Workshop on Sentinel Lymph Node Biopsy for Breast Cancer Held at AIIMS Rishikesh ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए समय पर चिन्हीकरण जरूरी, Rishikesh Hindi News - Hindustan
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ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए समय पर चिन्हीकरण जरूरी

ब्रेस्ट कैंसर में सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी पर कार्यशाला शनिवार को एम्स ऋषिकेश में आयोजित की गई। इसमें नई तकनीकों पर चर्चा की गई और सर्जन चिकित्सकों को उन्नत कौशल हासिल करने का अवसर मिला। प्रो. मीनू...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषSat, 26 April 2025 05:44 PM
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ब्रेस्ट कैंसर की रोकथाम के लिए समय पर चिन्हीकरण जरूरी

ब्रेस्ट कैंसर में सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी पर शनिवार को एम्स ऋषिकेश में कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें ब्रेस्ट कैंसर से जुड़े मामलों में बीमारी के स्टेज के बारे में सटीक पता लगाने की नई तकनीकों के अध्ययन और इलाज के अनुभवों को साझा किया गया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कार्यशाला के आयोजन को सर्जन चिकित्सकों के लिए लाभदायक बताया। एम्स ऋषिकेश के जनरल सर्जरी विभाग और एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन्स ऑफ इंडिया के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों ने ब्रेस्ट सर्जरी और ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए की जाने वाली बायोप्सी प्रक्रिया की नई तकनीकों पर मंथन किया। एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक मीनू सिंह ने कैंसर संबंधी इलाज की प्रगति में चिकित्सा शिक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला से सर्जन चिकित्सकों को उन्नत कौशल हासिल करने का अवसर प्राप्त होगा और हमारे शल्य चिकित्सक बे्रस्ट केंसर के जांच परिणामों को और अधिक सटीकता से प्राप्त कर सकेंगे। डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी ने ब्रेस्ट कैंसर के उपचार और जांच की सटीकता पर कार्यशाला के आयोजन के लिए संस्थान के सर्जरी विभाग की सराहना की। चिकित्सा अधीक्षक प्रो. सत्या श्री ने देश में ब्रेस्ट कैंसर की बढ़ते मामलों और ब्रेस्ट कैंसर के प्रारंभिक निदान और प्रबंधन के महत्व पर जोर दिया। कहा कि बेहतर परिणामों के लिए हमें कैंसर के लक्षणों को प्रारम्भिक चरण में ही चिन्हित करने की आवश्यकता है। सर्जरी विभाग के हेड प्रो सोमप्रकाश बासु ने ब्रेस्ट केंसर की जांच तकनीकों के प्रशिक्षण हेतु एम्स ऋषिकेश को नोडल प्रशिक्षण केन्द्र बनाए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला रोगी-केंद्रित कैंसर देखभाल प्रदान करने हेतु स्वास्थ्य पेशेवरों की क्षमता को मजबूत करने में एक महत्वपूर्ण पहल है। कार्यशाला में बताया गया कि सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी प्रारंभिक ब्रेस्ट कैंसर के प्रबंधन में एक प्रमुख प्रक्रिया के रूप में उभरी है। जो पारंपरिक एक्सिलरी लिम्फ नोड विच्छेदन की तुलना में रोगी की बीमारी को कम करते हुए कैंसर स्टेजिंग में बेहतर सटीकता प्रदान करती है। कार्यशाला के अलग-अलग सत्रों में एसएलएनबी तकनीक में लाइव प्रदर्शन और प्रशिक्षण, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ब्रेस्ट कैंसर विशेषज्ञों के व्याख्यान, केस-आधारित चर्चा और इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र तथा दिशा निर्देश और नैदानिक अभ्यास पर नवीनतम अपडेट आदि विषयों पर व्यापक चर्चा की गयी। प्रतिभागियों ने अत्याधुनिक तकनीकों और वास्तविक समय के ऑपरेटिंग रूम प्रदर्शनों में प्रशिक्षण से लाभ उठाया। कार्यशाला को एबीएसआई की अध्यक्ष प्रो. नवनीत कौर, कार्यशाला के संयोजक और एम्स ऋषिकेश के ब्रेस्ट यूनिट के प्रभारी डॉ. फरहानुल हुदा ने भी संबोधित किया। इस दौरान एम्स दिल्ली के सर्जरी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ. अनुराग श्रीवास्तव, एम्स दिल्ली के ही पूर्व प्रो. डॉ. वी सीनू, एसजीपीजीआई लखनऊ के डॉ. गौरव अग्रवाल, सीएमसी वेल्लोर के डॉ. एमजे पाल, केजीएमयू लखनऊ के डॉ. पूजा रमाकांत, एम्स दिल्ली के डॉ. बृजेश सिंह और डॉ. अंजुम सैयद सहित एम्स ऋषिकेश की प्रो. शालिनी राव, डॉ. नीलोत्पल चौधरी, डॉ. वंदना ढींगरा, डॉ. अमित सेहरावत, डॉ. दीपा जोसेफ सहित सर्जरी विभाग के एसआर डॉ. अमूल्य रेड्डी और डॉ. निर्मलराज मौजूद रहे।

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