीसीपी अंशुमान मिश्रा ने भी सभी की समस्याओं को गौर से सुना। एआरटीओ श्यामलाल ने डीलरों तथा ई-रिक्शा चालकों के पंजीकरण, क्यूआर कोड के जल्द आवंटन के लिए अपनी तरफ से त्वरित प्रक्रिया अपनाने की बात कही। प्रमुख उद्यमी प्रशांत अग्रवाल ने शहर में बिना वजह बनाए गए कट की ओर ध्यान खींचा। उन्होंने नागरिकों में ट्रैफिक सेंस बढ़ाने और नियमों के कड़ाई से अनुपालन पर जोर दिया। सुझाव - काशी जोन में ई-रिक्शा के लिए चार कलर जोन लाल, पीला, हरा और नीला के बजाय दो या तीन कलर जोन बनाया जाए। - जहां-जहां ई-रिक्शा का ठहराव है, वहां समुचित पार्किंग स्थल बनें। वहां सभी ई-रिक्शा चालक अपनी-अपनी बारी से सवारियां बैठाएं। - जब पार्किंग नहीं है तो शुल्क भी मनमाना तरीके से न वसूला जाए। खासतौर से बनारस या कैंट स्टेशन के सामने पर्ची न काटी जाए। - शहर में जगह-जगह अवैध वसूली बंद हो। इसकी शिकायत पर पुलिस तत्परता से कार्रवाई करे। - नया ई-रिक्शा खरीदने पर ट्रैफिक विभाग से क्यूआर कोड जल्द मिले। जब तक क्यूआर कोड न मिले, कोई पर्ची उपलब्ध कराई जाए। शिकायतें - काशी जोन में ई-रिक्शा के लिए चार कलर जोन लाल, पीला, हरा और नीला हैं। कुछ रूट पर सवारी नहीं मिल रही हैं। - ई-रिक्शा चालकों के पड़ाव स्थल के पास पार्किंग नहीं है, सड़क पर खड़ा होने पर पुलिस परेशान करती है। - बिना पार्किंग स्थल के ही चालकों से नगर निगम शुल्क वसूल रहा है। सड़क पर चलते-चलते पर्ची पकड़ा दी जाती है। - कैंट रेलवे स्टेशन के आसपास पार्किंग स्थल नहीं है। रेलवे परिसर में ठेकेदार अवैध वसूली करता है, बाहर सड़क पर पुलिस परेशान करती है। - नये ई-रिक्शा को ट्रैफिक विभाग से क्यूआर कोड मिलने में देरी हो रही है। इससे उनकी कमाई प्रभावित हो रही है। इस समस्याओं का मौके पर निराकरण परिवहन विभाग 15 दिन में भेजे सूची ई-रिक्शा की डीलरशिप लेने वाले उद्यमियों ने बताया कि क्यूआर कोड मिलने में देर होने से चालकों को परेशानी हो रही है। नया ई-रिक्शा फाइनेंस कराने के करीब दो माह बाद चालकों को क्यूआर कोड मिल पा रहा है। दो माह तक वे वाहन नहीं चला पा रहे हैं। इस मुद्दे पर एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय ने एआरटीओ श्यामलाल से कहा कि नए ई-रिक्शा का पंजीकरण होते ही सप्ताह से 15 दिन में उनके यहां सूची भेज दें ताकि ट्रैफिक विभाग उनको क्यूआर कोड आवंटित कर सके। आरसी बनने में न हो देर ई-रिक्शा के पंजीयन के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जा रहा है लेकिन कई की आरसी नहीं मिल रही है। इस पर एआरटीओ श्यामलाल ने बताया कि कागजात में कमी के कारण परेशानी हो रही है। वाहन स्वामी को जब दोबारा कागजात के लिए कहा जाता है तो पुन: पूर्व में अपलोड कागजात आदि ही भेज देते हैं। इस कारण यह समस्या बनी है। वाहन स्वामी क्लर्क से संपर्क कर सभी तरह के कागजात की जानकारी के बारे में समझ लें। पार्किंग के लिए जगह देखी जा रही -पार्किंग स्थल न होने से ई-रिक्शा सड़कों पर खड़े हो रहे हैं। जबकि नगर निगम उनसे पार्किंग शुल्क भी वसूल रहा है। इस पर एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि नगर निगम और वीडीए के साथ संयुक्त मीटिंग हुई है। इसमें नए पार्किंग स्थल निर्माण के साथ ही ई-रिक्शा के लिए जगह चिह्नित करने की कार्ययोजना बनी है। आने वाले दिनों में समस्या हल हो सकेगी। - दालमंडी इलाके में मल्टीपरपज पार्किंग का प्रस्ताव दिया गया है। वहां पांच सौ कार, एक हजार दो पहिया वाहनों की पार्किंग का लक्ष्य है। नए निर्देश भी - एडीसीपी ने कहा कि मैदागिन से सोनारपुरा के बीच अब रात 9 के बजाय रात 10 बजे तक वाहनों के आवागमन पर रोक रहेगी। गर्मी से श्रद्धालुओं को हो रही परेशानी को देखते हुए प्रतिबंध की अवधि बढ़ी है। - शहर में ऑटो की आड़ में चल रहे ई-ऑटो को भी ई-रिक्शा की श्रेणी में रखकर ही क्यूआर कोड लेना होगा। बिना क्यूआर कोड के ई- ऑटो संचालन पर सीज करने की कार्रवाई होगी। - अवैध यूनियन बनाकर ई-रिक्शा चालकों से वसूली पर भी कार्रवाई होगी। एलआईयू की टीम लगाई गई है। टीम थानावार इस तरह की गतिविधियों वाले लोगों को चिह्नित कर रही है। तैयारी : जिससे रूट का विस्तार हो एडीसीपी ट्रैफिक ने बताया कि रोडवेज बस स्टैंड को हरहुआ की ओर स्थानांतरित करने पर विचार चल रहा है। जमीन देखी जा रही है। निजी बस स्टैंड बाहर कर दिए गए हैं। आने वाले दिनों में वरुणा जोन को भी कलर कोड में बांटने की तैयारी है। इससे ई-रिक्शा के रूटों को पुन: संतुलित किया जा सकेगा। नए रूट मिलने से ई-रिक्शा चालकों की परेशानी दूर होगी। नीला- हरा जोन के रूट पर करेंगे पुनर्विचार फोटो- राजेश पांडेय, एडीसीपी ट्रैफिक लाल कलर कोड में पंजीकृत ई-रिक्शा कोतवाली, जैतपुरा और आदमपुर थानाक्षेत्र के पते पर चल रहे हैं। जबकि पीला कलर कोड में चेतगंज, लक्सा, चौक, दशाश्वमेध और सिगरा थाना क्षेत्र, हरे कलर कोड में भेलूपुर थानाक्षेत्र और नीला कलर कोड में लंका तथा चितईपुर थानाक्षेत्र के पते पर पंजीकृत ई-रिक्शा चल रहे हैं। मौजूदा समय में लाल जोन में 2698, पीले में 2338, ग्रीन में 1878, नीले जोन में 1505 ई-रिक्शा को क्यूआर कोड दिया गया है। ई-रिक्शा चालकों के सुझाव है कि शहर को दो जोन में बांटा जाए। हम दो के बजाय तीन जोन पर पुनर्विचार कर रहे हैं। कहा कि नीला और हरा जोन को मिलाया जा सकता है या फिर इनके रूट में बदलाव किया जा सकता है। इन दो जोन के रूट में बदलाव संभव है। -राजेश पांडेय, एडीसीपी ट्रैफिक हफ्ते से 15 दिन में भेजेंगे नए ई-रिक्शों की सूची फोटो- एआरटीओ श्यामलाल ई-रिक्शा चालकों ने नए ई-रिक्शा को क्यूआर कोड मिलने में देर होने की बात कही है। नए पंजीकृत ई-रिक्शों की सूची अब ट्रैफिक विभाग को हर सात से 15 दिन पर भेज दी जाएगी। पंजीयन में कोई दिक्कत न आए या देर न हो, इसके लिए डीलर और चालक सभी जरूरी कागजात सावधानी के साथ समय पर भेजना सुनिश्चित करें। -श्यामलाल, एआरटीओ (प्रवर्तन) सुनें हमारी बात काशी जोन में ई-रिक्शा के लिए चार कलर जोन लाल, पीला, हरा और नीला के बजाय दो या तीन कलर जोन बनाया जाए। - बबलू अग्रहरि, ई-रिक्शा चालक पार्किंग स्थल न होने से ई-रिक्शा सड़कों पर खड़े हो रहे हैं। जबकि उनसे नगर निगम पार्किंग शुल्क भी वसूल रहा है। - मनीष कुमार गौड़, ई-रिक्शा चालक कैंट स्टेशन परिसर में ठेकेदार अवैध वसूली करता है, जबकि बाहर सड़क पर पुलिस हमें परेशान करती है। - विजय जायसवाल, ई-रिक्शा चालक बिना पार्किंग स्थल के ही चालकों से नगर निगम शुल्क वसूल रहा है। सड़क पर चलते-चलते पर्ची पकड़ा दी जाती है। - अशोक सेठ, ई-रिक्शा चालक ई-रिक्शा चालकों को दिए गए पड़ाव स्थल के पास पार्किंग नहीं है, सड़क पर खड़ा होने पर पुलिस परेशान करती है। - देवेंद्र दुबे, ई-रिक्शा चालक अलग-अलग कलर जोन होने से सवारियों को परेशानी हो रही है। उन्हें कैंट से लंका के बीच तीन बार ई-रिक्शा बदलना पड़ता है। - सपना सिंह, ई-रिक्शा चालक डिवाइडरों का कट बंद किया जाए, चौराहों पर बाएं जाने की अलग लेन बने। इससे दुर्घटनाएं थमेंगी, जाम कम लगेगा। - प्रशांत अग्रवाल, उद्यमी ई-रिक्शा के पंजीकरण के दो माह बाद बारकोड मिलने से आर्थिक बोझ पड़ता है। इससे चालक परेशान होते हैं। - सुनील गुप्ता, डीलर थानाक्षेत्र के बजाय रूट के हिसाब से ई-रिक्शा पर बारकोड निर्धारित किया जाए। इससे आमजन को राहत मिलेगी। - तनफीज, डीलर ई-रिक्शा के व्यापार को बहुत नुकसान हुआ है। नई व्यवस्था से हजारों लोगों का रोजगार खत्म हो गया है। अनुज सिंह, डीलर ट्रैफिक लाइटों पर टाइमर लगाया जाए। इससे वाहन चालकों को ग्रीन सिग्नल का समय पता चल सकेगा। गौतम सैनी, डीलर शहर में ट्रैफिक व्यवस्था को सही करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जा सकता है। - आदित्य जाजोदिया, डीलर

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।