बोले देहरादून : लोअर राजीव नगर में लाल निशान से बढ़ी लोगों की चिंता
देहरादून में रिस्पना नदी पर बनने वाली एलिवेटेड रोड के लिए लोअर राजीव नगर में डिमार्केशन का कार्य शुरू हो चुका है। इससे 2614 मकान प्रभावित होंगे, जिनमें 1120 रिस्पना और 1499 बिंदाल नदी के किनारे हैं।...
देहरादून में रिस्पना नदी पर बनने वाली एलिवेटेड रोड के लिए लोअर राजीव नगर में नदी से जुड़े कई हिस्सों पर डिमार्केशन का कार्य शुरू हो चुका है। जिससे लोगों की चिंता बढ़ गई हैं। प्रोजेक्ट के तहत रिस्पना नदी के ऊपर दो अलग-अलग फोरलेन एलिवेटेड रोड बनाई जाएगी। रिस्पना पुल से होकर नागल पुल तक 11 किलोमीटर की एलिवेटेड सड़क बनाई जानी है। इसमें से रिस्पना नदी के किनारे बने 1120 कच्चे पक्के मकान प्रभावित होंगे। लोअर राजीव नगर में कई जगहो पर मकानों के साथ लाल निशान लगाए गए हैं। प्रस्तुत है दीपिका गौड़ की रिपोर्ट..
देहरादून में रिस्पना और बिंदाल नदी के किनारे बने मकानों को एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट के तहत तोड़ा जाएगा। जिसको लेकर दून में डिमार्केशन का काम शुरू हो चुका है। इसके तहत 2614 मकानों को जद में आने के कारण टूटना होगा। जिसमें 1499 मकान बिंदाल और 1120 रिस्पना नदी के किनारे बसे होने के कारण तोड़े जाएंगे। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान’ के ‘बोले देहरादून’ अभियान के तहत रिस्पना नदी किनारे बसे लोअर राजीव नगर के स्थानीय लोगो से बातचीत की गई। लोअर राजीव नगर के सुशील कुमार वर्मा, याशमीन, जाकिर सैफी, शाहजहां, महमूद कुरैशी और शाजिद आदि ने अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए बताया कि साल 1972 से 73 के बीच राजीव नगर को बसाया गया था। पांच हजार से ज्यादा लोग बस्ती में निवास करते हैं।
सांसद और विधायक निधि से ही क्षेत्र में सड़क, सीवर, पानी की आपूर्ति के लिए विकास कार्य किए गए। जिसके बाद कभी एनजीटी के आदेश तो कभी फ्लड जॉन का नाम दिया गया और बस्ती को खाली करने के लिए कहा गया। रिस्पना नदी के ऊपर से रिस्पना पुल से नागल पुल तक 11 किलोमीटर की एलिवेटेड सड़क बनाई जाएगी। रिस्पना एलिवेटेड प्रोजेक्ट के लिए 1120 कच्चे और पक्के मकान आ रहे है। उन्हें हटाया जाएगा। शासन प्रशासन का कहना है कि शहर के ट्रैफिक को कम करने के साथ शहर का विकास इस योजना के तहत किया जाएगा। जिसमें लोअर राजीव नगर के निशान लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। लोगों की शिकायत है कि इसके बारे में न तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि को कोई जानकारी दी गई और न ही क्षेत्र की जनता को कुछ बताया गया।
सरकार विस्थापन का वादा करे लोगों को बेघर न किया जाए
लोगों का कहना है कि पहले फ्लड जोन के नाम पर घरों में निशान लगाए गए थे। अब ऐलिवेटेड रोड के नाम पर यहां निशान लगाए जा रहें है। हम मजदूरी करके अपना गुजर बसर करतें है। बड़ी मेहनत करके हमने यह घर बनाया है अब इसे छोड़ने के आदेश है। हम गरीबों पर यह अत्याचार क्यों हो रहा है। अगर सरकार हमे यहां से हटाना ही चाहती है तो हमें कहीं और बसाए। हम लोगों को आश्वासन चाहिए कि हम लोग सड़कों पर नहीं आएंगे। नदी किनारे बसे लोअर राजीव नगर की बस्ती में हजारों परिवार वर्षों से निवास करते हैं। ऐलिवेटेड रोड बनने के आदेश के बाद से लोगों को हमेशा ही बेघर होने का डर सताता रहता है। रोज मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पालने वालो ने पैसा जोड़ कर यह घर बनाया है। अब सरकार उनसे उनके सपनो का घर छिन रही हैं। लोगो का कहना है कि हम लोग सड़क पर आजाएंगे। क्या सरकार हमे बेघर करना चाहती है।
40 वर्ष से अधिक समय से रह रहे हैं लोग
राजीव नगर के स्थानीय लोगो की मांग है कि उनके आशियाने को सरकार छोड़ दें। क्योंकि सभी गरीब तबके के लोग है और ध्याड़ी मजदूरी करके गुजारा कर रहे हैं। 40 वर्षों से ज्यादा का समय लोगो को यहां रहते हुए हो चुका है। यदि सरकार को विकास के नाम पर लोगों को उजड़ना ही है तो सरकार विस्थापन के लिए भी तैयार रहे। घरों से बेघर करने पर रहने के लिए ठिकाने मंजूर करे। विकास के नाम पर लगाए जा रहे लाल निशान लोगों ने शिकायत करते हुए बताया कि शहर के ट्रैफिक को कम करने के साथ शहर का विकास इस प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है। लेकिन लोअर राजीव नगर के लोगो के साथ विकास के नाम पर धोका किया जा रहा है और उन्हे उजाड़ने का काम किया जा रहा है। लोअर राजीव नगर में निशान लगाने का काम शुरू हो गया है।
लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं
1972-73 में इस क्षेत्र में आबादी का बसना शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यहां पर विकास कार्य शुरू हुए सीवर लाइन पड़ी, पेयजल लाइन पड़ी और सड़कों का निर्माण किया गया। इसके बाद कभी फ्लड जोन के नाम पर तो कभी ऐलीवेटड जोन के नाम पर लोगों को हटाया जा रहा है। लोगों को इसकी पूरी जानकारी भी नहीं दी जा रही है। लोग खुद को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। - महेंद्र सिंह रावत, पार्षद वार्ड 50
घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइन
लोगों ने बताया कि यहां पर घरों के ऊपर से हाई टेंशन तार जा रहे है। इससे कई बार लोग करंट खाकर हादसे का शिकार हो चुकें है। आते जाते लोगों के मन में करंट लगने का डर बना रहता है। इस मामले पर गंभीर रूप से विचार कर इस पर कार्रवाई की जानी चाहिए। विधायक के संज्ञान में आने के बाद भी कुछ नहीं हुआ। घरों के ऊपर से जल्द से जल्द हाई टेंशन तारों को हटाने की जरूरत है। ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार का हादसा न हो सके।
सुझाव
1. जिन लोगों के भी घर तोड़े जाएंगे। उनके लिए सरकार को विस्थापन की व्यवस्था करनी ही चाहिए।
2. एलिवेटड रोड की जद में आने के बाद, मलिन बस्तियों के बचे क्षेत्र को मालिकाना हक दिया जाए।
3. घरों के ऊपर से जा रहे हाईटेंशन तारों को हटाया जाना चाहिए।
4. क्षेत्रवासियों की जितनी जमीन जद में आ रही है। उस हिसाब से विस्थापन दिया जाना चाहिए।
5. सरकार के प्रतिनिधियों की ओर से क्षेत्र में आकर लोगों को समझाना चाहिए।
शिकायत
1. एलिवेटेड रोड के लिए मलिन बस्तियों में घर टूटने के नाम पर लोगो में डर का माहौल है।
2. विधायक से शिकायत करने के बाद भी हाईटेंशन तारों को नहीं हटाया गया।
3. लोगों में डर है कि उन्हें विस्थापित नहीं किया तो वह लोग परिवार के साथ कहां जाकर रहेंगे।
4. सांसद और विधायक निधि से क्षेत्र में विकास कार्य हुए आज यह बस्ती अवैध कैसे हुई।
5. क्षेत्र में कूड़ा उठान व्यवस्था भी ठीक नहीं है।
अपनी-अपनी बात
हम लोग कई वर्षों से यहां पर रह रहे हैं। इसको छोड़कर जाने की कभी कल्पना भी नहीं की थी। शहर के विकास कार्य के नाम पर हम गरीबों को अपने ही घरों से बेघर किया जा रहा है। -बून्दू सैफी
सरकार को किसी भी प्रकार के कार्य को धरातल पर उतारने के लिए पहले वहां के लोगों के बारे में भी सोचना चाहिए। हमारी तो बरसों की जमापूंजी दाव पर लगी है। -शराफत अली
कभी फ्लड जोन तो कभी एलिवेटेड रोड के नाम पर सिर्फ हम गरीबों को परेशान किया जा रहा है। हम लोग अपने घरों को छोड़कर कहां जाएंगे। हम लोग तो सड़क पर आजाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। -राम बालक
हम लोगों को हमारे घरों के बदले घर दिया जाना चाहिए। साथ ही हम सभी लोगों के लिए कहीं और रहने की व्यवस्था की जानी चाहिए। शासन-प्रशासन को समय रहते इसकी व्यवस्था करनी चाहिए। -रमेश सिंह चौहान
यहां पर कूड़ा उठाने की गाड़ी नियमित नहीं आती है। साथ ही लोग नदी में कूड़ी डालकर चले जाते हैं। इससे नदी में गंदगी जमा रहती है। जिसकी सफाई नहीं होने से दुर्गंध उठती रहती है। -मोहम्मद
मैं 85 वर्ष की हो चुकी हूं और सन 1983 से यहां पर रह रही हूं। कड़ी मेहनत करने के बाद हम लोगों ने अपना घर बनाया था। आज टूटने की कगार पर है। उम्र के इस पड़ा में कहां जाऊंगी। -लतीफन
सरकार अगर हमें विस्थापन के लिए जगह देती है तो सब को उनके घर की जगह के अनुसार ही जगह दी जाए। कई घरों में पांच से दस लोग भी रहते हैं। ऐसे में लोगों को परेशानी हो सकती है। -बानो
हम लोग रोज मजदूरी करके अपना पेट पाल रहे हैं। बड़ी मेहनत मशक्कत करके लोगों ने अपना घर बनाया था। हम इसे टूटने नहीं देंगे। हम लोग अपनी जगह को छोड़ कर कहीं नहीं जाएंगे। -महेंद्र
इंदिरा गांधी की सरकार के समय आदेश आया था कि खाली जमीन पर आवास बनाया जा सकता है। लोगो ने यहां पर घर बनाया क्या केवल गंवाने के लिए। -राजेंद्र मौर्य
यहां पर लोगों के घरों से होकर हाईटेंशन तार जा रहे हैं। इससे कई लोग हादसे का शिकार हो चुके हैं। ऊर्जा निगम को इन तारों को यहां से जल्द हटाना चाहिए। -मुश्ताक अली
जिनके घर एलिवेटेड रोड के लिए नहीं तोड़ा जा रहे। उन्हें मालिकाना हक दिया जाए। ताकि भविष्य में उन लोगों को फिर विकास के नाम पर इधर-उधर भटकना न पड़े। -शहदाब अली
कचरा उठाने की व्यवस्था ठीक की जाए। जगह-जगह कचरा पड़े रहने से क्षेत्र में गंदगी बनी रहती है। इसमें बीमारियों के पनपने का डर बना रहता है। -असलम
घरों के ऊपर से बिजली के हाई टेंशन तार जा रहे हैं। इन तारों की चपेट में आने से मेरे भाई की मौत हो चुकी है। यहां पर बच्चों को भी करंट लग चुका है। -मोहम्मद सादिक
एलिवेटेड रोड के नाम पर गरीबों को डराया जा रहा है। हम लोगों से हमारा घर छीना जा रहा है। हम गरीब लोग कहां जाएंगे और कैसे रहेगे। इस पर चिंतन होना चाहिए। - शाहिद
जब से एलिवेटेड रोड निर्माण में घर तोड़ने की बात आई है। तब से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है। कब सर के ऊपर से छत छिन जाए किसी को कुछ नहीं पता। - हनीफा
हम लोगों को हमारे घरों को तोड़ने से पहले पूरी जानकारी दी जानी चाहिए थी। घर तोड़ने से पहले हमारे विस्थापन के इंतजाम किए जाने चाहिए। - शबनम
लोअर राजीव नगर के लोगों की शंकाओं का होगा समाधान
जिलाधिकारी सविन बंसल का कहना है कि लोअर राजीवनगर के लोगों की चिंताओं और आशंकाओं का पूरी तरह से निराकरण किया जाएगा। एलिवेटेड रोड देहरादून के लिए काफी महत्वकांक्षी प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट के दायरे में आ रहे प्रभावितों को चिन्हिकरण किया जा रहा है। लोगों की चिंताओं का भी इसमें निराकरण किया जाएगा। हम पुनर्वास नीति और विस्थापन पर भी काम कर रहे हैं। लोगों को भी फिर भी किसी तरह की शंकाएं हैं तो प्रशासन की ओर से उनका निस्तारण भी किया जाएगा।
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