Elderly people 75 years of age sent to 15 thousand feet who is responsible for 9 deaths Uttarkashi Sahastratal track 15 हजार फुट की ऊंचाई पर भेजे 75 साल तक के बुजुर्ग, उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रैक में 9 मौतों का जिम्मेदार कौन?, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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15 हजार फुट की ऊंचाई पर भेजे 75 साल तक के बुजुर्ग, उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रैक में 9 मौतों का जिम्मेदार कौन?

सरकार ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच को आयुक्त गढ़वाल को नामित किया था। अब आयुक्त की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने ट्रैकिंग शर्तें पूरी नहीं कीं।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, देहरादून, विनोद मुसानWed, 21 May 2025 07:45 AM
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15 हजार फुट की ऊंचाई पर भेजे 75 साल तक के बुजुर्ग, उत्तरकाशी के सहस्त्रताल ट्रैक में 9 मौतों का जिम्मेदार कौन?

उत्तरकाशी में सहस्त्रताल ट्रैक पर गतवर्ष नौ ट्रैकर्स की मौत के मामले में आयुक्त गढ़वाल विनय शंकर पांडेय ने मजिस्ट्रियल जांच रिपोर्ट शासन को सौंप दी है। रिपोर्ट में ट्रैकिंग कराने वाली कंपनी हिमालयन व्यू एडवेंचर की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए गए हैं। जांच में सामने आया कि करीब 15 हजार फुट की ऊंचाई पर स्थित सहस्रताल ट्रैक पर 65 से 75 वर्षीय बुजुर्गों को ट्रैकिंग को ले जाया गया।

इससे पहले उनकी स्वास्थ्य जांच तक नहीं कराई गई थी। पिछले साल तीन जून को बेंगलुरु के 22 पर्यटक ट्रैकिंग के लिए उत्तरकाशी पहुंचे थे। इन्होंने हिमालयन व्यू एडवेंचर ट्रैकिंग कंपनी को हायर किया था। चार जून की शाम सिल्ला कुशकल्याण-सहस्त्रताल ट्रैक पर मौसम खराब होने से दल फंस गया। ठंड में तबीयत बिगड़ने के कारण नौ ट्रैकर्स की मौत हो गई।

यहां फंसे ट्रैकर्स को बाद में बमुश्किल रेस्क्यू किया गया। सरकार ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच को आयुक्त गढ़वाल को नामित किया था। अब आयुक्त की ओर से दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि कंपनी ने ट्रैकिंग शर्तें पूरी नहीं कीं। ट्रैकिंग यूनिट एंड ट्रैकिंग रूट के संबंध में पुलिस प्रशासन को सूचना नहीं दी गई।

65 से 75 वर्ष के बुजुर्गों को इतनी ऊंचाई वाली जगह पर बिना मेडिकल जांच के ट्रैकिंग कराना उचित नहीं था। कंपनी के गाइडों के पास ट्रैकिंग संबंधी आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध नहीं थे।

कंपनी पर कार्रवाई का फैसला शासन पर छोड़ा

जांच रिपोर्ट में ट्रैकिंग कंपनी की कमियां तो गिनाई गई हैं, पर कंपनी पर क्या कार्रवाई की जानी चाहिए, इसका उल्लेख नहीं है। आयुक्त गढ़वाल की ओर से शासन स्तर पर दिशा-निर्देश जारी किए जाने का अनुरोध किया गया है। इसके बाद मुख्य सचिव की ओर से प्रकरण आगे की कार्रवाई के लिए प्रमुख सचिव वन और सचिव गृह को भेज दिया गया है।

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