uttarakhand education system is going to change geeta and ramayan introduced in syllabus उत्तराखंड में बदलने जा रहा पढ़ाई का सिस्टम, पाठ्यक्रम में शामिल होंगी गीता और रामायण, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़uttarakhand education system is going to change geeta and ramayan introduced in syllabus

उत्तराखंड में बदलने जा रहा पढ़ाई का सिस्टम, पाठ्यक्रम में शामिल होंगी गीता और रामायण

उत्तराखंड का स्कूल सिलेबस और हायर एजुकेशन का सिलेबस बदलने वाला है। मुख्यमंत्री धामी ने सिलेबस में श्रीमदभगवद् गीता के साथ रामायण को शामिल करने का निर्देश दिया है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, देहरादूनSun, 1 June 2025 09:35 AM
share Share
Follow Us on
उत्तराखंड में बदलने जा रहा पढ़ाई का सिस्टम, पाठ्यक्रम में शामिल होंगी गीता और रामायण

उत्तराखंड में विद्यालयी शिक्षा और उच्च शिक्षा में पढ़ाई का परंपरागत ढर्रा बदलने जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कक्षा तीन से 12 वीं तक के लिए तैयार राज्य स्तरीय पाठ्यचर्या (एससीएफ) को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री ने श्रीमदभगवद् गीता के साथ रामायण को पाठ्यक्रम में शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

निदेशक-अकादमिक, शोध और प्रशिक्षण वंदना गर्ब्याल ने बताया गीता और रामायण को पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए पाठ्यचर्चा समिति ने बैठक कर रूपरेखा तय कर ली है। मालूम हो कि शिक्षा करीब छह माह से अधिक वक्त से राज्य स्तरीय पाठ्यचर्या का खाका तैयार कर रहा था। डीजी-शिक्षा की अध्यक्षता वाली राज्य स्तरीय कमेटी से इसे मंजूरी मिल चुकी थी। शासन स्तर पर मुख्यमंत्री के स्तर से भी इस पर मुहर लग गई है।

रोजगार की पढ़ाई पर मुख्य फोकस

छात्र-छात्राओं में स्वरोजगार की भावना को विकसित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा को भी शामिल किया गया है। अब तक यह राज्य में कक्षा नौ से शुरू होती थी। इनमें भी स्कूलों की संख्या सीमित है। लेकिन एससीएफ में व्यावसायिक शिक्षा को कक्षा छह से शुरू करने पर जोर दिया गया है। कक्षा तीन से पांच तक छात्र सात विषय, कक्षा छह से आठ तक नौ विषय और कक्षा नौ व दस में दस विषय अनिवार्य होंगे। कक्षा नौ व दस में गणित विषय सभी के लिए अनिवार्य होगा। इंटरमीडिएट में छह विषयों की पढ़ाई होगी। शिक्षा में रोजगार की पढ़ाई, शारारिक शिक्षा और कला विषयों को भी प्राथमिकता दी गई है। भविष्य में इसी के अनुसार पुस्तकें प्रकाशित होंगी और परीक्षाएं भी इसी के अनुसार की जाएंगी।

यूं हो रहे हैं बदलाव: विदित हो कि एनईपी ने राज्यों को एनसीईआरटी से तय पाठ्यक्रम में 30 प्रतिशत अंश राज्य की भौगोलिक, सामाजिक, सांस्कृतिक विशिष्टताओं को शामिल करने की रियायत दी है। इसके आधार पर राज्य ने अपना एससीएफ तैयार किया है। इसमें राज्य के सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षा और कला विषयों की पढ़ाई को अन्य महत्वपूर्ण विषयों के समान ही प्राथमिकता मिलेगी। कला और शारीरिक शिक्षा विषय को कक्षा तीन से ही पाठयक्रम में शामिल किया जाएगा। कक्षा छह से व्यावसायिक शिक्षा को भी पढ़ाई का अहम हिस्सा बनाया जाएगा।

विश्वविद्यालय, कालेजों के समान पाठ्यक्रम इसी साल से

राज्य के विश्वविद्यालय और कालेजों में वर्ष 2025-26 से पाठ़यक्रम समान रूप से लागू होने जा रहा है। पाठ़यक्रम निर्धारण समिति ने अपनी रिपोर्ट और संस्तुतियां शासन को सौंप दीं। इसमें क्रेडिट स्ट्रक्चर, क्षमता विकास से जुड़े कोर्स, वेल्यू एडेड कोर्स, स्किल डेवलेपमेंट कोर्स का स्वरूप तय किया गया है। इसके साथ ही छात्रों के लिए स्नातक में पहले दो साल में माइनर प्रोजेक्ट को अनिवार्य करने की सिफारिश की गई है। कला वर्ग के छात्रों के लिए डेटा साइंस को अनिवार्य करने की संस्तुति है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।