अब होगी झमाझम बारिश, 13 दिनों की रुकावट के बाद फिर रफ्तार पकड़ेगा मॉनसून; इन राज्यों को राहत
14 जून के आसपास से देश के मध्य, पूर्व और उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में मानसून फिर से जोर पकड़ सकता है, जिससे भीषण गर्मी से राहत मिलेगी और बारिश की गतिविधियां तेज होंगी।

13 दिनों की लंबी रुकावट के बाद अब मॉनसून एक बार फिर उत्तर की ओर बढ़ने को तैयार है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) और निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट वेदर सर्विसेज दोनों ने मंगलवार को इसकी पुष्टि की। मॉनसून की उत्तरी सीमा पिछले 13 दिनों से स्थिर थी। 29 मई के बाद से मॉनसून की प्रगति रुक गई थी, जिसके कारण उत्तर भारत के कई हिस्सों में गर्मी और उमस का प्रकोप बढ़ गया। वर्तमान में मॉनसून की सीमा पश्चिम में मुंबई और पूर्व में सिक्किम-सब हिमालयी पश्चिम बंगाल तक सीमित है। लेकिन अब बंगाल की खाड़ी में बन रहे मौसमी सिस्टम के कारण मॉनसून को नई गति मिलने की उम्मीद है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, स्काईमेट के अध्यक्ष जी.पी. शर्मा ने कहा कि बंगाल की खाड़ी में दो लगातार मॉनसूनी सिस्टम्स (जिनमें से एक अभी बनने की संभावना है) बारिश को फिर से सक्रिय करेंगे और मॉनसून को नए क्षेत्रों में पहुंचाने में मदद करेंगे। IMD के एक अधिकारी ने भी इस अनुमान को समर्थन दिया और बताया कि अनुकूल परिस्थितियों के चलते मॉनसून 14 जून के आसपास मध्य और पूर्वी भारत के हिस्सों में प्रगति कर सकता है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि दूसरे सिस्टम की पुष्टि अभी बाकी है।
इन राज्यों में तेजी से बढ़ेगा मॉनसून
शर्मा ने बताया, “पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी में एक चक्रवाती परिसंचरण बन चुका है, जो आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों, रायलसीमा और कर्नाटक में बारिश ला सकता है। सप्ताहांत तक भारी बारिश कोंकण और गोवा तक पहुंच सकती है।” उन्होंने आगे कहा कि 14 जून को उत्तर बंगाल की खाड़ी में एक और चक्रवातीय परिसंचरण बनने की संभावना है, जो ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के रास्ते आगे बढ़ेगा और मॉनसून की गति को तेज करेगा।
इन सिस्टम्स के सम्मिलित प्रभाव से उन क्षेत्रों में भी मॉनसून फिर से सक्रिय होगा, जहां इसके आगमन के बाद बारिश में कमी आई थी। साथ ही यह पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के बाकी हिस्सों को भी कवर करेगा। शर्मा ने कहा, “इसके अलावा, आने वाले दिनों में मॉनसून की उत्तरी सीमा भी आगे बढ़ेगी, जिससे उत्तर भारत में जारी गर्मी से राहत मिलने की संभावना है।” IMD के अनुसार, "उत्तर तमिलनाडु से दक्षिण महाराष्ट्र तट तक एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ बन रहा है, जो लगभग 15 डिग्री उत्तरी अक्षांश के साथ एक शीयर जोन का निर्माण कर रहा है। यह मॉनसून की हवाओं को मजबूत करेगा और आने वाले दिनों में बारिश की प्रगति को बढ़ावा देगा।"
कई स्थानों पर लू चली
IMD के मंगलवार की बुलेटिन के अनुसार, मध्य प्रदेश के उत्तरी हिस्सों में अधिकांश स्थानों पर लू की स्थिति बनी रही, जबकि पश्चिम राजस्थान, पंजाब, हरियाणा-चंडीगढ़-दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम यूपी में भी कई स्थानों पर लू चली। पश्चिम राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर में कहीं-कहीं पर भीषण लू की स्थिति दर्ज की गई।
IMD ने बताया कि उत्तर-पश्चिम भारत में लू की स्थिति से राहत मिलने की संभावना 13 जून से है। एक अधिकारी ने बताया कि उत्तर ओडिशा और उससे सटे क्षेत्रों में एक चक्रवातीय परिसंचरण स्थित है, जो मॉनसून की हवाओं को मजबूत कर रहा है। 12 जून से दक्षिण महाराष्ट्र में अच्छी वर्षा की उम्मीद है और इसके बाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी बारिश बढ़ेगी। केरल और कर्नाटक में पहले से ही मॉनसून सक्रिय है और अगले कुछ दिनों में हल्की से मध्यम बारिश होने का अनुमान है।
29 मई के बाद मॉनसून की कोई प्रगति नहीं हुई है। अधिकारी ने बताया, “10 जून को भी मॉनसून आगे नहीं बढ़ा, लेकिन 14 जून से इसमें प्रगति शुरू होने की संभावना है। ओडिशा तट के साथ स्थित मौजूदा सिस्टम के पश्चिम की ओर बढ़ने से मॉनसून आगे बढ़ेगा।” IMD के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवातीय परिसंचरण के पश्चिम की ओर बढ़ने से भारी बारिश हो सकती है और इससे मध्य और पूर्वी भारत में मॉनसून की प्रगति को बल मिलेगा। उन्होंने कहा कि “उत्तर तमिलनाडु से दक्षिण महाराष्ट्र तट तक बना एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ, जो लगभग 15°N अक्षांश के साथ एक ‘शियर जोन’ बना रहा है, मॉनसून के पुनरुत्थान का संकेत है। इससे मॉनसूनी हवाएं मजबूत होंगी और आने वाले दिनों में उत्तर की ओर बारिश की प्रगति में मदद मिलेगी।”
यूपी कब पहुंचेगा मॉनसून?
उत्तर प्रदेश में मॉनसून के 14 जून के आसपास सक्रिय होने की संभावना है, जिसके बाद राज्य के पूर्वी और मध्य हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश शुरू हो सकती है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, 18 से 20 जून तक मॉनसून पूरे उत्तर प्रदेश को कवर कर सकता है, विशेष रूप से लखनऊ, वाराणसी, और प्रयागराज जैसे क्षेत्रों में। पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जैसे मेरठ और आगरा, में बारिश के लिए 22-25 जून तक इंतजार करना पड़ सकता है। इस दौरान तापमान में कमी और गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद है।
कहां होगी बारिश?
मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि 12 से 18 जून के बीच मॉनसून मध्य और पूर्वी भारत के कुछ और हिस्सों में आगे बढ़ेगा। इस दौरान कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना है।
मध्य भारत: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और विदर्भ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश।
पूर्वी भारत: ओडिशा, झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल में बारिश की गतिविधियां बढ़ेंगी।
दक्षिण भारत: दक्षिण महाराष्ट्र, केरल, कर्नाटक, कोंकण और गोवा में 12 से 15 जून के बीच भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
उत्तर-पश्चिम भारत में गर्मी से राहत
उत्तर-पश्चिम भारत, विशेष रूप से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान, में पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी और लू की स्थिति बनी हुई थी। दिल्ली में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था। हालांकि, मॉनसून के पुनरुद्धार के साथ, इन क्षेत्रों में गर्मी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। IMD के अनुसार, दिल्ली में मॉनसून 25-27 जून के बीच पहुंच सकता है, जो सामान्य तारीख 29 जून से कुछ दिन पहले है।
पंजाब एवं हरियाणा में जबदस्त गर्मी, बठिंडा का तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस
पंजाब एवं हरियाणा में मंगलवार को भी भीषण गर्मी का प्रकोप जारी रहा और बठिंडा में अधिकतम तापमान 47.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो दोनों राज्यों में सबसे अधिक है। मौसम विभाग ने इसकी जानकारी दी है। हरियाणा के सिरसा में भी भीषण गर्मी रही और यहां अधिकतम तापमान 46.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में इस मौसम का अब तक का सर्वाधिक अधिकतम तापमान 43.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सोमवार को 43.8 डिग्री सेल्सियस था। दोनों राज्यों के अन्य स्थानों पर सामान्य से अधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया तथा भीषण गर्मी जारी रही।
हरियाणा के सिरसा के बाद रोहतक में भी अधिकतम तापमान 46.1 डिग्री सेल्सियस के साथ समान रूप से गर्म मौसम रहा। नारनौल, हिसार, अंबाला, करनाल और भिवानी में भी भीषण गर्मी रही और अधिकतम तापमान क्रमश: 45.2, 44.5, 44.3, 44.5 और 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
गुरुग्राम में अधिकतम तापमान 42.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इस बीच, पंजाब में भी भीषण गर्मी पड़ रही है, जहां अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में क्रमश: 44.8, 44 और 44.5 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया।
फिरोजपुर में अधिकतम तापमान 43.5 डिग्री, पठानकोट में 43.2 डिग्री, जबकि फरीदकोट और गुरदासपुर में अधिकतम तापमान क्रमशः 44.4 और 44 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
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