नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल में सांस्कृतिक विविधता का हुआ संगम
नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई। तिब्बती कवि तेनजिन सुंदुए ने अपनी कविताओं से पहचान और सांस्कृतिक संघर्ष को उजागर किया। कार्यक्रम में समकालीन हिंदी कविता, भोजन,...

नैनीताल, संवाददाता। नैनीताल लिटरेचर फेस्टिवल के दूसरे दिन शनिवार को विविध विषयों पर चर्चाओं ने श्रोताओं को आकर्षित किया। तिब्बती कवि तेनजिन सुंदुए के काव्य पाठ से शुरुआत हुई। उन्होंने अपनी कविताओं में पहचान और सांस्कृतिक संघर्ष के विषयों को उजागर किया।
फेस्टिवल में ‘कविता और साहित्य, ‘कविता की बोली में इंदु पांडे और रिचा रुद्रा ने कृति ‘द्विज पर चर्चा की। जिसमें समकालीन हिंदी कविता के अध्यात्मिक आयामों की खोज की गई। ‘इंक ऑफ रेजिस्टेंस सत्र में ज्योत्सना मोहन और आलोक शाह ने मोहन की पुस्तक ‘प्रताप पर बातचीत की। ‘डांस ऑफ द गॉड्स में डॉ. राजेश्वरी सैनाथ ने भरतनाट्यम प्रदर्शन किया और गणितीय नृत्य पर अपने शोध के बारे में बताया। ‘व्हिस्पर्स इन द विंड में कामाक्षी खन्ना ने पारंपरिक और आधुनिक तत्वों का मिश्रण प्रस्तुत किया। ‘टेस्टिंग द वर्ल्ड: फूड, ट्रैवल, एंड लाइफ में अभिनेत्री आहना कुमरा, खाद्य इतिहासकार पुष्पेश पंत और यात्रा विशेषज्ञ शहनाज ट्रेजरी ने चर्चा की। ‘कन्फेशंस ऑफ स्टॉक मार्केट विज़ार्ड्स में सफीर आनंद ने निवेश संबंधी जानकारी साझा की। वहीं, ‘एपिक टेल्स में लेखक आनंद नीलकंठन और समीर संधीर ने भारतीय पौराणिक कथाओं की आज की प्रासंगिकता पर चर्चा की। द न्यू ग्रेट गेम में विशेषज्ञ अनिरुद्ध गुप्ता, पुष्पेश पंत, टीसीए राघवन और विकास स्वरूप ने वैश्विक राजनीति और भारत की बदलती भूमिका पर चर्चा की।
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