बंजर पड़े खेतों में हरियाली लाने को लेकर हुई चर्चा
श्री बद्रीश कृषक समूह ने बसोली गांव में कृषि एवं स्वरोजगार संगोष्ठी का आयोजन किया। वक्ताओं ने कृषि बागवानी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। विधायक दिलीप रावत ने ग्रामीणों को बधाई दी और हरियाली...

श्री बद्रीश कृषक समूह ग्राम बसोली द्वारा सक्षम एसोसिएटस की ओर से बसोली गांव में एक कृषि एवं स्वरोजगार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। सक्षम एसोसिएट्स ग्राम बसोली के सौजन्य से इसमें सहयोग किया गया गोष्ठी में वक्ताओं ने कृषि बागवानी के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। गोष्ठी में एपी जुयाल ने गांव, क्षेत्र की समस्याओं की चर्चा कर उनके समाधान के विमर्श हेतु वक्ताओं का आह्वान किया। कहा कि जंगली जानवरों के आतंक से ग्रामीण खेती-बाड़ी छोड़ने के लिए मजबूर हैं। इसके समाधान के लिए ग्रामीणों के सामूहिक प्रयास व सरकार द्वारा विशेष कार्ययोजना की जरूरत है। कृषि बागवानी के साथ स्वरोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बसोली गांव में शुरूआत की जा रही है। चंदन के पेड़ों की नर्सरी तैयार की गई है। गांव के विस्तृत भू-भाग, बंजर पड़े खेतों में चंदन के पेड़ों का पौधरोपण करने की तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही खेती-बाड़ी, बागवानी के अन्य विकल्पों पर भी कोशिश की जा रही है। जंगली जानवरों से बचाव के लिए सुरक्षा घेरबाड़ हेतु सरकारी सहायता की जरूरत है। कहा कि गांव में ही इंटर लॉकिंग टाइल्स, चकर्ड टाइल्स व सीमेंट मसाले की ईंट निर्माण इकाई की स्थापना की गई है। इससे लगभग 10-15 लोगों को रोजगार मिल रहा है। मुख्य अतिथि विधायक लैंसडौन दिलीप रावत ने सुदूर क्षेत्र बसोली गांव में आयोजित कृषि एवं स्वरोजगार गोष्ठी के आयोजन के लिए गांव के लोगों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में हरियाली लाने, कृषि बागवानी, स्वरोजगार के लिए हर संभव सहयोग किया जाएगा। बसोली में इस तरह संचालित होने वाला कार्यक्रम क्षेत्र के अन्य गांवों के लिए प्रेरणा स्रोत होगा। उन्होंने गांव में खोले गए उद्योग की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार मिल सकेगा।
बीडीओ प्रमोद पांडे ने कहा कि गांव में इस तरह की पहल एक बेहतर प्रयोग है। विभागीय स्तर पर हर संभव सहयोग किया जाएगा। सेवानिवृत्त सहायक कृषि अधिकारी विनोद पटवाल ने कहा कि क्षेत्र में कीवी के बगीचे बेहतर परिणाम दे सकते हैं। जहां जलवायु अनुकूल हो, वहां पर सेब के बाग लगाए जा सकते हैं। वक्ताओं ने पारंपरिक रुप से क्षेत्र में पैदा होने वाले मिलेट्स कौणी, झुंगोरा, मंडुआ, चौलाई आदि के साथ मिर्च, अदरक, लहसुन, हल्दी आदि की ऑर्गेनिक खेती करने पर जोर दिया। इस मौके पर अति विशिष्ट अतिथि पिटकुल निदेशक प्रकाश चंद्र ध्यानी, अजय बेलवाल, सहायक कृषि अधिकारी राकेश शर्मा, विनोद पटवाल, चमन सिंह नेगी, दिनेश चंद्र सुंद्रियाल, पूर्णानंद जुयाल, जगतराम ध्यानी, मनीष सुंद्रियाल, त्रिलोचन सुंद्रियाल, सुनील सुंद्रियाल, बीरेंद्र जुयाल आदि शामिल रहे। संचालन त्रिलोचन सुंद्रियाल ने किया।
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