शहरवासियों को टूटी सड़क से मिलेगी निजात, सर्वे में जुटी पालिका
Maharajganj News - नगर पालिका प्रशासन ने महराजगंज में टूटी सड़कों की मरम्मत के लिए सर्वे शुरू कर दिया है। 69 हजार जनसंख्या वाले इस नगर में जर्जर सड़कों की प्राथमिकता के आधार पर काम होगा। सर्वे रिपोर्ट के बाद टेंडर...

महराजगंज, हिन्दुस्तान टीम। शहरवासियों को बहुत जल्द टूटी सड़क से निजात मिलेगी। इसके लिए नगर पालिका प्रशासन ने सर्वे शुरू कर दिया है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टेंडर से सड़क मरम्मत कार्य होगा। नगर पालिका प्रशासन जर्जर हो चुकी सड़कों की प्राथमिकता के आधार पर मरम्मत कार्य कराएगा। 69 हजार आबादी वाले नगर पालिका महराजगंज में 25 वार्ड हैं। सीमा विस्तार में शामिल गांव से वार्ड बने मोहल्लों को छोड़कर पुरानी आबादी में सड़कों की जाल है। लेकिन इनमें अधिकांश सड़कें टूटकर गड्ढों में तब्दील हो गई है। टूटी सड़क पर वाहन तो दूर पैदल चलना मुश्किल हो गया है।
नजर हटते ही लोग गिरकर घायल हो रहे हैं। नगर पालिका प्रशासन को हर रोज टूटी सड़क से हादसा होने की शिकायत मिल रही थी। नगर पालिका प्रशासन ने टूटी सड़कों की मरम्मत कराने के लिए कोशिश तेज कर दी है। वार्डवार टूटी सड़कों का सर्वे करा रहा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नगर पालिका प्रशासन टूटी सड़कों की मरम्मत कराएगा। बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करने के बाद टेंडर निकालेगा। टेंडर के माध्यम से सड़क मरम्मत कार्य कराएगा। ईओ नगर पालिका महराजगंज आलोक कुमार ने कहा, वार्डवार टूटी सड़कों का सर्वे कार्य चल रहा है। सर्वे रिपोर्ट के आधार पर टेंडर के माध्यम से सड़क मरम्मत कार्या कराया जाएगा। जर्जर हो चुकी सड़कों को प्राथमिकता पर मरम्मत कराना है। सड़क निर्माण में गुणवत्ता की कमी मिलने पर संबंधित कार्यदायी संस्था के खिलाफ कार्रवाई तय है। बनते ही टूट गई हैं अधिकांश सड़कें नगर पालिका प्रशासन ने शहरवासियों को आवागमन के लिए आबादी के हिसाब से सड़कों का निर्माण कराया है। लेकिन सड़क निर्माण में गुणवत्ता का पालन नही किया गया है। इससे अधिकांश सड़कें बनते ही टूटना शुरू हो गई। बैकुंठपुर(पुराना नाम जयप्रकाशनगर), अमरूतिया, वीरबहादुरनगर, सक्सेनानगर, विस्मिलनगर, आजादनगर, शास्त्रीनगर और चिउरहा में अधिकांश सड़कें बनते ही टूटकर गड्ढ़ों में तब्दील हो गई है। गांव से वार्ड बने मोहल्लों को नहीं मिली सड़क सुविधा नगर पालिका परिषद महराजगंज सीमा विस्तार में 32 गांव और टोले शामिल हुए हैं। गांव से वार्ड बने इन मोहल्लों में अब तक सड़क की सुविधा नहीं मिली है। मोहल्लेवासी कच्ची सड़क से आवागमन कर रहे हैं। बारिश में कच्ची सड़क से मोहल्लेवासियों की सांसत हो जाती है।
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