Daughters leaving homes due to small issues most cases are in Nainital these reasons came to light छोटी सी बात से खफा बेटियां छोड़ रहीं घर, नैनीताल समेत इन जिलों में ज्यादा केस; यह वजहें आईं सामने, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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छोटी सी बात से खफा बेटियां छोड़ रहीं घर, नैनीताल समेत इन जिलों में ज्यादा केस; यह वजहें आईं सामने

पुलिस अधिकारियों की मानें तो कुमाऊं के छह जिलों पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर, नैनीताल और यूएसनगर में एक साल के भीतर 250 से अधिक किशोरियां घर से नाराज होकर कहीं चली गईं।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, हल्द्वानी। संतोष जोशीTue, 13 May 2025 09:04 AM
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छोटी सी बात से खफा बेटियां छोड़ रहीं घर, नैनीताल समेत इन जिलों में ज्यादा केस; यह वजहें आईं सामने

उत्तराखंड में छोटी सी बात से खफा होकर बेटियां घर छोड़ रहीं हैं। चिंता की बात है कि माता-पिता के समझाने के बावजूद भी वे अपनी मन की कर रहीं हैं। नैनीताल सहित ऊधमसिंह नगर जिले में केसों की संख्या अधिक है। मोबाइल फोन माता-पिता और बच्चों के बीच दूरी बढ़ा रहा है। सामान्य तौर पर विनम्र मानी जाने वाली बेटियां भी इस शौक के लिए माता-पिता से इस कदर नाराज हो रही हैं कि घर ही छोड़कर चली जा रही हैं।

मोबाइल में रील्स देखने से मना करने, इंस्टा, फेसबुक या अन्य सोशल मीडियो प्लेटफॉर्म से दूरी बनाने के लिए कहने पर अक्सर विवाद हो रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, कुमाऊं में करीब 250 किशोरियों के घर छोड़ने के मामले बीते एक साल में सामने आए हैं। इस में करीब 210 से अधिक मोबाइल व स्क्रीन टाइम के विवाद को लेकर रहे हैं।

हालांकि अधिकांश किशोरियों को पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो कुमाऊं के छह जिलों पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर, नैनीताल और यूएसनगर में एक साल के भीतर 250 से अधिक किशोरियां घर से नाराज होकर कहीं चली गईं। इसमें 185 के आसपास मामले ऊधमसिंह नगर और नैनीताल जिले के हैं।

जबकि पहाड़ के चार जिलों से 65 ऐसे मामले सामने आए हैं। घर से नाराज होकर भागने वाली किशोरियों की उम्र 12 से 17 वर्ष के बीच रही है। पुलिस के मुताबिक मैदानी जिलों में ही मोबाइल से जुड़े मामले अधिक हैं। इसमें भी लगभग सभी बच्चे निजी स्कूलों में पढ़ने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक, मोबाइल को लेकर लड़कियों का विवाद पिता की तुलना में मां से अधिक है।

मोबाइल से जुड़े पुलिस के पास जो 210 से अधिक मुकदमे आए, उसमें भी 90 फीसदी किशोरियां मां के टोकने-डांटने पर ही नाराज हुई थीं। इसकी बड़ी वजह है कि बच्चे ज्यादा समय मां का ही मोबाइल फोन इस्तेमाल कर रहे हैं। क्योंकि पिता घर में कम रहते हैं।

आईजी, कुमाऊं रेंज रिद्धिम अग्रवाल ने कहा कि मोबाइल फोन बच्चों के मामले में बड़ी समस्या बन रहा है। अभिभावकों को बच्चों के साथ समन्वय बनाकर रहना चाहिए। जागरूकता के लिए पुलिस भी लगातार अभियान चला रही है। लापता चल रहीं किशोरियों की बरामदगी को लेकर पुलिस को कड़े निर्देश दिए हैं।

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