Rain landslide wreaks havoc Pithoragarh Uttarakhand SSB post damaged Nepal border उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बारिश-भूस्खलन ने मचाई तबाही, नेपाल बॉर्डर पर SSB चौकी क्षतिग्रस्त; हाइवे बंद, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बारिश-भूस्खलन ने मचाई तबाही, नेपाल बॉर्डर पर SSB चौकी क्षतिग्रस्त; हाइवे बंद

हादसे में वहां तैनात एक जवान महाजन मोहन रविंद्र, निवासी महाराष्ट्र के पैर में चोट आई है। दो जवान हादसे के समय बीओपी से करीब 20 मीटर की दूरी पर फोन पर बात करने के लिए गए थे।

Himanshu Kumar Lall हिन्दुस्तान, धारचूला, हिन्दुस्तानWed, 21 May 2025 09:05 AM
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उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बारिश-भूस्खलन ने मचाई तबाही, नेपाल बॉर्डर पर SSB चौकी क्षतिग्रस्त; हाइवे बंद

उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के तवाघाट नेशनल हाईवे पर पहाड़ी से आए बोल्डर और मलबा से भारत-नेपाल सीमा पर जुम्मा बड़गाम झूला पुल पर बनी एसएसबी की आउटपोस्ट (सीमा चौकी) क्षतिग्रस्त हो गई। इससे चौकी को काफी नुकसान पहुंचा है। हादसे के समय वहां तीन जवान तैनात थे।

इसमें से दो जवान उस समय पोस्ट से 20 मीटर दूर होने के कारण बच गए, जबकि सीमा पर स्थित इस चौकी में मौजूद एक जवान के पैर में चोट आई है। क्षेत्र में भारी बारिश के बीच सोमवार रात करीब 9:42 बजे एसएसबी की जुम्मा बडगाम आउटपोस्ट पर एनएच के ऊपर की पहाड़ी से भारी मलबा आ गया और बोल्डर गिरे।

बोल्डर इतनी रफ्तार से आए कि वे आउटपोस्ट की दीवार तोड़ते हुए चौकी को क्षतिग्रस्त कर गया। एसएसबी डीडीहाट के असिस्टेंट कमांडेंट जुबैर अहमद ने बताया कि घटना के समय तीन जवान वहां रात्रि पाली में थे। इस हादसे के बाद जुम्मा आउटपोस्ट से संपर्क नहीं होने के बाद एसएसबी की तवाघाट एवं दोबाट बीओपी से लोग मौके पर भेजे गए।

उन्होंने बताया कि हादसे में वहां तैनात एक जवान महाजन मोहन रविंद्र, निवासी महाराष्ट्र के पैर में चोट आई है। दो जवान हादसे के समय बीओपी से करीब 20 मीटर की दूरी पर फोन पर बात करने के लिए गए थे। इस कारण दोनों मलबे की चपेट में आने से बाल- बाल बच गए। एसएसबी के घायल जवान को उपचार के लिए धारचूला अस्पताल लाया गया, यहां चिकित्सकों ने उनकी स्थिति सामान्य बताई है।

आउटपोस्ट में होते सिग्नल तो हो सकता था बड़ा हादसा: एसएसबी की आउटपोस्ट में फोन के सिग्नल नहीं होना एसएसबी के दो जवानों के जीवन के लिए वरदान साबित हुआ। घटना के समय दोनों जवान मोबाइल पर बात करने के लिए आउटपोस्ट से बाहर करीब 20 मीटर की दूरी पर निकले हुए थे।इसी बीच पहाड़ी से भारी बोल्डर आने से आउटपोस्ट क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे के समय वे मौके पर होते तो हादसा बड़ा हो सकता था। लेकिन दोनों जवान सुरक्षित बच गए और बड़ा हादसा होने से टल गया।

लिपूलेख हाईवे 24 घंटे बाद हल्के वाहनों के लिए खुला

धारचूला-लिपूलेख नेशनल हाईवे पर तवाघाट से करीब चार किलोमीटर पहले पहाड़ी से भारी बोल्डर और मलबा 24 घंटे बाद हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया। हाईवे बंद होने की वजह से आदि कैलास, ओम पर्वत के साथ ही पंचाचूली के दर्शन के लिए आए पर्यटक और स्थानीय लोग बड़ी संख्या में पूरे दिन वाहनों में फंसे रहे। एसडीएम मंजीत सिंह ने मौके पर पहुंचकर कार्यदायी संस्था आवश्यक निर्देश दिए।

क्षेत्र में सोमवार रात हुई भारी बारिश से कूलागाड़ के समीप एनएच पर पहाड़ी से भारी भरकम बोल्डर सड़क पर आ गए। नतीजतन, मंगलवार को इस सड़क पर वाहनों की आवाजाही पूरे दिन ठप रही। सड़क के दोनों ओर बड़ी संख्या में यात्री वाहनों में फंसे रहे। एनएच बंद होने से आदि कैलास यात्रियों के साथ ही चीन सीमा से लगे क्षेत्र के लोगों की फजीहत हुई है। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

एसडीएम, धारचूला मंजीत सिंह कहते हैं कि एनएच पर भारी मात्रा में बोल्डर और मलबा आ गया है। मैंने मौके पर जाकर कार्यदायी संस्था को काम तेजी से करने के आदेश दिए हैं। ताकि यहां फंसे यात्रियों को जल्द से जल्द आगे की यात्रा सुलभ हो सके। हाईवे को मंगलवार देर शाम छोटे वाहनों के लिए खोल दिया गया है।

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