Yogi cabinet approves ten proposals including new bridges on Ganga Yamuna know what will be the benefits दो एक्सप्रेसवे, गंगा यमुना पुल, दस प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट की मुहर, जानिए क्या-क्या होंगे फायदे, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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दो एक्सप्रेसवे, गंगा यमुना पुल, दस प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट की मुहर, जानिए क्या-क्या होंगे फायदे

महाकुंभ में बुधवार को योगी कैबिनेट की बैठक में प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर दो नए पुलों के निर्माण समेत 10 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

Yogesh Yadav लाइव हिन्दुस्तानWed, 22 Jan 2025 08:32 PM
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दो एक्सप्रेसवे, गंगा यमुना पुल, दस प्रस्तावों पर योगी कैबिनेट की मुहर, जानिए क्या-क्या होंगे फायदे

महाकुंभ में बुधवार को योगी कैबिनेट की बैठक में प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी पर दो नए पुलों के निर्माण समेत 10 महत्वपूर्ण विकास परियोजनाओं से जुड़े प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही यूपी को 29400 करोड़ से 420 किमी के दो नए एक्सप्रेसवे की सौगात दी गई है। योगी सरकार ने पूर्वांचल को एक नई सौगात देते हुए 320 किमी के विंध्य एक्सप्रेसवे का ऐलान किया है। इस पर 22400 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इससे गंगा एक्सप्रेसवे काशी से भी जुड़ जाएगा। यह एक्सप्रेसवे प्रयागराज से शुरू होकर, मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली और सोनभद्र तक जाएगा। यहां से वह छत्तीसगढ़ व झारखंड से भी कनेक्ट हो सकता है। इसके अलावा चंदौली से गाजीपुर तक 100 किमी लम्बा विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेस वे भी बनेगा। इस तरह यूपी को 29400 करोड़ रुपये की लागत से 420 किमी के दो नए एक्सप्रेसवे की सौगात मिलेगी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सभी मंत्रियों ने बुधवार को प्रयागराज में कैबिनेट बैठक में राज्य में बेहतर कनेक्टिविटी के लिए बड़े फैसलों पर मुहर लगाई। इस विशेष कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा संचालित और निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे के माध्यम से कनेक्टिविटी नेटवर्क विकास और क्षेत्र में औद्योगिक परियोजनाओं का विकास हो रहा है।

वर्तमान में प्रदेश के पश्चिमांचल, मध्यांचल, पूर्वांचल और बुंदेलखंड क्षेत्र एक्सप्रेसवे से जुड़े हैं और अब दूरवर्ती दक्षिणी-पूर्वी विंध्य क्षेत्र में सामाजिक एवं आर्थिक विकास के लिए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना आवश्यक है। इस दृष्टि से प्रयागराज मीरजापुर, वाराणसी, चंदौली एवं सोनभद्र को जोड़ते हुए 320 किलोमीटर लंबाई वाले नए एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाना चाहिए। इस नए एक्सप्रेसवे का प्रारंभ बिंदु प्रयागराज में गंगा एक्सप्रेसवे होगा, जबकि सोनभद्र में एनएच-39 पर इसका समापन होगा। इस तरह गंगा एक्सप्रेसवे और विंध्य एक्सप्रेसवे की सीधी कनेक्टिविटी होगी। साथ ही, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ व झारखंड से भी अच्छा संपर्क स्थापित हो सकेगा।

7000 करोड़ रुपये से नया लिंक एक्सप्रेसवे

विंध्य एक्सप्रेसवे पर चंदौली से नया लिंक एक्सप्रेसवे प्रारंभ होकर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के अंतिम बिंदु गाजीपुर तक जुड़ेगा। इसे विंध्य पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण नाम दिया गया है। इसकी लंबाई लगभग 100 किमी होगी। इस पर 7000 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इस एक्सप्रेसवे से विन्ध्य, बुंदेलखंड का पूर्वांचल से सीधा संपर्क हो जाएगा। यह छह लेन का होगा। इन दोनों एक्सप्रेसवे का निर्माण यूपीडा करवाएगा।

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चित्रकूट से प्रयागराज तक बनेगा नया लिंक एक्सप्रेसवे

महाकुम्भनगर/लखनऊ, विशेष संवाददाता। योगी सरकार ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को प्रयागराज से जोड़ने के लिए एक और नए एक्सप्रेसवे को मंजूरी दे दी। अब बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे में चित्रकूट से एक नया एक्सप्रेसवे प्रयागराज तक जाएगा। यह लगभग 120 किमी का होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा कि बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे को गंगा एक्सप्रेस-वे से जोड़ने की कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया है। यह लिंक एक्सप्रेसवे चित्रकूट को प्रयागराज से जोड़ेगा। रीवां हाईवे को भी गंगा एक्सप्रेसवे तथा बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे के साथ जुड़ने का एक अवसर प्राप्त होगा। लिंक एक्सप्रेसवे के लिए यूपीडा अब आगे की कार्यवाही करेगा।

उत्तर प्रदेश में अभियोजन निदेशालय की स्थापना होगी

उत्तर प्रदेश में स्वतंत्र अभियोजन निदेशालय की स्थापना की जाएगी। गृह विभाग के इस प्रस्ताव को महाकुम्भनगर में बुधवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी दे दी गई। इस निदेशालय का मुखिया अभियोजन निदेशक होगा। साथ ही अभियोजन उपनिदेशक की नियुक्त भी जाएगी। इस नए निदेशालय के बनने के साथ ही वर्तमान में काम कर रहा अभियोजन विभाग इसी निदेशालय में मर्ज हो जाएगा। अभियोजन विभाग के सभी कर्मचारी अब अभियोजन निदेशालय में काम करेंगे। आगे से अभियोजन निदेशालय के लिए अलग से धनराशि आंवटित की जाएगी।

सेशन न्यायाधीश या 15 वर्ष प्रैक्टिस कर चुके अधिवक्ता बनेंगे निदेशक

प्रस्ताव के मुताबिक अभियोजन निदेशालय का प्रमुख अभियोजन निदेशक प्रदेश के गृह विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में रहेगा। अभियोजन निदेशक बनने के लिए वह व्यक्ति ही पात्र होगा जो सेशन न्यायाधीश रहा हो अथवा उसने अधिवक्ता या अभियोजन के रूप में कम से कम 15 साल का काम किया हो। इसके साथ ही यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर किसी आपराधिक मामले अथवा भ्रष्टाचार में या फिर अपने कर्तव्यों का पालन करने में अक्षम पाया जाता है तो प्रदेश सरकार उसके पद से तीन साल की अवधि पूर्ण होने से ही उसे निदेशक पद से हटा सकती है।

सर्च कमेटी करेगी निदेशक का चयन

अभियोजन निदेशक का चयन एसीएस गृह विभाग की अध्यक्षता और प्रमुख सचिव, न्याय एवं विधि परामर्शी, डीजीपी तथा सचिव, गृह विभाग की सदस्यता वाली एक कमेटी के द्वारा किया जाएगा। अभियोजन निदेशक का न्यूनतम कार्यकाल तीन साल का होगा। निदेशालय के मुख्यालय तथा उसके क्षेत्रीय कार्यालयों और जिला कार्यालयों में स्थाई व अस्थाई पदों को प्रदेश सरकार तय करेगी। इस नई व्यवस्था को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला स्तर पर जिला मजिस्ट्रेट की भूमिका अहम रहेगी। वह अभियोजन कार्यों तथा अभियोजन कार्यालय के अधिकारियों के कार्यों का पर्यवेक्षण और उसकी समीक्षा में पूरी रुचि लेंगे।

अशोक लीलैंड को मिली को मिली 75 प्रतिशत सब्सिडी

प्रदेश सरकार ने लखनऊ में अशोक लीलेंड को दी गई जमीन के लिए 106 करोड़ की सब्सिडी मंजूर कर दी है। विदेशी कंपनियों को उद्योग लगाने के लिए एफडीआई नीति के तहत पश्चिमी यूपी व मध्य यूपी में जमीन 75 प्रतिशत व पूर्वांचल व बुंदेलखंड में 80 प्रतिशत तक सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया है। मध्य यूपी में निवेश के कारण कंपनी को जमीन पर 75 प्रतिशत यानी 106 करोड़ की सब्सिडी दी गई है।

प्रयागराज में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में एफडीआई एवं फॉर्च्यून 500 कंपनियों के निवेश के लिए प्रोत्साहन नीति-2023 के तहत औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। असल में फ्रंड एंड लैंड सब्सिडी के तहत लखनऊ की स्कूटर इंडिया की जमीन पर अशोक लीलेंड इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण संयंत्र लगा रही है। इस सब्सिडी भुगतान के संबंध में इम्पावर्ड कमेटी ने गत वर्ष 27 सितंबर को इसे मंजूरी दे दी थी।

यूपीसीडा ने यह जमीन अशोक लीलेंड को दी थी। जमीन की लागत का 75 प्रतिशत यानी 106.51 करोड़ यूपीसीडा को अब दिया जाना है। कंपनी 2500 बसों का निर्माण प्रति वर्ष करेगी। इस सुविधा में एक एक्सीलेंस सेंटर भी सम्मिलित होगा। कंपनी पहले चरण में 186 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है।

त्रिवेणी इंजीनियरिंग को 250 करोड़ की एसजीएसटी प्रतिपूर्ति

योगी मंत्रिमंडल ने त्रिवेणी इंजीनियरिंग एंड इंडस्ट्रीज लि. मुरादाबाद को पूंजीगत सब्सिडी के रूप में 250 करोड़ तथा गैलेंट इस्पात लि. मिर्जापुर को एसजीएसटी प्रतिपूर्ति के रूप में 10,749 करोड़ रुपये प्रदान किए जाने के औद्योगिक विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी।

मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय प्राधिकृत समिति ने पिछले साल अगस्त व सितंबर में हुई बैठक में इन संस्तुतियों को मंजूरी दी थी। औद्योगिक निवेश एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति 2022 के अंतर्गत प्रदेश में मेगा श्रेणी की औद्योगिक इकाइयों के लिए विशेष सुविधाएं और रियायतें दिए जाने का प्राविधान किया गया है।

हाथरस-कासगंज और बागपत में मेडिकल कॉलेजों का रास्ता साफ

प्रदेश सरकार ने हाथरस, बागपत और कासगंज में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए सफल निविदादाताओं का चयन कर लिया है। यह कदम भारत सरकार की वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) योजना के तहत पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में उठाया गया है, ताकि इन जिलों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं और चिकित्सा शिक्षा का विस्तार किया जा सके। इससे जुड़े चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर बुधवार को प्रयागराज में महाकुंभ नगर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में हरी झंडी दे दी गई।

योगी सरकार एक जिला-एक मेडिकल कॉलेज के एजेंडे के साथ आगे बढ़ रही है। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता उन जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने की है, जहां सरकारी या निजी क्षेत्र के तहत कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं है। इस संबंध में 17 सितंबर 2021 को नीति संबंधी शासनादेश जारी किया गया था। इसके बाद 20 सितंबर 2022 को केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा हाथरस, बागपत और कासगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त की गई थी।

यह ट्रस्ट बनाएंगे मेडिकल कॉलेज

इन तीनों जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की गई थीं, जिनका तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन किया गया। इस प्रक्रिया के बाद हाथरस और कासगंज में राजश्री एजुकेशनल ट्रस्ट व बागपत में श्री जयपाल सिंह शर्मा ट्रस्ट को न्यूनतम निविदादाता के रूप में चयनित किया गया। इन चयनित ट्रस्टों द्वारा इन जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे। हाथरस में एक अरब 17 करोड़ 10 लाख, कासगंज में एक अरब 38 करोड़ 90 लाख रुपये और बागपत में ₹एक अरब एक करोड़ रुपये की निविदा राशि पर मंत्रिपरिषद की स्वीकृति प्राप्त की गई है। मेडिकल कॉलेजों की स्थापना से इन जिलों के साथ ही आसपास के क्षेत्रों के लोगों को भी लाभ होगा। एमबीबीएस की सीटें बढ़ेंगी साथ ही रोजगार के नये अवसर भी सृजित होंगे।

टाटा के सहयोग से प्रदेश के 62 सरकारी आईटीआई माडर्न बनेंगे

कैबिनेट ने टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड (टीटीएल) के सहयोग से प्रदेश के 62 राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को आधुनिक तकनीकी उपकरणों और प्रशिक्षण सुविधाओं से सुसज्जित किए जाने तथा पांच सेंटर फॉर इनोवेशन, इंवेंशन, इन्क्यूबेशन एंड ट्रेनिंग स्थापित करने के लिए हुए एमओयू को मंजूरी दी है।

पीपीपी मॉडल पर उच्चीकृत होने वाले ये आईटीआई युवाओं को इनोवेशन और आधुनिक तकनीकी कौशल से जोड़ने का कार्य करेंगे। व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने बताया कि टाटा टेक्नोलॉजी लिमिटेड के माध्यम से प्रदेश में कुल 150 आईटीआई का उन्नयन किया जा रहा है। यह पहल युवाओं को वैश्विक मानकों के अनुरूप कौशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराएगी, जिससे रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और औद्योगिक विकास को बल मिलेगा।

एमओयू के तहत परियोजना की कुल लागत 3634 करोड़ रुपये से ज्यादा है, जिसमें टीटीएल का योगदान 2851 करोड़, जबकि सरकार का योगदान 783 करोड़ से ज्यादा का रहेगा। एमओए की अवधि 11 वर्ष होगी, जिसमें एक वर्ष परियोजना क्रियान्वयन की तैयारी के लिए निर्धारित है। 10 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद दोनों पक्षों की आपसी सहमति से परियोजना को रिन्यू करने पर विचार किया जाएगा।

एमओए के तहत इंडस्ट्री 4.0 की मांग के अनुसार टीटीएल द्वारा 62 आईटीआई में 11 लांग टर्म एवं 23 शॉर्ट टर्म कोर्सेज चलाए जाएंगे। टीटीएल के प्रशिक्षकों द्वारा आईटीआई के प्रशिक्षकों और प्रशिक्षणरत प्रशिक्षणार्थियों को भी दक्ष किया जाएगा। सफल प्रशिक्षणार्थियों को टीटीएल की सहयोगी कंपनियों में अप्रेंटिसशिप व रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस प्रोजेक्ट के माध्यम से लांग टर्म कोर्सेज में प्रति वर्ष लगभग 6000 तथा शॉर्ट टर्म कोर्सेज से प्रति वर्ष लगभग 6500 समेत कुल 12500 अभ्यर्थी प्रशिक्षित होंगे।

प्रयागराज, वाराणसी व आगरा के 150 करोड़ के म्यूनिसिपल बॉन्ड से बेहतर होंगी सुविधाएं

राज्य सरकार शहरी सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रयागराज, वाराणसी और आगरा का 50-50 करोड़ रुपये का म्यूनिसिपल बॉन्ड लाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। म्युनिसिपल बॉन्ड के जरिए बाजार से 100 करोड़ रुपये जुटाने पर 13 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहन की धनराशि एस्क्रो अकाउंट में रखने की व्यवस्था की है।

प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात ने बताया कि प्रयागराज में 50 करोड़ का बॉन्ड स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को बेहतर करेगा। इससे 600-700 परिवारों के लिए रोजगार मिलेगा। यह स्वास्थ्य सेवा सुविधा चिकित्सा बुनियादी ढांचे में एक महत्वपूर्ण अंतर को दूर करेगी और कुंभ जैसे प्रमुख आयोजनों के दौरान जरूरी सेवाएं प्रदान करेगी। नगर निगम के लिए अनुमानित 11-12 करोड़ रुपये की वार्षिक आय होगी।

आगरा म्यूनिसिपल बॉन्ड से आए हुए 50 करोड़ रुपये से तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर काम किया जाएगा। नगर निगम के लिए सोलर प्लांट लगाया जाएगा। इससे हर साल 4.16 करोड़ रुपये की बचत होगी। दूसरा कोवर्किंग स्पेश के माध्यम से आगरा में बाहर से काम के लिए आने वालों को कम लागत पर व्यवसायिक स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें मेज, कुर्सी, इंटरनेट, प्रिंटर, जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

इसके साथ ही लोहा मंडी में 128 बेड के महिला छात्रावास का निर्माण कराया जाएगा। इसमें कामकाजी महिलाओं को रहने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन परियोजनाओं से शहर के बुनियादी ढांचे को मजबूत करते हुए 250-400 लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है। वाराणसी म्यूनिसिपल बॉन्ड से सिगरा में डा. संपूर्णानंद स्टेडियम के निकट भूमि पर अंडरग्राउंड पार्किंग, होटल और मार्केट कांप्लेक्स का निर्माण किया जाएगा। इन परियोजनाओं से 500 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

डिफेंस सेक्टर में निवेशकों को 35 प्रतिशत तक सब्सिडी, एक लाख लोगों को रोजगार

योगी सरकार ने एयरोस्पेस और डिफेंस सेक्टर में अब 50 हजार करोड़ के नए निवेश लाने व एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए प्रयागराज में बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई ‘उत्तर प्रदेश एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति’ को मंजूरी दे दी गई। इसके तहत पश्चिमी व मध्य यूपी में निवेश करने पर 25 प्रतिशत की कैपिटल सब्सिडी, बुंदेलखंड व पूर्वांचल में निवेश करने पर 35 प्रतिशत तक कैपिटल सब्सिडी दी जाएगी।

महिला उद्यमियों को दो फीसदी अतिरिक्त सब्सिडी

यूपी में एयरोस्पेस और रक्षा क्षेत्र को सशक्त करने के मकसद से लाई गई इस नीति में स्वदेशी क्षमताओं के उपयोग, नवाचार व अनुसंधान पर भी खासा जोर दिया गया है। इस नीति का उद्देश्य राज्य में रक्षा क्षेत्र में एक मजबूत, विश्वस्तरीय, उच्च प्रौद्योगिकी युक्त मैन्यूफैक्चरिंग वातावरण बनाना है। यूपी रक्षा औद्योगिक गलियारे में स्टार्टअप और एमएसएमई के कौशल और क्षमता विकास के लिए ए एंड डी आधारित सामान्य सुविधा केंद्र बनाने पर भी जोर दिया गया है। महिला उद्यमियों को सभी सब्सिडी में दो प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी।

कई तरह की राहत व छूट

इस नीति के अंतर्गत ए एंड डी सेक्टर की यूनिट्स को फ्रंट एण्ड सब्सिडी भी प्रदान की जाएगी। इसके तहत जमीन के सकल विक्रय मूल्य का 25 प्रतिशत छूट मिलेगी। पात्र इकाइयों को जमीन खरीदने / लीज डीड पर स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। भूमि पार्सल के लिए पट्टा किराया 10 साल की अवधि के लिए भूमि लागत का एक प्रतिशत तथा 10 साल से अधिक अवधि के लिए 1.5 प्रतिशत होगा। 40 प्रतिशत आयाति सेकेंड हैंड मशीनरी कैपिटल सब्सिडी के लिए पात्र होगी।

संयंत्र और मशीनरी के परिवहन लागत का 50 प्रतिशत परिवहन सब्सिडी के लिए पात्र होंगी, जो लाजिस्टिक पार्कों परिवहन केंद्रों और बंदरगाह से राज्य में उत्पादन स्थान तक होगी। यह राशि अधिकतम पांच करोड़ रुपये तक होगी। तैयार उत्पाद के परिवहन के लिए परिवहन लागत में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी। पर्यावरण संरक्षण इंफ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने की लागत पर 25 प्रतिशत सब्सिडी अधिकतम एक करोड़ मिलेगी। इसमें लैंड सब्सिडी, स्टैम्प ड्यूटी एग्जम्पशन और कैपिटल सब्सिडी भी दी जाएगी।

एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करने का लक्ष्य

असल में रक्षा मत्रालय द्वारा देश में 2025-26 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा उत्पादन को दोगुना करके 25 बिलियन यूएस डॉलर और निर्यात को 5 बिलियन यूएस डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसा आंकलन है कि 2047 तक एयरोस्पेस तथा रक्षा विनिर्माण क्षेत्र देश के सकल घरेलू उत्पाद में 25 प्रतिशत का योगदान होगा। इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय की ओर से देश में दो रक्षा औद्योगिक गलियारे उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में स्थापित किये गये हैं।

ग्रेटर आगरा योजना के लिए 442 हे. भूमि बढ़ी राशि पर लेगा प्राधिकरण

राज्य सरकार ने आगरा में सालों से लटकी ‘ग्रेटर आगरा’ आवासीय योजना लाने के लिए भूमि बढ़ी राशि पर लेने की मंजूरी दे दी है। रहनकलां और रायपुर की 442.4412 हेक्टेयर भूमि लेने के लिए किसानों को 204.34 करोड़ रुपये अनुग्रह राशि दी जाएगी। यह खर्च आगरा विकास प्राधिकरण स्वयं उठाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में प्रयागराज महाकुंभ स्थल पर बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। आगरा विकास प्राधिकरण को इस योजना से करीब 2500 करोड़ रुपये कमाई होने का अनुमान है। आगरा विकास प्राधिकरण की 100 मीटर चौड़ी इनर रिंग रोड एवं भूमि पार्सल योजना के लिए ग्राम रहनकलां और रायपुर समेत 20 गांवों की 938.8975 हेक्टेयर भूमि का अर्जन किया गया। इसके लिए 14 सितंबर 2010 को अधिसूचना जारी की गई। ग्राम रहनकलां और रायपुर की कुल अर्जित भूमि में से 232.9511 हेक्टेयर भूमि यूपीएसआईडीसी को देने का फैसला किया गया। यूपीसीडा ने वर्ष 2014 में नई नियमावली के आधार पर प्रतिकर का भुगतान किया।

नए भूमि अर्जन, पुनर्वासन और पुनर्व्यवस्थापन में उचित प्रतिकर और पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम-2013 में दी गई व्यवस्था के आधार पर आगरा विकास प्राधिकरण को रहनकलां और रायपुर की भूमि लेने में बाधा आ रही है। किसानों को बढ़ाकर हुआ प्रतिकर देने के लिए जनप्रतिनिधियों ने भी मांग की। इसके लिए अपर जिलाधिकारी (वि/रा) आगरा की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय समिति का गठन किया गया। समिति ने सुझाव दिया है कि बढ़ी हुई दर पर भूमि लेने से विकास प्राधिकरण को नुकसान नहीं होगा।

आगरा विकास प्राधिकरण ने चूंकि वर्ष 2010 में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी, उस पर अर्जन की नई नीति नहीं आई थी। इसीलिए नई दर से किसानों को प्रतिकर देने में बाधा आ रही थी। इसीलिए आगरा विकास प्राधिकरण ने बोर्ड में बैठक में फैसला किया कि बढ़ी हुई राशि को अनुग्रह राशि के रूप में देकर इसे ले लिया जाए। आगरा विकास प्राधिकरण के अनुरोध पर आवास विभाग ने कैबिनेट से प्रस्ताव से मंजूरी कराते हुए इस भूमि को अनुग्रह राशि पर लेने की मंजूरी दे दी है।

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