‘पारदर्शी व्यवस्था के बीच कैसे फूटे विरोध के स्वर
नगर व्यापार मंडल चुनाव में विवाद के बाद प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने जांच शुरू की है। चुनाव 21 फरवरी तक स्थगित कर दिए गए हैं। कुछ सदस्यों ने पारदर्शिता की कमी का आरोप लगाया था। पर्यवेक्षकों ने...
नगर व्यापार मंडल चुनाव को लेकर उपजे विवाद का रविवार को प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल ने संज्ञान लिया है। प्रांतीय कार्यकारिणी की ओर से यहां पहुंचे पर्यवेक्षकों ने पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली है। जांच के बाद अब आगे की कार्रवाई पर फैसला होगा। जनवरी में नगर व्यापार मंडल के चुनाव होने थे। तमाम प्रक्रियाएं भी पूरी कर ली गई थीं। नाम वापसी के वक्त अचानक कुछ सदस्यों ने विरोध कर दिया। उनका कहना था कि पारदर्शिता नहीं बरती गई है। इसके बाद जिला व्यापार मंडल और चुनाव समिति ने मामले की जांच होने तक 21 फरवरी तक चुनाव स्थगित कर दिए थे। इधर प्रदेश कार्यकारिणी के निर्देश पर नवनीत राणा व सहयोगी अभिजीत ढेला रविवार को रानीखेत पहुंचे। समिति ने नामांकन से लेकर चुनाव प्रक्रिया बाधित होने तक की कार्रवाई पर्यवेक्षकों के समक्ष प्रस्तुत की। साथ ही आय-व्यय का स्पष्ट एवं संतोषजनक लिखित विवरण प्रदान न करने से उत्पन्न हुए विवाद के बारे में बताया। पर्यवेक्षकों ने बताया कि जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। यहां जिलाध्यक्ष मोहन नेगी, चुनाव समिति अध्यक्ष अगस्त लाल साह, कार्यकारी अध्यक्ष प्रताप सिंह मेहरा, कुलदीप कुमार, अतुल कुमार अग्रवाल, हेम भगत, जगदीश अग्रवाल, विमल भट्ट थे।
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