'कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज न करें'
इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया की देहरादून शाखा में कार्डियक रिस्क मिटिगेशन और सीपीआर तकनीक पर कार्यशाला आयोजित की गई। विशेषज्ञों ने कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती संकेतों की पहचान पर चर्चा...

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (आईसीएआई) की देहरादून शाखा में शुक्रवार को कार्डियक रिस्क मिटिगेशन, सडन कार्डियक अरेस्ट अवेयरनेस और सीपीआर तकनीक पर कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें विशेषज्ञों ने कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती संकेतों की पहचान के बारे में बताया। आईसीएआई की देहरादून शाखा के अध्यक्ष सीए परिमल पटेट ने बताया कि कार्यशाला कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के उत्तराखंड चैप्टर, रिवाइव हार्ट फाउंडेशन और अलर्ट संस्था के सहयोग से आयोजित की गई। इस दौरान हृदय रोग विशेषज्ञ प्रो. (डा.) तनुज भाटिया, प्रो. (डा.) साई देवव्रत ने कार्डियक अरेस्ट के शुरुआती चेतावनी संकेतों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआती पहचान जरूरी है।
उन्होंने कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन तकनीकों पर एक डोमो प्रदर्शन किया। कार्यशाला में वरिष्ठ आयकर अधिकारी, चार्टर्ड अकाउंटेंट, उनके परिवार, विभिन्न सामाजिक और व्यावसायिक संगठनों के सदस्यों ने प्रतिभाग किया। मौके पर आयकर आयुक्त(अपील) सौरभ कुमार चटर्जी, अतिरिक्त आयकर आयुक्त एएस राणा, संयुक्त आयकर आयुक्त संगीत बंसल, आयकर आयुक्त अमर पाल सिंह, डीडीआईटी विक्रम जीत, आईसीएआई के सचिव सीए अंकित गुप्ता, उपाध्यक्ष सीए जसमीत सिंह चौधरी, सीआईसीएएसए के अध्यक्ष सीए प्रणय सेठ आदि मौजूद थे।
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