चंचल चित में आते हैं बहुत से विकार : बाबा फुलसंदे वाले
एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा मंत्र के ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसंदे वालों ने कहा कि चित्त सदा चंचल है lइसमें बहुत से विकार आते रहते हैं इसमें ज्ञान क्षण भर

काशीपुर। एक तू सच्चा तेरा नाम सच्चा मंत्र के ऋषि सत्पुरुष बाबा फुलसंदे वालों ने कहा कि चित्त सदा चंचल है l इसमें बहुत से विकार आते रहते हैं इसमें ज्ञान क्षण भर को ठहरता है, इसमें ज्ञान ज्योति को रोक कर रखना कठिन है और इसका निवारण करना भी दुष्कर है। मंगलवार को बाबा फुल संदे वाले तीन दिवसीय सत्संग के पहले दिन रामलीला मैदान सभागार में संबोधित कर रहे थे l उन्होंने कहा जिसका मन अस्थिर है जो धर्म आचरण को नहीं जानता, जिसकी श्रद्धा अस्थिर है उसकी बुद्धि भी पूर्ण नहीं हो सकती ना उसे सुख प्राप्त हो सकता है।
मनुष्य क्रोध में बहुत कुछ अनर्थ कर डालता है। अगर वह धैर्य रखें तो बहुत से संकट और आपदा टल जाती हैं। इस शरीर को घड़े के समान अनित्य समझो, चित्त को नगर में भटकने वाला कुत्ता समझो। मन को जीत लेने पर ही जीवन की रक्षा हो पाती है। उन्होंने कहा मेरे राष्ट्र का हर नागरिक आत्मा से तपस्वी और शरीर से एक मजबूत सैनिक बने जो अपने धर्म की अपने राष्ट्र की सेवा व रक्षा कर सकें।। सत्संग के पश्चात भंडारे का आयोजन भी किया गया।। यहां प्रदीप कुमार मिश्रा, ऋषिपाल सिंह बैरागी, राजीव, विजेंद्र पाल सिंह, मनोज चौधरी, राजेंद्र सिंह,मुकेश चौधरी, हरिदास शर्मा, हरी राज शर्मा, संध्या मिश्रा, कुसुम राठी, शशि चौधरी, कंचन पुष्कर,पायल त्यागी मौजूद रहे l
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