आपदा प्रभावित सूपाकोट के लोगों का अल्मोड़ा में प्रदर्शन
आपदा प्रभावित सूपाकोट के लोगों का अल्मोड़ा में प्रदर्शन आपदा प्रभावित सूपाकोट के लोगों अल्मोड़ा में प्रदर्शन आपदा प्रभावित सूपाकोट के लोगों अल्मोड़ा
अल्मोड़ा, कार्यालय संवाददाता। आपदा के एक साल बाद भी सोमेश्वर के सूपाकोट के आवासीय भवनों को बने खतरे की किसी ने सुध नहीं ली। न ही आंगन, खेतों और नौलों से मलबा हट पाया। इससे नाराज ग्रामीणों ने गुरुवार को मुख्यालय पहुंचकर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। प्रशासन पर अनदेखी का आरोप लगाया। चौघानपाटा स्थित गांधी पार्क में धरने पर बैठे ग्रामीणों ने कहा कि बीते साल आठ मई को ही सूपाकोट में आपदा आई थी। आपदा में गांव का प्राचीन नौला जमींदोज हो गया था। इसका ग्रामीणों ने अपने संसाधनों से पुनर्निर्माण किया। गधरे की निकासी का मार्ग बह जाने से पानी घरों में घुस रहा है।
गधेरे से संयुक्त परिवार के तीन घरों को खतरा बना हुआ है। बारिश से पूर्व चारों ओर बिखरे मलबे को नहीं हटाया गया तो हालात बिगड़ सकते हैं। आरोप लगाया कि उन्होंने प्रशासन से आपदा प्रभावित क्षेत्र में कार्य करने का निवेदन किया था। पहले प्रशासन उन्हें आश्वासन देता रहा। बाद में यह कह दिया गया कि बीते वित्तीय वर्ष का बजट बांटा जा चुका है। जो शेष बचा था उसे शासन को वापस कर दिया गया है। इससे ग्रामीण अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांगों का संज्ञान लेते हुए जल्द कार्रवाई की मांग की है। यहां रिटायर्ड लेखा अधिकारी रमेश पाण्डे, देवेंद्र उप्रेती, दीप चंद्र पांडे, तारू तिवारी, मोहित पाठक, दीप चंद्र पांडे, प्रेमा पांडे आदि रहे।
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