Srinagar Garhwal Faces Infrastructure Challenges Three Years After Municipal Upgrade बोले गढ़वाल: श्रीनगर के रगड़ा बगवान क्षेत्र की बदहाल सड़क पर चलना मुश्किल, Srinagar Hindi News - Hindustan
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बोले गढ़वाल: श्रीनगर के रगड़ा बगवान क्षेत्र की बदहाल सड़क पर चलना मुश्किल

श्रीनगर गढ़वाल में नगर पालिका से नगर निगम बनने के तीन वर्ष बाद भी बुनियादी सुविधाएं गंभीर संकट में हैं। रगड़ा बगवान क्षेत्र की सड़कों की स्थिति खराब है, जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, श्रीनगरTue, 4 March 2025 04:17 PM
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बोले गढ़वाल: श्रीनगर के रगड़ा बगवान क्षेत्र की बदहाल सड़क पर चलना मुश्किल

नगर पालिका से नगर निगम बनने के तीन वर्षों बाद भी श्रीनगर गढ़वाल के अधिकांश क्षेत्रों में बुनियादी व्यवस्थाएं ढर्रे पर नहीं आ पाई हैं। इसका उदाहरण देखने को मिलता है नगरनिगम क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले रगड़ा बगवान क्षेत्र में जहां क्षतिग्रस्त होकर बदहाल हो चुकी सड़कें लंबे समय से लोगों की परेशानी का सबब बनीं हुई हैं। सड़कों पर बने गड्ढों के साथ उखड़े डामर को देखकर ये कहना मुश्किल है कि ये कभी पक्की सड़क भी रही होंगी। श्रीनगर से रविन्द्र प्रसाद की रिपोर्ट...

31 दिसंबर 2021 को नगर पालिका से उच्चीकृत होकर 40 वार्डों के साथ नगरनिगम बने श्रीनगर गढ़वाल में निगम बनने के 3 वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं का टोटा बना हुआ है। नगरनिगम में शामिल नए क्षेत्रों को छोड़ भी दिया जाय तो पुराने और शहरी क्षेत्रों में मौजूद इलाकों में ही नागरिक सुविधाओं को पाने के लिए लोग तरस रहे हैं। इसका उदाहरण देखने को मिलता है लगभग 2000 की आबादी वाले रगड़ा बगवान मोहल्ला क्षेत्र में जहां प्रवेश करते ही बेहद खस्ताहाल मुख्य सड़क और सम्पर्कमार्गों की तस्वीर दिखाई देती है। लंबे समय से बदहाल पड़े इन रास्तों पर वाहन तो छोड़िये पैदल चलना भी मुश्किलोंभरा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पांच वर्षों बाद भी सड़कों की स्थिति नहीं सुधारी जा सकी है, जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

क्षेत्र में कहने को तो सीवर लाइन है, लेकिन आज भी कई आवासीय भवनों को सीवरलाइन से जोड़ा ही नहीं जा सका है जिस कारण लोग सीवर निस्तारण की समस्या को लेकर भी परेशान हैं। कूड़ा निस्तारण की व्यवस्था के लचर होने से भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि कूड़ा वाहन उनके क्षेत्र में नियमित तौर पर पहुंचता ही नहीं है, जिससे उन्हें परेशानियां होती हैं। उनका कहना है कि नगरनिगम डोर टू डोर कूड़ा उठान के नाम पर उनसे शुल्क तो लेता है, लेकिन इस सुविधा के तहत कूड़ा उठान होता ही नहीं है। इस क्षेत्र में अनेक बिजली के पोल सड़ी गली अवस्था हैं जो कब गिरकर किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम दे दें, कहा नहीं जा सकता। ऐसे में समय रहते यदि इन्हें हटाया नहीं गया तो ये मुसीबत का सबब भी बन सकता है। इलाके में बिजली के तारों का जाल भी एक बड़ी समस्या है।

सुझाव

1. क्षेत्र के सभी आवासीय भवनों को सीवरलाइन व्यवस्था से जोड़ा जाए।

2. क्षतिग्रस्त सम्पर्क मार्गों का जल्द ही डामरीकरण या पुर्ननिर्माण हो जिससे आवाजाही आसान हो।

3. डोर टू डोर कूड़ा उठान की सुविधा मिले व सफाईकर्मी नियमित रूप से आएं।

4. बिजली विभाग क्षेत्र से जंक लगे सड़ेगले बिजली के खंभों को तत्काल हटाए।

5. नगर निगम लावारिस पशुओं की व्यवस्था करे जिससे दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

शिकायतें

1. पूरे क्षेत्र में सीवर लाइन की व्यवस्था नहीं है कई आवासीय भवन लाइन से कनेक्ट नहीं हैं।

2. आंतरिक सम्पर्क मार्ग लंबे समय से डामरीकरण नहीं होने से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं।

3. डोर टू डोर कूड़ा उठान सुविधा नहीं मिल रही है।

4. क्षेत्र में कई बिजली के पोल जंक लगने से सड़कर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिनसे दुर्घटनाओं की आशंका है।

5. लावारिस पशुओं का जमघट मोहल्ले के मार्गों पर लगा रहता है, जिससे दिक्कत होती है।

पांच साल से सड़कों का सुधार नहीं

रगड़ा बगवान क्षेत्र में मुख्य मार्ग के साथ आंतरिक संपर्क मार्ग बुरी तरह क्षतिग्रस्त हैं। पांच वर्षों बाद भी इलाके की सड़कों का जहां सुधारीकरण नहीं हो सका है वहीं इन सड़कों पर चलना भी टेढ़ी खीर साबित होता है। उखड़े डामर व गड्ढों के कारण उबड़-खाबड़ हो चुके बदहाल रास्तों पर वाहनों को ले जाना जहां मुश्किलोंभरा है वहीं इनपर पैदल आवाजाही भी आसान नहीं है। बार-बार लगती ठोकरों से चोटिल होते लोगों की परेशानियां तब और बढ़ जाती हैं जब बारिश के बाद सड़क पर पड़े गड्ढों में जलभराव होने से इन पर आवाजाही और खतरनाक हो जाती है। लोगों का कहना है कि नगर निगम बनने के बाद उन्हें उम्मीद थी कि सड़कें सुधरेंगी, लेकिन उन्हें निराश ही होना पड़ रहा है।

बिजली के पोलों पर लगा जंक

रगड़ा बगवान में बदहाल सड़कें और सम्पर्कमार्ग ही लोगों के लिये मुसीबत नहीं हैं बल्कि विद्युत विभाग के खम्भे भी आफत का कारण बने हुए हैं। बिजली लाइनों को सहारा देते लोहे के खंभों के जंक से सड़गल जाने के बावजूद भी उन्हें बदला नहीं जा रहा है। स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई सड़ेगले खंबों को तो लम्बा समय होने और लोगों द्वारा शिकायत करने के बावजूद नहीं हटाया जा सका है। आवासीय भवनों के पास मौजूद इन बिजली के खंभो से हर समय किसी भी वक्त इनके गिरने का खतरा बना रहता है जिससे आसपास रहने वाले लोग खौफजदा हैं। जरा सी आंधी चलने पर इनके कभी भी पास रहने वाले घरों पर गिरकर किसी बड़ी दुर्घटना को अंजाम देने की आशंका बनी रहती है।

रगड़ा बगवान में सफाई व्यवस्था चौपट

रगड़ा बगवान क्षे़त्र में सफाई व्यवस्था भी जहां बदहाल है वहीं डोर टू डोर कूड़ा उठान की सुविधा के नाम पर क्षेत्रवासियों से नगरनिगम 30 रुपये का शुल्क तो वसूलता है, लेकिन उन्हें कूड़ा उठान की सुविधा नहीं देता। स्थानीय निवासियों का कहना है कि जब इस सुविधा के तहत उनसे शुल्क लेने की शुरूआत हुई तो उन्हें खुशी थी कि नगरनिगम उनके घर से कूड़े का उठान करेगा तो उन्हें भी दूर जाकर कचरे के निस्तारण में परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी, लेकिन कूड़ा उठान तो दूर उल्टा उनके जेब पर निगम डाका डाल रहा है जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। क्षेत्र में कूड़ावाहन के साथ सफाईकर्मियों का अनियमित होना भी उन्हें परेशान किये हुए है। उनका कहना है कि यदि निगम उन्हें सुविधाएं देने में सक्षम नहीं हैं तो फिर उनसे शुल्क भी न लिया जाय।

बोले लोग

नगर निगम बनने के बाद बुनियादी सुविधाओं को दुरूस्त करने की उम्मीद थी लेकिन अभी तक निराशा ही हाथ लगी है। -नीलम रावत, स्थानीय निवासी।

मोहल्ले के आंतरिक सम्पर्क मार्गों की स्थिति बेहद खराब है। सडकों का डामर उखड़ा हुआ है जिनमें दुपहिया वाहनों के दुर्घटनाग्रस्त होने की आशंका रहती है। -पूनम बौंठियाल, स्थानीय निवासी

मोहल्ले में कूड़ा निस्तारण की बड़ी समस्या है। कूड़े की गाड़ी नियमित रूप से नहीं आती है। -ममता मेवाड़, स्थानीय निवासी।

मोहल्ले में लावारिस पशुओं का जमावड़ा रहता है। इनके कारण दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। -सरोजनी पंवार, स्थानीय निवासी।

डोर टू डोर कूड़ा उठान की व्यवस्था भी केवल कागजों पर है। सुविधा दे नहीं दी जा रही तो शुल्क भी न लें। -प्रीति पुंडोरा, स्थानीय निवासी।

मोहल्ले की सड़कों का कई सालों से मरम्मतीकरण न होने से इन पर वाहन चलाना तो दूर पैदल आवाजाही में भी मुश्किलें पड़ती हैं। -पूजा उनियाल, स्थानीय निवासी।

सीवरलाइन की कनेक्टिविटी सभी आवासीय भवनों तक नहीं है जिस कारण सीवर निस्तारण की समस्या भी बनी हुई है। -कृष्णा नेगी, स्थानीय निवासी।

नगरनिगम बनने के बाद मूलभूत सुविधाओं की कमी दूर होने की उम्मीद थी लेकिन अभी तक व्यवस्थाएं दु्नरुस्त नहीं हो पाई हैं। -शशिकला नेगी, स्थानीय निवासी।

मोहल्ले के अंदर सम्पर्क मार्गों का सुधारीकरण होना आवश्यक है क्षतिग्रस्त मार्गों के गढ्डे कई बार परेशानी का सबब बन जाते हैं। - शशि नेगी, स्थानीय निवासी।

क्षेत्र में जर्जर बिजली के पोल भी हैं जिनसे हमेशा दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। आंधी से गिरने का खतरा रहता है। -सीमा चौहान, स्थानीय निवासी।

सभी घरों को सीवर लाइन से कनेक्ट नहीं किया गया है सम्पर्क मार्ग भी बदहाल हैं। इन समस्याओं का हल मेरी प्राथमिकता होगी। -सूरज नेगी, नवनिर्वाचित पार्षद।

बदहाल सड़क पर सामान्य दिनों में आवाजाही जितनी मुश्किल है, उससे कई गुना ज्यादा जरा सी बरसात में सड़क के गड्ढों में जलभराव होने के बाद होती है। -हेमंत कोहली, स्थानीय निवासी।

सीवरलाइन व्यवस्था है बदहाल

रगड़ा बगवान क्षे़त्र में सभी आवासीय भवनों को अभी सीवरलाइन व्यवस्था से भी नहीं जोड़ा जा सका है। निगम के शहरी क्षेत्र में होने के बावजूद भी पूरे इलाके को सीवरलाइन व्यवस्था से नहीं जोड़े जाने के कारण लोगों को परेशानियां उठानी पड़ रही हैं। क्षेत्र में लावारिस पशु भी समस्या बने हुए हैं। लोगों का कहना है कि उनके क्षेत्र में मौजूद लावारिस पशु परेशानी बने हुए हैं।

बोले जिम्मेदार

नगर निगम श्रीनगर की मेयर आरती भंडारी ने बताया कि रगड़ा बगवान समेत पूरे निगमक्षेत्र में विकासकार्यों को चरणबद्ध रूप से करवाना हमारी प्राथमिकता है। जनता ने बड़ी उम्मीदों के साथ हमें चुना है तो उनकी समस्याओं का समाधान भी समयबद्ध रूप से करवाने की जिम्मेदारी हमारी है। रगड़ा बगवान समेत अन्य क्षेत्रों की निगमस्तर की जनसमस्याओं को भी उपलब्ध संसाधनों में हल करवाने की कोशिशों में हम जुट गए हैं।

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