Muslim board approached the High Court to open the closed slaughterhouse in Nainital, the court gave orders to the DM नैनीताल में बंद कसाईखाना खुलवाने हाईकोर्ट पहुंचा मुस्लिम बोर्ड, अदालत ने क्या आदेश दिया?, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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नैनीताल में बंद कसाईखाना खुलवाने हाईकोर्ट पहुंचा मुस्लिम बोर्ड, अदालत ने क्या आदेश दिया?

नैनीताल में स्लॉटर हाउस बंद करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। नैनीताल के इस्लामिया मुस्लिम बोर्ड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्लॉटर हाउस खोलने की मांग की है। जानिए अदालत ने क्या आदेश दिए हैं….

Ratan Gupta हिन्दुस्तान, नैनीतालSat, 7 June 2025 08:55 AM
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नैनीताल में बंद कसाईखाना खुलवाने हाईकोर्ट पहुंचा मुस्लिम बोर्ड, अदालत ने क्या आदेश दिया?

नैनीताल में स्लॉटर हाउस बंद करने का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। नैनीताल के इस्लामिया मुस्लिम बोर्ड ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर स्लॉटर हाउस खोलने की मांग की है। शुक्रवार को सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंदर और न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ ने डीएम नैनीताल को मामले में 24 घंटे में फैसला लेने को कहा है।

नैनीताल के इस्लामिया मुस्लिम बोर्ड ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि लोगों की शिकायत के बाद राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने करीब एक सप्ताह पूर्व तल्लीताल स्थित स्लॉटर हाउस को सील कर दिया था। तब से स्लॉटर हाउस बंद पड़ा हुआ है। बकरीद के त्योहार को देखते हुए तीन दिनों के लिए स्लॉटर हाउस को खोला जाए, ताकि वहां जानवरों की कुर्बानी कर सकें। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने पक्ष रख कहा कि स्लॉटर हाउस का संचालन नियमों के तहत नहीं किया जा रहा है।

पीसीबी की ओर से कहा गया कि नगर पालिका को पिछले साल एक पत्र के माध्यम से बूचड़खाना में कमियों को दूर करने और लाइसेंस नवीनीकरण के संदर्भ में उचित कदम उठाने को कहा गया था। नगर पालिका दोनों मामलों में असफल साबित हुयी है। वहीं नगर पालिका की ओर से कहा गया कि उसने पीसीबी को तीन दिन के लिये बूचड़खाना खोलने की अनुमति देने के लिये विगत 30 मई को एक पत्र लिखा था, लेकिन इस पर कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया।

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पीसीबी की ओर से कहा गया कि बूचड़खाना में जानवरों के अवशेष निस्तारित करने की उचित व्यवस्था नहीं है। हालांकि पीसीबी ने अदालत को तीन दिन के लिये स्लाटर हाउस खोलने के संदर्भमें अपनी सहमति दे दी। वर्ष 2024 में उपजिलाधिकारी जसपुर को एक पत्र लिखकर बूचड़खाना के लिये चयनित भूमि के भौतिक सत्यापन की मांग की गयी। समिति के अधिवक्ता जितेन्द्र चैधरी की ओर से कहा गया कि प्रशासन की ओर से इसके लिये एक कमेटी का गठन किया गया। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में भूमि को उपयुक्त पाया।

इसी बीच 30 मई को कमेटी की ओर से उपजिलाधिकारी को इस भूमि पर अस्थायी रूप से बूचड़खाना खोलने के लिये प्रत्यावेदन दिया गया लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया गया है। अंत में अदालत ने एसडीएम जसपुर को निर्देश दिये कि वह ग्रामीणों के प्रत्यावेदन पर 24 घंटे में निर्णय ले।

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