Tribute to Sudar Lal Bahuguna Honoring Ghanshyam Ratudi and Diksha Sister with Himalayan Guardian Award सुदंरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान सैलानी और दीक्षा को मिलेगा, Dehradun Hindi News - Hindustan
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सुदंरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान सैलानी और दीक्षा को मिलेगा

पदमविभूषण सुदंरलाल बहुगुणा की चतुर्थ पुण्यतिथि पर 21 मई को देहरादून में सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा। सम्मान स्व.घनश्याम रतूड़ी सैलानी और दीक्षा बहन को दिया जाएगा। दीक्षा को समाज सेवा और महिला...

Newswrap हिन्दुस्तान, देहरादूनMon, 5 May 2025 04:27 PM
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सुदंरलाल बहुगुणा स्मृति सम्मान सैलानी और दीक्षा को मिलेगा

पदमविभूषण सुदंरलाल बहुगुणा की चतुर्थ पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में हिमालय प्रहरी सम्मान जन कवि आंदोलनकारी स्व.घनश्याम रतूड़ी सैलानी और दीक्षा बहन को मिलेगा। सम्मान समारेाह 21 मई को देहरादून में नगर निगम में टॉउन हॉल में शाम पांच बजे आयोजित किया जाएगा। यह आयोजन सेव हिमालय मूवमेंट और पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम की ओर से आयोजित किया जाएगा। सेव हिमालय मूवमेंट के अध्यक्ष समीर रतूड़ी और पर्वतीय नवजीवन मंडल आश्रम के सचिव राजीव नयन बहुगुणा ने प्रेस को जारी बयान में कहा कि वर्ष 2025 के लिए सम्मान का चयन पांच सदस्यीय चयन समिति ने किया। समिति में स्वामी राम हिमालयन यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.राजेंद्र डोभाल, वरिष्ठ पत्रकार राजीव नयन बहुगुणा, वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता जगदम्बा प्रसाद रतूड़ी, भगवती प्रसाद नैथानी और शीशराम कंसवाल शामिल हैं।

पुरस्कार के पुरुष वर्ग में स्व.प्रताप शेखर, स्व.सुरेंद्र दत्त भट्ट, स्व.घनश्याम सैलानी और सदन मिश्रा के नाम पैनल में आए थे। जबकि महिला वर्ग में दीक्षा बिष्ट, नंदा देवी, बचनी देवी, जुपली देवी और हेमा देवी के नामों पर चर्चा की गई। दीक्षा को जीवनभर विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया। उन्होंने कस्तूरबा गांधी ट्रस्ट में अनौपचारिक बालवाड़ी का गठन किया। 20 साल तक वह महिला संगठन का गठन कर महिला उत्थान और वन बचाओ आंदोलन में सक्रिय रही। इसमें 70 के दशक में हेंवल घाटी और बडियारगढ़ क्षेत्र में उनकी सक्रिय भूमिका रही। उनकी 75 किमी. की पदयात्रा को देखते हुए तब सुंदरलाल बहुगुणा ने उन्हें उत्तराखंड की शेरनी की उपाधि दी थी। दीक्षा बहन को मैती सम्मान और 1992 में कस्तूरबा गांधी ट्रस्ट की ओर से पूर्व राष्ट्रपति डॉ.शंकर दयाल शर्मा ने भारत की सर्वश्रेष्ठ सेविका के सम्मान से नवाजा था। वहीं, स्व.घनश्याम रतूड़ी सैलानी की चिपको आंदोलन, सर्वोदय आंदोलन, भूदान आंदोलन, नशाबंदी आंदोलन, टिहरी बांध विरोधी आंदोलन में उल्लेखनीय कार्य के लिए यह सम्मान मरणोपरांत दिया जा रहा है।

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